संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि कोर्ट को सुनवाई टालने का अधिकार है लेकिन शीर्ष अदालत को हिंदुओं की भावनाओं का भी ख्याल रखना चाहिए.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाहक सुरेश भैयाजी जोशी ने शुक्रवार को कहा कि जरूरत पड़ी तो फिर से 1992 की तरह राम मंदिर के लिए आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान कोर्ट का यह कहना कि उनकी प्राथमिकताएं अलग हैं, इससे हिंदू समाज आहत हुआ है. जोशी ने कहा कि कोर्ट को सुनवाई टालने का अधिकार है लेकिन शीर्ष अदालत को हिंदुओं की भावनाओं का भी ख्याल रखना चाहिए.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार भैयाजी जोशी ने कहा, ‘राम सबके हृदय में रहते हैं पर वो प्रकट होते हैं मंदिरों के द्वारा. हम चाहते हैं कि मंदिर बने. काम में कुछ बाधाएं अवश्य हैं और हम अपेक्षा कर रहे हैं कि न्यायालय हिंदू भावनाओं को समझ के निर्णय देगा.’
Ram sab ke hriday mein rehte hain par wo prakat hote hain mandiron ke dwara. Hum chahte hain ki mandir bane. Kaam mein kuch baadhaein awashya hain aur hum apeksha kar rahe hain ki nyalalya Hindu bhavnaon ko samajh ke nirnay dega: Bhaiyyaji Joshi, RSS pic.twitter.com/LU37D4pILi
— ANI (@ANI) November 2, 2018
उन्होंने कहा कि दीपावली से पहले खुशखबरी की उम्मीद थी लेकिन मामला अनिश्चितकाल के लिए टल गया है. अगर जरूरत पड़ी तो 1992 की तरह मंदिर के लिए एक बार फिर आंदोलन होगा.
Avashyakta padi to karenge: Bhaiyyaji Joshi, RSS when asked 'Jis tarah se 1992 mein aandolan kiya gaya tha us tarike se aadnolan kiya jaagea iss mudde par?' #RamMandir pic.twitter.com/x0YkEC7VIQ
— ANI (@ANI) November 2, 2018
भैयाजी जोशी ने आगे कहा- अध्यादेश जिनको मांगना है वो मांगेगे, ला सकते हैं कि नहीं वो निर्णय सरकार को करना है.
Adhyadesh jinko maangna hai wo maangenge, la sakte hain ki nahi wo nirnay sarkar ko karna hai: Bhaiyyaji Joshi, RSS #RamMandir pic.twitter.com/MCT7ZDEHbA
— ANI (@ANI) November 2, 2018
आरएसएस महासचिव (सरकार्यवाह) सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा, ‘हमें भरोसा है कि राम मंदिर जल्द बनेगा. हम पहले ही लंबा इंतजार कर चुके हैं और अनिश्चित समय तक इंतजार नहीं कर सकते. अगर जरूरी हुआ तो हम एक जन आंदोलन शुरू करेंगे.’
उन्होंने अदालत से राम मंदिर जैसे संवेदनशील मामले पर प्राथमिकता के साथ विचार करने का आग्रह किया और भरोसा जताया कि इस संदर्भ में सभी कानूनी बाधाएं जल्द दूर होंगी. जोशी ने आरएसएस की मांग दोहराई कि सरकार को कानून बनाने या अध्यादेश लाकर राम मंदिर निर्माण का रास्ता प्रशस्त करना चाहिए. सुरेश भैयाजी जोशी की यह टिप्पणी भायंदर कस्बे के उट्टन बीच के निकट आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल सम्मेलन के तीसरे दिन, समापन पर आई है.
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे. उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की. हालांकि, कोई विवरण नहीं दिया गया है, लेकिन माना जाता है कि भाजपा प्रमुख व भागवत में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई है. इनमें अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण, पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव और 2019 के आम चुनाव जैसे मुद्दे भी शामिल रहे होंगे.
सम्मेलन के पहले दिन आरएसएस ने कानून बनाकर या अध्यादेश लाकर शीध्र भव्य राम मंदिर अयोध्या में बनाने का मार्ग प्रशस्त करने की अपनी मांग दोहराई. भागवत पहले ही 18 अक्टूबर को नागपुर में दशहरा रैली के दौरान यह मांग उठा चुके हैं. आरएसएस के इस सम्मेलन में देश भर से 350 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. इसमें आरएसएस से संबद्ध संगठनों के प्रमुख या प्रतिनिधि शामिल हैं.
(समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)