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Monday, 18 November, 2024
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फर्जी मतदाता मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ की याचिका खारिज की

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निर्वाचन आयोग (ईसी) पहले ही 24 लाख मतदाताओं का नाम राज्य की मतदाता सूची से हटा चुका है.

नई दिल्ली: सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता कमलनाथ की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें चुनाव आयोग को मध्य प्रदेश चुनाव की टेक्सट के रूप में मतदाता सूची मुहैया कराने के लिए निर्देश देने की मांग की थी.

दरअसल, कमलनाथ ने अपनी याचिका में मतदाता सूची पीडीएफ फॉर्मेट के बजाए टेक्सट के रूप में मुहैया कराने को कहा था.

उनका कहना था कि टेक्स्ट रूप में मतदाता सूची उपलब्ध होने से फर्जी मतदाताओं की पहचान की जा सकती है.

जस्टिस ए.के.सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने याचिका खारिज कर दी, जिसमें कहा गया था कि मतदाता सूची में लगभग 50 लाख फर्जी मतदाताओं की पहचान कर चुके हैं.

निर्वाचन आयोग (ईसी) पहले ही 24 लाख मतदाताओं का नाम राज्य की मतदाता सूची से हटा चुका है लेकिन पीठ ने मतदाताओं के निजता का हवाला देते हुए टेक्सट प्रारूप में मतदाता सूची मुहैया कराने से इनकार कर दिया.

इस पर कांग्रेस ने कहा कि निर्वाचन आयोग पहले राजस्थान और उससे पहले कर्नाटक चुनाव में मतदाता सूची को टेक्सट फॉर्म में मुहैया करा चुका है और इतना ही नहीं 2013 मध्य प्रदेश चुनाव में भी ऐसा किया जा चुका है तो अब क्यों नहीं?

इस पर निर्वाचन आयोग ने कहा कि मतदाता सूची को टेक्सट फॉर्म में मुहैया कराने के लिए राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ एक्शन लिया जा चुका है.

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