रायपुर: छत्तीसगढ़ देश का पांचवा सबसे अधिक कोरोना एक्टिव मरीजों वाला राज्य बन चुका है. मंगलवार शाम तक राज्य में 22,057 सक्रिय कोविड के मामले थे, जबकि पिछले 24 घंटे में 3,108 नए मामले सामने आए हैं.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, दुर्ग, राजनांदगांव और रायपुर, जो कि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सीमा से लगे हैं, इन्हीं तीनों जिलों में 15,029 मामले हैं – जो कुल सक्रिय मामलों के लगभग 70 प्रतिशत हैं.
अधिकारियों का मानना है कि इसकी बड़ी वजह इन राज्यों से आने वाले प्रवासी हैं, जो काम या रिश्तेदारी के लिए छत्तीसगढ़ रोज़ाना आते हैं.
राज्य कोविड-19 प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार 1 मार्च के बाद मिलने वाले कोरोना पॉजिटिव मरीजों में ज्यादातर मरीज महाराष्ट्र के विदर्भ और मध्यप्रदेश से लगने वाले छत्तीसगढ़ के जिलों में पाए गए हैं.
अधिकारियों ने कहा कि दुर्ग जिले में सबसे अधिक सक्रिय मामले (8,165) हैं, और ऐसा इसलिए है क्योंकि इस क्षेत्र में महाराष्ट्र के लोगों सबसे अधिक आते हैं.
स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंह देव ने कहा कि सरकार ने अभी दोनों राज्यों के बीच लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए कोई योजना नहीं बनाई है.
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1 मार्च को 253 दैनिक मामलों से 30 मार्च को 3,108 तक
राज्य में पोजिटिविटी रेट इस महीने काफी बढ़ गई है – मार्च के शुरुआती दिनों में ये दर 0.99 प्रतिशत थी जो अब बढ़कर 6 प्रतिशत तक पहुंच गई है वहीं – टेस्टिंग भी 25,000 और 41,000 प्रति दिन के बीच है.
छत्तीसगढ़ सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 1 मार्च को केवल 253 कोविड के मामलों का पता चला था, जबकि 19 फरवरी को दर्ज 3,040 से पॉजिटिव मामलों की संख्या घटकर 2,880 रह गई थी.
इसके विपरीत, 1 मार्च के बाद प्रतिदिन आने वाले मामलों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, यह आंकड़ा इस वर्ष के उच्चतम पर पहुंच गया है – 27 मार्च को एक दिन में 3,162 मरीज आए थे.
इस दौरान एक्टिव मरीजों की तादात में 400 प्रतिशत से ज्यादा 20,181 हो गई है.
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव ने दिप्रिंट को बताया, ‘राज्य के कोविड 19 आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन से यह साफ है कि 50 प्रतिशत से ज्यादा कोविड पॉजिटव और एक्टिव केस महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से लगने वाले बॉर्डर वाले जिलों में ही मिले हैं.
सिंह देव ने कहा, ‘अन्य जिलों में यह तादात काफी कम है.’ उन्होंने यहा भी कहा, ‘अभी क्रॉस बॉर्डर मूवमेंट पर किसी प्रकार की रोक की सरकार की कोई मंशा नही है लेकिन आने वाले समय के विषय में कुछ नहीं कहा जा सकता. यह तय है कि कोरोना की दूसरी लहर का असर कम से कम आने वाले 3 माह तक रहने का अनुमान है. आवश्यकता पड़ी तो सरकार उचित कदम उठाएगी.’
राज्य कमांड एण्ड कंट्रोल सेन्टर कोविड-19 के प्रवक्ता और वरिष्ठ डॉक्टर सुभाष पांडेय ने बताया, ‘महाराष्ट्र के अमरावती, भंडारा, तुमसर, नागपुर, वर्धा, छांगनमेटा, भटनेरा जैसे क्षेत्रों से छत्तीसगढ़ आने वाले लोग ज्यादातर माइग्रेटरी पॉपुलेशन का हिस्सा हैं जो भिलाई दुर्ग, राजनांदगांव और रायपुर आते-जाते रहते हैं.’
पांडेय ने आगे बताया, ‘इनमें से कई लोग हर 2-3 दिन में यहां आना जाना करते हैं. ये लोग बड़ी संख्या में रोज़गार की तलाश और रिश्तेदारों से मिलने या फिर किसी समारोह में शामिल होने यहां आते हैं.’
‘दुर्ग का भिलाई नगर इस माइग्रेटरी पापुलेशन की धुरी है. इसके अलावा दुर्ग एक पोलिटिकल गतिविधियों का केंद्र भी जिससे यहां बाहरी लोग काफी संख्या में आते हैं.’
पांडेय दिप्रिंट से कहते हैं, ‘दूसरी तरफ रायपुर इस माइग्रेटरी पापुलेशन के लिए व्यापार का बहुत बड़ा केंद्र है जिसके कारण राज्य की राजधानी में महाराष्ट्र के अतिरिक्त मध्यप्रदेश के बॉर्डर वाले बैतूल, बालाघाट और छिंदवाड़ा जिलों से लोग बेरोक टोक आ रहे हैं. इसके साथ ही महाराष्ट्र से आने वालों में 40 से 60 साल तक के लोगों का भी मोबिलाइजेशन काफी ज्यादा है जिससे यहां कोरोना पॉजिटिव मिलने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है.’
‘लोग लापरवाह हो गए हैं’
ज्ञात हो कि महाराष्ट्र, केरल,पंजाब और कर्नाटक के बाद छत्तीसगढ़ देश में पांचवा सबसे अधिक कोरोना एक्टिव मरीजों वाला राज्य है. राज्य में अबतक 3.41 लाख से ज्यादा पॉजिटव केस मिले हैं. करीब 4096 लोगों की मौत हो चुकी है और 3.17 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं.
राज्य में जवाहर लाल मेडिकल कॉलेज वैक्सीन सेंटर के प्रभारी ओंकार खंडवाल ने बताया,’प्रदेश से लगने वाला महाराष्ट्र का विदर्भ क्षेत्र कोरोना संक्रमण के लिहाज से काफी सेंसिटिव माना जा रहा है. यहां पिछले कुछ महीनों से कोरोना मरीजों की संख्या काफी ज्यादा मिल रही है.’
खंडवाल ने दिप्रिंट से कहा, ‘कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने की बड़ी वजह लोगों ने कोविड के प्रति लापरवाही बरतना शुरू कर दिया था. बड़ी संख्या में लोगों ने शादी, जन्मदिन और अन्य सामुदायिक समारोह आयोजन करना शुरू कर दिया था. मास्क और सोशल डिस्टेनसिंग तो तकरीबन समाप्त हो गयी थी.’
वैक्सीनेशन का लक्ष्य 2 लाख, संक्रमण से चिंता बढ़ी
राज्य में 30 मार्च तक करीब 18.62 लाख लोगों का टीकाकरण हो चुका है.
अधिकारियों के अनुसार राज्य में टिकाकरण की गति कोई विशेष धीमी नही थी क्योंकि निर्धारित 1 लाख में करीब 60-70 प्रतिशत लक्ष्य पूरा होता रहा है. विगत 4-5 दिनों में यह आंकड़ा एक लाख के काफी करीब रहा. हालांकि 30 मार्च को होली के कारण यह सिर्फ 50 प्रतिशत ही रहा.
वैक्सीनेशन पर स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि ‘स्वास्थ्य विभाग प्रयास किया कि हम 1 लाख व्यक्तियों टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करें, जिसमें 27 मार्च को करीब 1.15 के शॉट्स लगाए गए हैं. इस लक्ष्य कि प्राप्ति से हमें सन्तोष हुआ है. अब हमने प्रतिदिन 2 लाख व्यक्तियों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा है. आने वाले दिनों में कम से कम 2 लाख लोगों के वैक्सीनेशन की व्यवस्था विभाग द्वारा योजना बनाई जा रही है.’
वहीं कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रतिशत पर टी एस सिंहदेव ने चिंता भी जताई है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा ‘मार्च माह के पहले सप्ताह में राज्य की पॉजिटिविटी रेट 0.99% पर था, जिसके उपरांत दूसरे सप्ताह में यह थोड़ा बढ़कर 1.6% पर पहुंचा एवं तीसरे सप्ताह तक यह 1.8% और चौथे सप्ताह में यह 6% पर चला गया है. उन्होंने कहा कि 1% से 6% तक यह बढ़ते संक्रमण की दर बड़ी चिंता का विषय है.
हालांकि, राज्य में कोरोना मरीजों की लगातार संख्या बढ़ने के बावजूद भी प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन से इनकार किया है लेकिन शानिवर को एक अहम निर्णय लेते हुए सरकार ने राज्य में व्यापारिक प्रतिष्ठानों को रात 9 बजे के बाद आवश्यक रूप से बंद करने का आदेश जारी कर दिया है.
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