राजीव सिंह, जिन्हें त्रिपुरा कैडर में वापस भेज दिया गया है, सीबीआई की बैंक प्रतिभूतियों और धोखाधड़ी पृकोष्ठ का नेतृत्व कर रहे थे।
नई दिल्ली: दिप्रिंट को पता चला है कि नीरव मोदी धोखाधड़ी के मामले सहित संवेदनशील मामलों को संभालने वाले 20 सीबीआई इकाइयों और जोनों में से छह – बिना प्रमुख के काम कर रहे हैं।
दो संयुक्त निदेशक – राजीव सिंह और नीना सिंह – समय से पहले ही अपने कैडर वापस भेज दिए गए थे। राजीव सिंह को त्रिपुरा भेजा गया था जबकि नीना सिंह राजस्थान वापस चली गई हैं। एक सरकारी सूत्र का कहना है कि प्रमुख जाँच एजेंसी में संयुक्त निदेशकों के चार अन्य पद भी रिक्त पड़े हैं।
राजीव सिंह सीबीआई की बैंक प्रतिभूतियों और धोखाधड़ी पृकोष्ठ का नेतृत्व कर रहे थे, जो 13,500 करोड़ रूपये के नीरव मोदी बैंक घोटाला मामले, आईडीबीआई बैंक के महाप्रबंधक के खिलाफ कथित तौर पर 445 करोड़ रूपये के ऋण धोखाधड़ी मामले व एक अन्य बैंक द्वारा 19.03 करोड़ रूपये के धोखाधड़ी मामले तथा चेन्नई आधारित कनिष्क गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाली 14 बैंको के संघ के 824.15 करोड़ रूपये के कथित तौर पर ऋण धोखाधड़ी मामले के भी नेतृत्वकर्ता थे।
राजीव सिंह आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन ऋण मामले में शुरू की गई प्रारंभिक जाँच को भी देख रहे थे।
नीना सिंह विशेष अपराध क्षेत्र (स्पेशल क्राइम जोन) का नेतृत्व कर रही थीं जिन्होंने गुड़गाँव के स्कूल में एक छात्र की हत्या और हिमाचल प्रदेश के कोटखाई में सामूहिक बलात्कार और हत्या सहित कई मामलों का पर्दाफाश किया था। स्थानीय पुलिस द्वारा घटिया जाँच के आरोपों के बाद यह दोनों मामले सीबीआई को स्थानान्तरित कर दिए गए थे।
नीना सिंह मुंबई में बहु-चर्चित (हाई प्रोफाइल) शीना बोरा हत्याकांड मामले की पर्यवेक्षक अधिकारी भी थीं।
एक सीबीआई अधिकारी ने कहा, “यह नियमित स्थानान्तरण हैं। रिक्त पदों का किसी भी तरह से यह मतलब नहीं है कि काम या जाँच प्रभावित होगी।“
अधिकारी ने आगे कहा, “इसके अलावा, संयुक्त निदेशक विभिन्न मामलों को संभाल रहे हैं इसलिए यह कहना अनुचित होगा कि यह इकाइयाँ या जोन नेतृत्वहीन हैं। संयुक्त निदेशक केवल मामलों की निगरानी करते हैं और अपडेट लेते हैं। जल्द ही नियुक्तियाँ की जाएंगी।“
Read in English : Key CBI unit probing Nirav Modi case is headless, 6 joint director posts lying vacant