मुंबई: मुंबई में किए गए दूसरे सीरो-सर्वे में केवल 27 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों में ‘एंटीबॉडी’ (प्रतिरक्षी) पाये गये हैं.
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अनुसार दोनों सर्वेक्षणों में करीब 27 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों में ही ‘एंटीबॉडी’ पाया गया है, जबकि वे आम लोगों की तुलना में अधिक संवेदनशील माने जाते हैं.
किसी व्यक्ति के शरीर में ‘एंटीबॉडी’ पाये जाने का मतलब है कि वह कभी ना कभी कोरोनावायरस की चपेट में आया है.
बीमएसी ने अन्य संगठनों के साथ मिलकर अगस्त के अंत में दूसरा सीरो-सर्वेक्षण किया था.
नगर निकाय अधिकारियों ने कहा कि कोविड-19 के नियमों का पालन नहीं करने वाले लोगों के लिए सीरो-सर्वे एक महत्वपूर्ण सबक है.
सर्वेक्षण बीएमसी, नीति आयोग और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) द्वारा किया गया.
मुंबई देश में कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित शहरों में से एक है. यहां अभी तक संक्रमण के दो लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और करीब नौ हजार लोगों की इससे मौत हुई है.
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