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Monday, 4 November, 2024
होमहेल्थभारत बायोटेक को वैक्सीन के तीसरे फेज के परीक्षण के पहले दूसरे फेज का आंकड़ा देने को कहा गया

भारत बायोटेक को वैक्सीन के तीसरे फेज के परीक्षण के पहले दूसरे फेज का आंकड़ा देने को कहा गया

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से भारत बायोटेक 'कोवाक्सिन' टीका स्वदेशी रूप से विकसित कर रही है.

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नई दिल्ली : कोरोना वायरस के टीके पर काम कर रही कंपनी भारत बायोटेक से कहा गया है कि वह तीसरे चरण का परीक्षण शुरू करने से पहले अपने दूसरे चरण की जांच से संबंधित विभिन्न आंकड़े पेश करे.

कंपनी ने तीसरे चरण के परीक्षण के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से अनुमति मांगी है.

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से भारत बायोटेक ‘कोवाक्सिन’ टीका स्वदेशी रूप से विकसित कर रही है.

अधिकारियों के अनुसार, हैदराबाद स्थित टीका निर्माता ने दो अक्टूबर को डीसीजीआई को आवेदन देकर अपने टीके के तीसरे चरण के लिए परीक्षण की अनुमति मांगी.

कंपनी ने अपने आवेदन में कहा है कि इस अध्ययन में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के 28,500 लोगों को शामिल किया जाएगा और यह परीक्षण 10 राज्यों के 19 स्थानों पर किया जाएगा. इन स्थानों में दिल्ली, मुंबई, पटना और लखनऊ शामिल हैं.

सूत्रों के अनुसार, ‘कोवाक्सिन’ टीका के दूसरे चरण का परीक्षण चल रहा है और कुछ स्थानों पर स्वयंसेवियों को दूसरी खुराक अभी नहीं दी गई है.

एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने पहले और दूसरे चरण के नैदानिक ​​परीक्षणों के अंतरिम आंकड़ों के साथ तीसरे चरण के ​​परीक्षण के लिए ‘प्रोटोकॉल’ पेश किया.

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विशेषज्ञ समिति (एसईसीएस) ने पांच अक्टूबर को आवेदन पर विचार-विमर्श किया.

समिति ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद कहा कि तीसरे चरण के अध्ययन का डिजाइन सिद्धांत रूप में संतोषजनक है, सिवाय बिना लक्षण वाले की परिभाषा पर स्पष्टीकरण आदि के.

समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि दूसरे चरण के परीक्षण के सुरक्षा और प्रतिरक्षा संबंधी आंकड़ों के आधार पर पहचानी गई उचित खुराक के साथ अध्ययन शुरू किया जाना चाहिए. इस प्रकार कंपनी को ऐसे संबंधित आंकड़े पेश करने चाहिए.

एक स्रोत ने कहा कि समिति ने अपनी चर्चा के दौरान यह भी गौर किया कि सभी समूहों ने टीका की खुराक को अच्छी तरह से सहन किया और अब तक कोई गंभीर प्रतिकूल घटना सामने नहीं आयी है.

उन्होंने कहा कि आम तौर पर इंजेक्शन लगाए जाने के स्थान पर दर्द की शिकायत सामने आयी जिसका हल कर लिया गया.

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