अमरावती/पुणे: महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के अमरावती जिले में 22 फरवरी को रात आठ बजे से एक सप्ताह के लिए लॉकडाउन लागू रहेगा. कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के चलते यह निर्णय लिया गया है. राज्य के एक मंत्री ने रविवार को यह जानकारी दी.
मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि लॉकडाउन एक मार्च को सुबह आठ बजे तक लागू रहेगा.
एक अधिकारी ने कहा कि वायरस के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर अमरावती में लागू लॉकडाउन के अलावा अमरावती संभाग के अकोला, वाशिम, बुलढाणा और यवतमाल जिलों में भी कई तरह के प्रतिबंध लागू रहेंगे.
अमरावती की जिला प्रभारी मंत्री ठाकुर ने रविवार को कोरोना वायरस के हालात की समीक्षा की.
उन्होंने कहा कि संक्रमण के मामलों में हालिया बढ़ोत्तरी को काबू करने के लिए अमरावती में सप्ताह भर का लॉकडाउन लगाना आवश्यक था.
मंत्री ने कहा, ‘ लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं के अलावा सभी दुकानें बंद रहेंगी. साथ ही सभी सरकारी एवं निजी शिक्षण संस्थान, निजी कोचिंग सेंटर आदि प्रतिष्ठान बंद रहेंगे. लोग अपनी जरूरत का सामान सुबह नौ बजे से शाम पाचं बजे के बीच खरीद सकेंगे.’
पुणे में नयी पाबंदियां घोषित
पुणे में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर जिला प्रशासन ने कुछ पाबंदियां लागू करने का फैसला किया है जिसमें लोगों के गैर-जरूरी गतिविधियों के लिए रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक आवागमन पर प्रतिबंध शामिल है. यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी.
पुणे संभाग के आयुक्त सौरभ राव ने संवाददाताओं को बताया कि स्कूल, कॉलेज और निजी कोचिंग कक्षाएं 28 फरवरी तक बंद रहेंगी, जबकि होटल और रेस्तरां को अपने प्रतिष्ठान हर दिन रात 11 बजे तक बंद करने होंगे.
उन्होंने कहा कि सूक्ष्म-निषिद्ध क्षेत्रों का निर्माण, कोविड-19 देखभाल केंद्रों की फिर से स्थापना, संक्रमितों के संपर्क में आये व्यक्तियों का पता लगाने के कदम और जांच में वृद्धि और शादियों और अन्य सामाजिक आयोजनों के लिए मानदंडों का सख्ती से कार्यान्वयन, कुछ ऐसे कदम हैं जो संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उठाए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि रविवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में कुछ प्रतिबंधों को वापस लगाने का निर्णय लिया गया.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार शनिवार को, पुणे डिवीजन में कोविड-19 के 998 नए मामले सामने आये थे और नौ और मरीजों की मौत हुई थी. डिवीजन में कोविड-19 मामलों की संख्या 5,14,319 और मृतक संख्या 11,698 है.
राव ने कहा कि पिछले तीन महीनों से जिले में स्थिति नियंत्रण में थी लेकिन, अब कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए कुछ निर्णय लिए गए हैं.
उन्होंने कहा कि सोमवार से रात 11 बजे से सुबह 6 बजे के बीच गैर-जरूरी गतिविधियों के लिए लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा.
उन्होंने कहा, ‘अखबार वितरण, दूध और सब्जी की आपूर्ति और अस्पताल की आपात स्थिति जैसी आवश्यक गतिविधियों को प्रतिबंधों से बाहर रखा गया है.’
उन्होंने कहा कि होटल, बार और रेस्तरां को सोमवार से रात 11 बजे तक बंद करना होगा.
उन्होंने कहा, ‘यह निर्णय एहतियात के तौर पर लिया गया है, जो अनावश्यक रूप से घूम रहे लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए किया गया है.’
राव ने कहा कि जहां तक संक्रमित होने की दर का सवाल है, पुणे जिला राज्य में 12वें स्थान पर है.
उन्होंने कहा, ‘जिले में संक्रमित होने की दर अब 10 फीसदी हो गई है. पंद्रह दिन पहले यह 4 से 5 फीसदी थी और अब जिले में मानक संचालन प्रक्रियाओं में सुधार करने की जरूरत है.’
एहतियात के तौर पर जिले में स्कूल और कॉलेज 28 फरवरी तक बंद रहेंगे.
राव ने कहा कि शुक्रवार को समीक्षा की जाएगी और स्थिति के अनुसार अगली रणनीति तय की जाएगी.
उन्होंने कहा कि निजी कोचिंग और कक्षाएं 28 फरवरी तक बंद रहेंगे जहां एकदूसरे से संपर्क होता है.
अधिकारी ने कहा, ‘हालांकि, अध्ययन केंद्र जैसे वे प्रतिष्ठान जहां सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी होती है, वे 50 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित होंगे.’
राव ने कहा कि शादियों और अन्य सामाजिक और राजनीतिक आयोजनों पर कुछ प्रतिबंध होंगे. एक सामाजिक सभा में 200 लोगों की सीमा की अनुमति दी गई थी लेकिन जैसे ही स्थिति सामान्य हुई उल्लंघन देखा गया.
अधिकारी ने कहा, ‘अब, शादियों और सामाजिक आयोजनों में 200 लोगों की सीमा को लागू करने का निर्णय लिया गया है.’
उन्होंने कहा कि अंतर-जिला आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन प्रशासन उम्मीद करता है कि यात्रा के दौरान लोग ‘कोविड- उपयुक्त व्यवहार’ का पालन करेंगे.
राव ने कहा कि सभी हॉटस्पॉट्स में, सूक्ष्म निषिद्ध क्षेत्र बनाए जाएंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में तहसील स्तर पर कोविड-19 देखभाल केंद्रों को सक्रिय करने का भी निर्णय लिया गया है.
उन्होंने कहा कि संक्रमण दर में वृद्धि को देखते हुए कोविड-19 जांच भी बढ़ाने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा, ‘वर्तमान में, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में जांच रोक दी गई है क्योंकि वहां पर जीनोम सीक्वेंसिंग का कार्य चल रहा है. हमने जिले में जांच बढ़ाने के लिए अन्य इकाइयों की मदद ली है.’