सर्वोच्च न्यायालय ने मुज़फ्फरपुर आश्रय गृह दुष्कर्म मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को भागलपुर जेल से पटियाला जेल स्थांतरित करने का निर्देश दिया और पूर्व कैबिनेट मंत्री मंजू वर्मा को गिरफ्तार नहीं किए जाने पर भी असंतोष जताया.
नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुज़फ्फरपुर आश्रय गृह दुष्कर्म मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को बिहार के भागलपुर जेल से पटियाला जेल स्थांतरित करने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने ठाकुर को पंजाब के उच्च सुरक्षा वाले जेल में भेजे जाने का आदेश दिया, जबकि बचाव पक्ष के वकील ने ठाकुर को दिल्ली भेजे जाने का आग्रह किया.
न्यायमूर्ति लोकुर ने कहा, “नहीं, नहीं दिल्ली पहले से ही प्रदूषित(बहुत भीड़) है.”
अदालत ने अन्य आरोपी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री मंजू वर्मा को पुलिस द्वारा गिरफ्तार नहीं किए जाने पर भी असंतोष जताया.
न्यायमूर्ति लोकुर ने राज्य की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार की सारी दलीलों को खारिज करते हुए कहा, “उनकी ज़मानत नौ अक्टूबर को खारिज हो चुकी है. आपने उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया है..क्योंकि वह कैबिनेट मंत्री थीं. कोई भी उन्हें ढूंढ़ नहीं सका. उन्हें क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया.”
मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायमूर्ति लोकुर ने कहा, “‘इन लड़कियों को मादक पदार्थ दिए गए थे’ और ‘एक व्यक्ति को बिना खिड़की के चार तल्ले की इमारत बनाने की इजाज़त दी गई’.”
वरिष्ठ वकील कुमार ने कहा कि जो कुछ भी हुआ वह ‘बचाव के योग्य नहीं है’.
उन्होंने कहा, “अधिकारी इस बात को देख रहे हैं कि कैसे इस इमारत का निर्माण हुआ, किसने योजना को स्वीकृति दी और क्यों इसे ढहा नहीं दिया जाना चाहिए.”