गंगा को निर्मल बनाने की मांग कर रहे पर्यावरणविद ने 112 दिनों के आमरण अनशन के बाद ऋषिकेश के एम्स में अंतिम सांस ली.
नई दिल्ली: गंगा को बचाने के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रहे पर्यावरणविद प्रो. जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद का बुधवार को निधन हो गया. वे गंगा को बचाने के लिए 22 जून से आमरण अनशन पर थे. पिछले 112 दिनों से अनशन कर रहे प्रो. अग्रवाल ने पानी पीना भी छोड़ दिया था.
Uttarakhand: GD Agarwal, who was on an indefinite fast in Haridwar since June 22 in a bid to urge the govt to clean river Ganga, passed away in AIIMS Rishikesh today due to a heart attack.
— ANI (@ANI) October 11, 2018
समाचार एजेंसी एएनआई ने खबर दी है, ’22 जून से आमरण अनशन कर रहे जीडी अग्रवाल नहीं रहे. वे सरकार से मांग कर रहे थे कि गंगा को निर्मल बनाया जाए. ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में हृदय गति रुकने के चलते उन्होंने अंतिम सांस ली.’ एनडीटीवी, एबीपी आदि न्यूज चैनलों ने भी उनके निधन की खबर दी है.
GD Agarwal, our leading environmentalist who fasted 109 days to save the Ganga, was forcibly picked up by the Uttarakhand police&hospitalized yesterday.He passed away today after his pleas to save the Ganga fell on Modi's deaf years. RIP Dear Sir. This world is not for pure souls https://t.co/7a95ICK1tq
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) October 11, 2018
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट किया, ‘हमारे अग्रणी पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल 109 दिनों से गंगा बचाने के लिए अनशन पर थे. कल उन्हें पुलिस ने जबरन अस्पताल में भर्ती कराया था. उनकी गंगा बचाने की अपील मोदी के बहरे कानों में समा गई. वे आज नहीं रहे. उन्हें शांति मिले. यह दुनिया पवित्र आत्माओं के लिए नहीं है.’
प्रो. अग्रवाल कई वर्षों से गंगा में अवैध खनन, गंदगी और बड़े बांध कर उसकी पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचाने के खिलाफ आंदोलन करते रहे हैं. आईआईटी में प्रो. रह चुके अग्रवाल ने बाद में अपना नाम स्वामी सानंद रख लिया था और अपना जीवन गंगा को बचाने के लिए समर्पित कर दिया था. दुर्भाग्य से उनकी आवाज न पहले की सरकारों ने ही सुनी, न ही गंगा को चुनावी मुद्दा बनाने वाली मौजूदा सरकार ने ही सुनी. गंगा के लिए वर्षों से एक बुलंद आवाज आखिर खामोश हो गई.