नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी सहित देश भर में बढ़ते कोविड के बीच डॉक्टरों ने लोगों को आवश्यक सावधानी बरतने और कोविड-19 के संदिग्ध लक्षणों को नजरअंदाज न करने की सलाह दी है. डॉक्टरों के अनुसार इस मौसम में वायरस ज्यादा फैल सकते है.
पिछले कुछ दिनों में कोविड मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है, देश भर में प्रतिदिन लगभग 3,000 मामले सामने आ रहे हैं. राष्ट्रीय राजधानी में भी मामलों में वृद्धि देखी गई, जहां हर रोज संक्रमण की संख्या 400 से अधिक देखी जा रही है.
राष्ट्रीय राजधानी में अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या भी बढ़ी है, बीएलके अस्पताल ने खांसी, सर्दी और बुखार जैसे लक्षणों वाले रोगियों की संख्या में वृद्धि की सूचना दी है.
बीएलके अस्पताल के चेस्ट और रेस्पिरेटरी विभाग के निदेशक और एचओडी डॉ संदीप नायर ने कहा कि ओपीडी में खांसी, जुकाम और बुखार जैसे लक्षणों वाले रोगियों की दैनिक संख्या में वृद्धि हुई है.
उन्होंने कहा, “ज्यादातर मरीज इन समस्याओं के साथ आ रहे हैं और जिन लोगों ने इन लक्षणों की सूचना दी है, उनका कहना है कि वे कई दिनों से इसका अनुभव कर रहे हैं. हम उनका कोविड-19 का टेस्ट भी करवा रहे हैं. कोविड से संक्रमित पाए जाने वालों को तत्काल होम आइसोलेशन की सलाह दी जा रही है. हालांकि, उनमें से बहुत कम को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है.”
उन्होंने आगे कहा कि ज्यादातर मरीज घर में रहकर ही ठीक हो रहे हैं. इसके अलावा, महामारी की शुरुआत के बाद से कई लोग ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श भी ले रहे हैं.
उन्होंने कहा, “केवल दिल, फेफड़े की बीमारियों और कैंसर से पीड़ित लोगों को ही कोविड से संक्रमित होने का अधिक खतरा है. यदि संक्रमित हैं, तो उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता है.”
डॉक्टर ने कहा कि इस समय मौसम किसी भी वायरस या संक्रमण के फैलने के अनुकूल है.
उन्होंने कहा, “यही कारण है कि हम विभिन्न संक्रमणों और वायरल मामलों में वृद्धि देख रहे हैं. लोगों में खांसी, जुकाम और बुखार जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं. साथ ही पिछले कई महीनों में, लोगों ने मास्क पहनना बंद कर दिया है, जो केसेस बढ़ने का एक मुख्य कारण हैं.”
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने भी मौजूदा कोविड स्थिति को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है.
मंडाविया ने सोमवार को कहा कि कोविड सब-वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि ज्यादातर लोगों को होम आइसोलेशन की सलाह दी जा रही है.
उन्होंने सभी उम्र के लोगों को मास्क पहनने और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने की सलाह भी दी.
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