मुंबई: बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के आंकड़े बताते हैं कि मुंबई में सोमवार को कोविड-19 के कुल 676 मामले दर्ज किए गए, जो करीब एक माह पहले शहर में रोज सामने आ रहे मामलों की तुलना में सात गुना से अधिक थे, और सप्ताहांत में इनमें निरंतर वृद्धि नजर आई है.
इस बीच, कोविड सकारात्मकता दर 10 प्रतिशत बनी हुई है.
शुक्रवार को 763, शनिवार को 889 और रविवार को 961 मामले दर्ज किए गए हैं.
इस अवधि के दौरान शनिवार को 8 प्रतिशत की तुलना में रविवार को कोविड पॉजिटिविटी रेट भी बढ़कर 10.9 प्रतिशत पर पहुंच गया.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मामलों में तेजी के लिए ओमीक्रॉन वेरिएंट के दो सब-वैरिएंट बीए.4 और बीए.5 के साथ-साथ टीकाकरण में सुस्ती और बूस्टर डोज लेने में कमी को जिम्मेदार ठहराया है.
इस मुद्दे पर सोमवार को कैबिनेट में चर्चा के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हम देख रहे हैं कि मुंबई, ठाणे, पुणे और पालघर सहित राज्य भर के छह जिलों में मामले बढ़ रहे हैं. हम देख रहे हैं सकारात्मकता दर और संक्रामकता अधिक है और ओमीक्रॉन के वैरिएंट बीए.4 और बीए.5 यहां पाए गए हैं.
टोपे ने यह भी कहा कि मुंबई में मास्क पहनना अनिवार्य नहीं है, लेकिन लोगों को ‘खुद ही मास्क पहनने की जरूरत को समझना’ चाहिए.
मंत्री ने कहा, ‘टीकाकरण अभियान धीमी गति और लोगों का एहतियाती खुराक नहीं लेना भी मामलों में तेजी की एक बड़ी वजह है.’
चिकित्सा पेशे से जुड़े लोगों ने दिप्रिंट ने कहा कि ‘प्रतिबंध हटाने में जल्दबाजी’ की कोविड मामलों में तेजी में बड़ी भूमिका हो सकती है. महाराष्ट्र सरकार ने 2 अप्रैल को, जब राज्य ने ‘गुड़ी पड़वा’ मनाया गया, मास्क की अनिवार्यता समेत सभी कोविड प्रतिबंध हटा दिए थे.
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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, महाराष्ट्र के पूर्व अध्यक्ष डॉ अविनाश भोंडवे ने कहा, ‘वायरस में लगातार म्यूटेशन के बीच नए सब-वैरिएंट मिलने के अलावा हम इसलिए भी मामलों में वृद्धि देख रहे हैं क्योंकि प्रतिबंध हटा दिए गए थे और लोग कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे थे. लोगों भीड़भाड़ में जुट रहे थे और टीकाकरण अभियान भी धीमा हो गया है.’
उन्होंने कहा, ‘दिसंबर-जनवरी में फैली ओमीक्रॉन लहर में बीए.1 और बीए.2 वैरिएंट सक्रिय थे, जो बहुत तेजी से फैलते हैं. यहां वायरस का खतरा थोड़ा कम होने से अस्पताल में भर्ती होने की दर कम रह सकती है. लेकिन एहतियाती टीका न लेने वाले कोमोर्बिडिटी प्रभावित वरिष्ठ नागरिक के लिए जोखिम बना हुआ है.’
शहर में बतौर फिजीशियन काम कर रहे डॉक्टर दीपक बैद ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन बचाव के उपायों का पालन करना जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना ही एकमात्र उपाय है. अच्छी बात यह है कि अभी अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या कम है, लेकिन हमें बाहर निकलते समय मास्क अनिवार्य तौर पर पहनना चाहिए.’
राज्य सरकार की तरफ से शुक्रवार को जारी एक प्रेस नोट के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग ने मेट्रो शहरों के साथ-साथ अन्य जिलों को भी टेस्टिंग में तेजी लाने को कहा है.
राज्य के हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक, सोमवार को राज्य भर में किए गए 15,988 टेस्ट में से 1,036 (6 प्रतिशत सकारात्मकता के साथ) कोविड पॉजिटिव पाए गए.
सरकार ‘अभी प्रतिबंधों के बारे में नहीं सोच रही’
टोपे ने कहा, चूंकि अभी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम है, इसलिए चिंता करने की ज्यादा जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘हम अभी प्रतिबंधों के बारे में नहीं सोच रहे हैं, लेकिन बूस्टर खुराक लेनी होगी.’
पिछले हफ्ते, बीएमसी ने चेतावनी दी थी कि मानसून की शुरुआत के साथ सिम्प्टमैटिक मामले और बढ़ सकते हैं. इसने अपने कर्मचारियों को सजग रहने की सलाह देते हुए टेस्टिंग को ‘युद्ध स्तर पर’ बढ़ाने और बूस्टर खुराक के साथ-साथ 12 से 18 आयु वर्ग के टीकाकरण के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाने का निर्देश भी दिया था.
नागरिक निकाय ने अपने सभी वार्डों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया कि जंबो फील्ड अस्पताल (पहली और दूसरी लहर के दौरान बने अस्थायी कोविड अस्पताल) में पर्याप्त संख्या में कर्मचारी मौजूद रहें.
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