scorecardresearch
Saturday, 21 December, 2024
होमशासनजसलीन की गैर हाज़िरी से सर्वजीत का जीवन पटरी से उतरा

जसलीन की गैर हाज़िरी से सर्वजीत का जीवन पटरी से उतरा

Text Size:

सर्वजीत सिंह का कहना है कि जसलीन कौर ने तीन साल में एक भी सुनवाई में हिस्सा नहीं लिया है जिसके फलस्वरूप उनके नाम के साथ लगा ‘क्रिमिनल’ का टैग नहीं हट पा रहा. 

नई  दिल्ली: दिल्ली की एक सड़क पर हुई इस कथित छेड़छाड़ की घटना की वजह से सर्वजीत पर लगे ‘पर्वर्ट’ के लेबल को तीन साल हो चुके हैं.  वे अपनी नौकरी बचाने के लिए तो जूझ ही रहे हैं,साथ ही साथ हर बार शहर से बाहर  जाने से पहले उन्हें पुलिस थाने पर हाज़िरी लगानी  होती है. अब तक उनका पासपोर्ट भी नहीं बन पाया है.

उनकी  मुसीबतें यहीं ख़त्म नहीं हो जातीं.

उनके खिलाफ इस मामले में सुनवाई शुरू होनी अभी बाकी है क्योंकि शिकायतकर्ता जसलीन कौर, जोकि सेंट स्टीफंस की पूर्व छात्रा हैं, एक भी सुनवाई में उपस्थित नहीं रही हैं. अब तक 13 सुनवाइयां हो चुकी हैं.

उनकी लम्बी अनुपस्थिति को देखते हुए दिल्ली की एक ज़िला अदालत ने  28 अगस्त को उनके खिलाफ एक ज़मानती वारंट जारी किया था.

सर्वजीत ने दिप्रिन्ट को बताया, “हर बार जब मैं सुनवाई के  लिए जाता हूँ तब वे मेरा नाम पुकारते हैं, फिर मुझे अपना हाथ ऊपर उठाने और अपना नाम लिखने  को कहा जाता है.  वे पूछते हैं कि शिकायतकर्ता उपस्थित है या नहीं.  क्योंकि वह कभी नहीं आती इसलिए एक नयी   तारीख देकर मामले को  खारिज कर दिया जाता है. यह  पिछले तीन सालों से होता आ रहा है.”

सर्वजीत  का दावा है कि महिला के पिता अदालत को बताते  हैं कि वह विदेश में पढ़ाई कर रही है. वे कहते हैं , “हर बार जब न्यायाधीश पूछते हैं  कि शिकायतकर्ता क्यों नहीं आयी,  तो उसके पिता कहते हैं कि वह पढ़ाई  के लिए कनाडा गई है. तो इसका मतलब  यह है कि उसे करियर बनाने का अधिकार है लेकिन मुझे नहीं.”

सर्वजीत के आरोपों पर चुप्पी तोड़ते हुए जसलीन ने कहा है कि वह “इस मामले को और तूल  नहीं देना चाहतीं.”

23 वर्षीय जसलीन, जो अभी कनाडा की एक एचआर कंपनी के लिए काम कर रही हैं,का कहना है कि  वे “चैन से रहना चाहती हैं”. दिप्रिंट से हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि  वे हमेशा से इस मुक़दमे को लेकर प्रतिबद्ध रही हैं और आगे भी लड़ाई जारी रखेंगी -” मैंने यह लड़ाई एक ख़ास कारण से शुरू की थी और मैं पीछे नहीं हटूंगी . मैं कोर्ट आउंगी और अपना बयान दूँगी.”

जसलीन ने सर्वजीत पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले तीन सालों में  उन्हें कोर्ट से कोई सम्मन प्राप्त नहीं हुआ है -“चूँकि यह  केस है , इसलिए मैं बस एक गवाह भर हूँ और मुझे 13 सुनवाइयों  के सम्मन नहीं आये हैं , जैसा सर्वजीत और उनके वकील का दावा है.  वे झूठ बोल रहे हैं. “

हालाँकि दिप्रिंट के पास 16 मई के उस आदेश की प्रति है जिससे जसलीन को  सम्मन भेजे जाने की पुष्टि होती है.

जसलीन ने सर्वजीत के उस दावे का भी खंडन किया जहाँ इन्होने कहा था कि  29 अगस्त की आखिरी सुनवाई के बाद जसलीन के  नाम का ज़मानती वारंट जारी हुआ  था.


यह भी पढ़ें : This Delhi man was called a ‘pervert’ in viral post 3 years ago — and he’s still stuck there


” मेरे खिलाफ कोई ज़मानती वारंट जारी नहीं हुआ है. यह सरासर झूठ है. एक दूसरे गवाह के लिए वारंट जारी हुआ है न कि  मेरे लिए.

सर्वजीत के वकील कुलदीप सिंह ने इसका खंडन करते हुए जवाब में कहा –  “आखिरी सुनवाई में जज ने जसलीन के खिलाफ एक ज़मानती वारंट जारी किया था क्योंकि वह बार बार सम्मन  भेजे जाने के बावजूद अनुपस्थित थीं. अगली सुनवाई 1 दिसंबर को है.

जसलीन के वकील रविंदर रूहिल ने सम्मन मिलने की बात स्वीकारी लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट जसलीन को बयान देने पर ‘मजबूर’ नहीं कर सकती क्योंकि वह केवल एक गवाह हैं.

उन्होंने कहा -“अदालत उनपर वापस आने के लिए दबाव नहीं बना सकती . यह सच है कि सम्मन भेजे गए हैं  लेकिन उनके पिता अदालत में उपस्थित होते  आये  हैं और उन्होंने  मजिस्ट्रेट को बताया है कि जसलीन कनाडा में है.”

“अगर सर्वजीत को कष्ट है,  तो हम भी आराम से नहीं हैं. जसलीन के पिता हर सुनवाई के दिन छुट्टी लेकर कोर्ट जाते हैं”, उन्होंने जोड़ा.

रुहिल बताते हैं कि अभियोजन पक्ष के पास नौ  गवाह हैं जिमें से जसलीन एकमात्र चश्मदीद हैं. अन्य आठ इस  मामले में शामिल पुलिस कर्मी और न्यायिक अधिकारी हैं.

2015 में जसलीन की पोस्ट वायरल होने के बाद एक कथित गवाह, विश्वजीत सिंह ने सर्वजीत को निर्दोष बताया. विश्वजीत ने दावा किया कि वह जसलीन थी जिसने सर्वजीत के साथ दुर्व्यवहार और गाली गलौज की. हालांकि, विश्वजीत नौ गवाहों की सूची में शामिल नहीं है, क्योंकि पुलिस उन्हें ढूंढने में नाकाम रही है.

रुहिल कहते  हैं – “यह विश्वजीत दरअसल सर्वजीत के द्वारा प्लांट किया गया था.  अगर वह एक गवाह है जिसने सोशल मीडिया पर आम धारण को बदला, जिसके बाद जसलीन को गालियां पड़ने लगीं, तो अब वह कोर्ट क्यों नहीं आता? कहाँ है वह?”

दिप्रिंट से बातचीत के दौरान जसलीन के चाचा प्रभजीत सिंह ने उनके दावे का समर्थन करते हुए ज़ोर दिया कि  वह उस मुक़दमे में एक गवाह मात्र हैं.

“मुकदमा स्टेट बनाम सर्वजीत सिंह का है.  जसलीन मात्र एक गवाह है.  हालाँकि उसे सामने आकर अपना बयान देने की ज़रुरत है और वह ऐसा करेगी भी.

यद्यपि इस मुक़दमे में  राज्य अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व करता है लेकिन उन्हें जसलीन की अनुपस्थिति में कार्यवाही शुरू करने में मुश्किल आ रही है  रहा है क्योंकि पूरा मामला उसके  बयान पर निर्भर है.

प्रभजीत बताते हैं कि सोशल मीडिया पर गाली गलौज की वजह से जसलीन को देश  छोड़ना पड़ा था. उन्होंने कहा, “उसे  जेएनयू में प्रवेश मिल गया था  लेकिन लगातार हो रहे दुर्व्यवहार के कारण उसे देश छोड़ना पड़ा.”

वे बताते हैं कि  जसलीन के स्थान पर उसके पिता सुनवाई में भाग लेते आ रहे हैं और जसलीन भी जल्द ही कोर्ट में  उपस्थित होंगी.

“पहले वह पढ़ाई कर रही थी और छुट्टी मिलना मुश्किल था. उसने अपने पिता के माध्यम से कोर्ट को यह बताया भी था. वह कनाडा में एक कंपनी में काम  कर रही है और अब उसके पास भारत आने और बयान देने का समय होगा.”

यह पूछे जाने पर कि  क्या जसलीन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अपना बयान दर्ज कराने की कोशिश की है, सिंह ने कहा कि  उन्हें “कोर्ट से ऐसा कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. अगर कोर्ट चाहेगी तो हमें ऐसा करके ख़ुशी ही होगी.”

दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा इस संबंध में जारी नियम अदालतों को यह अनुमति देते हैं कि वे गवाहों और अन्य पक्षों को  वीडियो लिंक के माध्यम से सबूत और सबमिशन पेश  करने को कह सकें.

Read in English : Why Delhi woman behind viral post on ‘molestation’ didn’t appear in court for 3 years

share & View comments