नई दिल्ली: मोदी सरकार योजना बना रही है कि भारत के टीकाकरण अभियान की तकनीकी रीढ़- कोविन को ‘भारत सरकार द्वारा लाइसेंस शुदा’ उत्पाद के तौर पर साझा किया जाएगा, जो उसमें रूचि रखने वाले देशों को हमेशा के लिए मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी’.
दिप्रिंट को दिए एक इंटरव्यू में कोविड-19 वैक्सीन पर अधिकार प्राप्त समिति के प्रमुख डॉ आरएस शर्मा ने कहा, कि इसकी एकमात्र शर्त ये होगी कि सॉफ्टवेयर के व्यवसायिक इस्तेमाल, या बिक्री के लिए इसे फिर से पैकेज किए जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
उन्होंने बताया कि ‘अभी तक 76 देश केंद्र को इसमें दिलचस्पी दिखा चुके हैं’.
उन्होंने आगे कहा कि सॉफ्टवेयर की क्षमताओं का मुज़ाहिरा करने के लिए, सरकार 5 जुलाई को दुनिया भर के स्वास्थ्य और तकनीकी विशेषज्ञों की एक वर्चुअल वैश्विक बैठक आयोजित करने जा रही है.
शर्मा ने कहा, ‘विदेशों से 196 अधिकारियों और 41 देशों से 116 निजी व्यक्तियों ने, कोविन पर वैश्विक बैठक में शिरकत करने के लिए पंजीकरण कराया है. नियत समय में हमें उन देशों की जानकारी भी मिल जाएगी, जो अपने यहां टीकाकरण के इस प्लेटफॉर्म को अपनाने में, औपचारिक रूप से दिलचस्पी दिखाते हैं’.
उन्होंने ये भी कहा कि भारत सरकार इस प्लेटफॉर्म को, एक ऐसे उत्पाद के तौर पर साझा करने की योजना बना रही है, जिसे उसने लाइसेंस दिया है लेकिन इसमें रूचि रखने वाली सरकारों को, इसे मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा.
शर्मा ने कहा, ‘यहां पर ग़ौरतलब पहलू ये है कि कोविन भारत में एक डिजिटल लोक हित है, और इसे उसी अपेक्षा के साथ दूसरे देशों के साथ साझा किया जाएगा. इसके व्यवसायिक इस्तेमाल, या सिर्फ बिक्री के उद्देश्य से फिर से पैकेज किए जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी’.
शर्मा ने दिप्रिंट को ये भी बताया कि कोविन दुनिया में सबसे तेज़ी से विकसित होने वाला टेक प्लेटफॉर्म है.
उनका कहना था कि 16 जनवरी को लॉन्च किए जाने के बाद पहले चार महीनों में, कोविन ने 20 करोड़ पंजीकरणों के आंकड़े को छू लिया था. उन्होंने आगे कहा कि 1 जुलाई तक 35.4 करोड़ लोग प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण करा चुके हैं.
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कोविन रीबूट- पासपोर्ट को वैक्सीन सर्टिफिकेट से जोड़िए
शर्मा ने कहा कि कोविन एप्लिकेशन को ताज़ा करने के लिए सरकार अब उसमें कुछ बदलाव करने जा रही है, जिनके तहत पासपोर्ट नंबरों को वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट्स के साथ जोड़ दिया जाएगा.
उन्होंने ये भी कहा कि ऐसा अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के लिए किया गया है.
दूसरे बदलावों में, एक टैब भी दिया जाएगा जिससे निजी विवरण संपादित किया जा सकेगा, और वैक्सीन प्रमाणपत्रों में ग़लतियां सुधारी जा सकेंगी.
शर्मा ने कहा, ‘सरकार ने देखा है कि बहुत से मामलों में, अपना पंजीकरण करते समय बहुत से लोग, अपने नाम, पते, जन्म तिथि, या जेंडर आदि का ग़लत विवरण भर देते हैं. अब हम लोगों को इन ग़लतियों को सुधारने की अनुमति देंगे, ताकि उनके टीका प्रमाणपत्र में भी सुधार किया जा सके’.
ताज़ा किए गए एप्लिकेशन में एक ही व्यक्ति के लिए, पहले डोज़ के दो प्रमाण पत्रों का मिलान किया जा सकेगा.
शर्मा ने कहा, ‘हमने एक प्रक्रिया तैयार की है, जिसमें ऐसे नागरिक अपने सर्टिफिकेट्स को जोड़ सकेंगे, जिन्होंने वैक्सीन की दो ख़ुराकों के लिए, ग़लती से दो अलग अलग यूज़र अकाउंट्स इस्तेमाल कर लिए हैं. हम लगातार सभी हितधारकों से फीडबैक ले रहे हैं, अपने ख़ुद के अनुभवों से सीख रहे हैं, और प्लेटफॉर्म को विकसित कर रहे हैं ताकि उसे सभी के लिए, ज़्यादा से ज़्यादा सुलभ और समावेशी बनाया जा सके’.
कोविड को पेटीएम, रिलायंस, अपोलो और दूसरे कंज़्यूमर एप्स के साथ जोड़ा
शर्मा ने, जो नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ भी हैं, कहा कि सॉफ्टवेयर हर रोज़ नए मानक और कीर्तिमान स्थापित कर रहा है.
उन्होंने कहा कि अधिक व्यापक आउटरीच के लिए, उपभोक्ताओं से वास्ता रखने वाली एप्स जैसे पेटीएम, रिलायंस ग्रुप, जुबीलियंट फूडवर्क्स, आईबीबो, 1एमजी, मैक्स हॉस्पिटल्स, एकाकेयर, और अपोलो हॉस्पिटल्स साथ आ गई हैं.
उहोंने कहा, ‘इसके पीछे मंशा ये है कि कुल मिलाकर भारत के टीकाकरण अभियान के लिए एक अधिक व्यापक आउटरीच को सुविधाजनक बनाया जाए’.
उन्होंने कहा, ‘कोविन के साथ जुड़ने के लिए हमें निजी और सार्वजनिक इकाइयों से 204 से अधिक आवेदन मिले हैं, जिनमें से 148 स्वीकार कर लिए गए हैं, जो एकीकृत किए जाने की प्रक्रिया से गुज़र रहे हैं’.
उन्होंने आगे कहा, ‘इन कंपनियों के यूज़र्स अब टीकाकरण कराने के लिए उपलब्ध स्लॉट्स को देख सकेंगे’.
शर्मा के अनुसार, इस क़दम से ‘यूज़र्स एक लाभार्थी संदर्भ आईडी या पंजीकृत मोबाइल नंबर के ज़रिए, कोविन पर अपने वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट्स तक पहुंच सकते हैं.
उससे ये एप्स यूज़र्स को अपने वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट्स डाउनलोड करने के विकल्प देने में सक्षम हो पाएंगे. शर्मा ने कहा, ‘इस मामले में कोविन मांगा गया सर्टिफिकेट तभी देगा, जब कोविन पर पंजीकृत मोबाइल नंबर के ज़रिए, उसे ओटीपी की पुष्टि हो जाएगी’.
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