scorecardresearch
Thursday, 19 December, 2024
होमशासनतारेक फ़तह ने ट्वीट की भारतीय मदरसे के ब्लैकबोर्ड की झूठी तस्वीर

तारेक फ़तह ने ट्वीट की भारतीय मदरसे के ब्लैकबोर्ड की झूठी तस्वीर

Text Size:

मुस्लिम शिक्षक कक्षा में पढ़ा रहे थे संस्कृत पाठ्यक्रम का दूसरा पाठ. फोटोशॉप के जरिये दिखाया कि इस्लामिक कुरीतियों को बेहतर बता रहे हैं.

नई दिल्ली: विवदास्पद लेखक तारेक फ़तह ने भारत में मदरसे के एक ब्लैकबोर्ड की ग़लत तस्वीर ट्वीट कर एक बार फिर से झूठी खबर शेयर की है. तारेक फ़तह पहले भी ऐसा कर चुके हैं.

फतह ने सोमवार शाम को एक फोटो ट्वीट किया और लिखा, ‘नहीं, मुल्ला जीरो-कांटे (knots & crosses) का खेल नहीं खेल रहे हैं. वे भारत के एक इस्लामिक विद्यालय में मुस्लिम लड़कियों को तुलनात्मक रूप से इस्लाम को हिंदू धर्म की अपेक्षा श्रेष्ठ बता रहे हैं.’ हालांकि, उनका यह ट्वीट अब ट्विटर से डिलीट हो चुका है.

तारेक फ़तह का यह ट्वीट डिलीट हो चुका है.

दरअसल यह फोटो गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में स्थित दारुल उलूम हुसैनिया मदरसे की है जिसने हाल ही में संस्कृत पढ़ाने के लिए खूब सुर्खियां बटोरी थीं.

छेड़छाड़ का शिकार हुई यह तस्वीर दरअसल इस्लामिक रीतियों को हिंदू धर्म की रीतियों से ऊंचा दिखाने की कोशिश करती है. इस फर्जी फोटो में जनेऊ, योग और मंगलसूत्र शब्दों के आगे कांटा मारा गया है वहीं हलाला, खतना और बुर्का शब्दों के आगे सही का निशान देखने को मिलता है.

फतह द्वारा ट्वीट की गयी इस फोटो को रातों रात लगभग 800 ट्विटर यूज़र्स ने रीट्वीट भी किया.

असली फोटो देख कर पता चलता है कि मुस्लिम शिक्षक कक्षा में संस्कृत पाठ्यक्रम का दूसरा पाठ पढ़ा रहे थे. तारेक फतह ने जो फोटो शेयर की थी, वह फर्जी थी. उसे फोटोशॉप के जरिये बनाया गया था.

हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब फतह फेक न्यूज़ शेयर कर विवादों में फंसे हों. जुलाई में फतह ने एक 3 साल पुराने वीडियो को शेयर किया जो कथित तौर पर सऊदी अरब का था. इस वीडियो में दो महिलाएं आपस में लड़ती हुई नज़र आ रही थीं और तारेक का कहना था कि यह वीडियो इस साल जून में सऊदी की महिलाओं के ऊपर ड्राइविंग पर लगे बैन हटने के तुरंत बाद का था. यह भी झूठी खबर निकली.

(SM Hoaxslayer के सहयोग के साथ)

share & View comments