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Monday, 23 December, 2024
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भारत में 50% कोविड के मामले महाराष्ट्र से लेकिन टेस्टिंग राष्ट्रीय औसत से पीछे चल रही

महाराष्ट्र में हर दिन सामने आने वाले कुल नए मामलों में से लगभग 40 प्रतिशत मुंबई, पुणे, नागपुर और अमरावती जिले के हैं.

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मुंबई : भारत में कोविड-19 के कुल मामलों में से 50 फीसदी से अधिक अकेले महाराष्ट्र, जो कि देश में कोविड केस के आंकड़ों में हमेशा सबसे आगे रहा है, से ही सामने आ रहे हैं. इसे दूसरी लहर की आशंका के तौर पर देखा जा रहा है.

हालांकि, राज्य कोविड टेस्ट के मामले में लगातार पिछड़ रहा है और इसका प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है जिसे विशेषज्ञ नए मामलों की लगातार बढ़ती संख्या का मुख्य कारण मान रहे हैं.

भारत में कोविड के लिए प्रति 10 लाख पर टेस्ट का औसत आंकड़ा 1,62,697 है, जिसका मतलब है कि देश में हर 10 लाख लोगों पर औसतन 1.62 लाख टेस्ट किए गए हैं. महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 1,33,313 है.

महाराष्ट्र में हर दिन टेस्ट किए जाने के मामले में पिछले दो सप्ताह में आंकड़ा दोगुना हो जाने के बावजूद निर्धारत स्तर से पीछे ही बना हुआ है.

महामारी नियंत्रण पर महाराष्ट्र सरकार के तकनीकी सलाहकार सुभाष सालुंके ने दिप्रिंट को बताया, ‘निश्चित तौर पर हर दिन टेस्ट की संख्या बढ़ाने की गुंजाइश है और बढ़ते मामलों पर काबू पाने का यही एकमात्र तरीका है. हमें टेस्ट के मामले में सितंबर-अक्टूबर के आंकड़ों तक पहुंचना चाहिए जब हम अपने उच्चतम स्तर, एक दिन लगभग 1 लाख टेस्ट, पर थे. अधिकांश जिले पिछड़ रहे हैं और वहां हर दिन टेस्ट की संख्या बढ़ाने की जरूरत है.’

महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से रोजाना 8,000 से अधिक कोविड पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं. देश में सोमवार को 15,000 नए मामले दर्ज किए गए.


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अपने ही लक्ष्य से पिछड़ जाना

फरवरी के शुरू में जब कोविड के मामले तेजी से बढ़ने शुरू हुए तो राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने उन सभी जिला कलेक्टरों और नगर निकायों, जहां नए कोविड केस की संख्या ज्यादा थी, को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि हर पॉजिटिव मरीज से जुड़े कम से कम 20 से 30 कांटैक्ट को ट्रेस करके उनका टेस्ट किया जाए.

महाराष्ट्र ने करीब दो हफ्ते भर के अंदर अपने यहां हर दिन टेस्ट की संख्या लगभग 40,000 से दोगुनी बढ़ाकर 80,000 से ऊपर पहुंचा दी है.

उदाहरण के तौर पर 28 फरवरी को राज्य ने 84,794 कोविड टेस्ट किए, जिनमें से 8,293 पॉजिटिव पाए गए—यानी सकारात्मकता दर 9.7 प्रतिशत रही. 27 फरवरी और 26 फरवरी को क्रमश: 87,299 और 85,932 टेस्ट हुए जिनमें दैनिक सकारात्मकता दर क्रमशः 9.8 प्रतिशत और 9.6 प्रतिशत रही.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष डॉ. अविनाश भोंडवे ने कहा, ‘कोविड के इलाज के लिए पहचान, डायग्नोस, आइसोलेट और उपचार का सिद्धांत अपनाया जाता है. ‘पहचान’ और ‘डायग्नोस’ की बात करें तो 80 फीसदी रोगी एसिमप्टमैटिक हैं. उनके बारे में जानकारी केवल ट्रेसिंग के आधार पर ही मिल पाती है. अन्यथा वे तो डॉक्टर के पास भी नहीं पहुंचते हैं. ट्रेसिंग मजबूत होने पर ही उनके पॉजिटिव होने का पता चल पाता है.’

डॉ. भोंडवे ने कहा, ‘यदि 8,000 पॉजिटिव केस आते हैं तो 1.60 लाख टेस्ट होने चाहिए. कांटैक्ट ट्रेसिंग और टेस्ट का आंकड़ा बढ़ाना बहुत ही जरूरी है, जैसा महाराष्ट्र में कहीं भी नहीं हो रहा.’

सालुंके ने बताया कि जिला कलेक्टरों और नगर निकायों को सलाह दी गई है कि वे सभी निजी डॉक्टरों को अपनी निगरानी में रखें और उनकी जानकारी में आए बुखार के सभी मामलों में जांच कराई जाए.

उन्होंने आगे कहा, ‘राज्य अपने अपेक्षित टेस्टिंग लक्ष्य तक पहुंचने में सक्षम होगा और यह भी सुनिश्चित करेगा कि टेस्ट रैंडम न हो, बल्कि निर्धारित लक्ष्य के साथ हों.’

अधिकांश हॉटस्पॉट में टेस्ट की स्थिति खराब

महाराष्ट्र में हर दिन सामने आने वाले कुल नए मामलों में से लगभग 40 प्रतिशत मुंबई, पुणे, नागपुर और अमरावती जिले के हैं.

इनमें से अमरावती, जो इस माह के शुरू में ही एक हॉटस्पॉट के तौर पर उभरा, में टेस्ट की सकारात्मकता दर सबसे अधिक चिंताजनक है.

दो हफ्ते पहले में अमरावती में साप्ताहिक आधार पर सकारात्मकता दर 35 प्रतिशत होने की बात सामने आई थी.

जिला कलेक्टर शैलेश नवल ने दिप्रिंट को बताया कि इसमें अब 23-24 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई है क्योंकि जिले में टेस्टिंग आक्रामक ढंग से बढ़ाई गई है. हालांकि, उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि जिले में सुरक्षात्मक उपाय बढ़ाने की जरूरत है.

नवल ने कहा, ‘हम अब प्रतिदिन 2,000 से 2,400 टेस्ट कर रहे हैं. पिछले महीने तक यह संख्या 600 और 800 के बीच थी. लेकिन हर दिन टेस्ट का आंकड़ा अभी भी राज्य के औसत से कम है और हमें इसे और ज्यादा बढ़ाने की आवश्यकता है. हम दुकानदारों, फेरीवालों, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर और इसी तरह के अन्य सुपर-स्प्रेडर्स के टेस्ट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, और एक दिन में 3,000 से 3,200 तक टेस्ट करने की स्थिति में पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं.

अमरावती जिले में हर कोविड पॉजिटिव मरीज से जुड़े 9 से 10 कांटैक्ट को ट्रेस किया जा रहा है और तात्कालिक लक्ष्य इस आंकड़े को कम से कम 15 तक पहुंचाना है.

28 फरवरी को अमरावती में 862 नए कोविड केस सामने आए, जिसमें 632 अमरावती शहर के अंदर के थे.

राज्य के कुल मामलों से तुलना करें तो नागपुर और पुणे शहर में हर दिन लगभग 10 प्रतिशत की सकारात्मकता दर के साथ नए केस सामने आ रहे हैं.

पिछले दो दिनों में नागपुर नगर निगम के अधिकार क्षेत्र के भीतर हर रोज 7,068 और 7,137 कोविड टेस्ट किए गए थे. इनमें से क्रमशः 722 और 734 केस पॉजिटिव पाए गए.

नागपुर नगर निकाय के जनसंपर्क अधिकारी मनीष सोनी ने कहा, ‘हमने नागपुर में करीब 10 हॉटस्पॉट की पहचान की है जहां हम हर दिन नए मरीजों की जांच और घर-घर जाकर पता लगाने पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं और पूरी कड़ाई के साथ कांटैक्ट ट्रेसिंग भी की जा रही है. टेस्ट पहले की तुलना में बढ़ाए जा चुके हैं. कुछ दिन पहले तक हर दिन टेस्ट का आंकड़ा सिर्फ 4,000 के करीब था.’

पुणे की तस्वीर भी कुछ ऐसी ही है.

पिछले कुछ दिनों में नए मामले तेजी से वृद्धि दर्ज किए जाने के बाद नगर निकाय ने टेस्टिंग के आंकड़े तो बढ़ा दिए हैं लेकिन हर पॉजिटिव मरीज से 20 से 30 कांटैक्ट की ट्रेसिंग अभी नहीं हो पा रही है, जिसके लिए स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने निर्देश जारी किया था.

पुणे नगर निकाय के अतिरिक्त नगरपालिका आयुक्त रुबल अग्रवाल ने कहा, ‘महामारी के पूरे दौर की तुलना में इस समय हर रोज टेस्टिंग का आंकड़ा सर्वोच्च है. लेकिन, अब हम कांटैक्ट ट्रेसिंग पर अधिक गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं. हम शहर के भीतर छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन बना रहे हैं. पांच से अधिक पॉजिटिव केस वाली किसी भी इमारत और 20 से अधिक केस वाली सोसाइटी को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया जाएगा.’

महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा केस रिपोर्ट करने वाला मुंबई एकमात्र ऐसा हॉटस्पॉट है जहां नागरिक निकाय हर दिन के हिसाब से सकारात्मकता दर 5 फीसदी से नीचे लाने में सफल रहे हैं. शहर ने दिसंबर में 5 प्रतिशत सकारात्मकता दर हासिल कर ली थी.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले साल मई में सिफारिश की थी कि सकारात्मकता दर कम से कम दो सप्ताह तक 5 प्रतिशत से नीचे रहने के बाद ही सरकारें लॉकडाउन खत्म करने पर विचार करें. विशेषज्ञों की राय है कि सकारात्कता दर 5 प्रतिशत से कम होने यह दर्शाता है कि टेस्टिंग के आंकड़े पर्याप्त हैं.

पिछले तीन दिनों से मुंबई नागरिक निकाय प्रतिदिन 22,000 टेस्ट कर कर रहा है और इसमें 1,000 से 1,100 मामले पॉजिटिव पाए जा रहे हैं.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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