सोशल मीडिया शाहरुख़ खान की बेटी के खिलाफ भाईभतीजावाद के आरोपों की चर्चा हो रही है, लेकिन मीडिया का कहना है की यह कोई बड़ी बात नहीं है।
मुंबईः सोशल मीडिया ने एक बार फिर से अपना रोष व्यक्त किया है और इसबार इसका लक्ष्य शाहरुख़ खान की बेटी सुहाना खान हैं जिनको फैशन पत्रिका वोग के अगस्त संस्करण के कवर पर चित्रित किया गया है।
पत्रिका की कवर स्टोरी, जिसमें सुहाना खान स्टाइलिश लुक में कैमरों की तरफ देख रही हैं, हिन्दी फिल्म उद्योग या बॉलीवुड, जैसा कि इसे बहुत लोग कहना पसंद करते हैं, की दुनिया में एक सेलिब्रिटी के बच्चे की शुरुआत के सिवा कुछ भी नहीं है।
हालांकि, सुहाना सेलिब्रिटी जैसी जीवन शैली या अनुभव के लिए कोई अजनबी नहीं हैं। उनके परिवार को देखते हुए इस समय स्वतंत्र फोटोग्राफर उनका अनुसरण कर रहे हैं।
लेकिन कुछ लोगों के लिए, खासकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर, यह बॉलीवुड में भाईभतीजावाद का एक नया प्रदर्शन है।
सेलिब्रिटी बच्चों को आसानी से लोकप्रियता मिल रही है जबकि आम बच्चों को इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। वे पूछते हैं, “उसका दावा क्या है?”
बॉलीवुड पर निशाना बनाने का फ़ैशन
पहुँच ‘जुड़े हुए’ लोगों के लिए हमेशा एक विशेष अधिकार रही है। और क्या हम लोगों ने अनगिनत बार यह तर्क नहीं दिया है कि भाईभतीजावाद केवल फिल्म उद्योग में ही नहीं बल्कि हमारे समाज के सभी वर्गों में भी मौजूद है? एक साल में जब एक दर्जन से अधिक फिल्म उद्योग के सितारों के बच्चे अपनी शुरुआत कर रहे हैं, जब ईशान खट्टर, जाहन्वी कपूर, सारा अली खान और उनके जैसे कई नए आने वालों की सोशल मीडिया पर पहले से ही अच्छी खासी फॉलोविंग है, जब स्वतंत्र फोटोग्राफर लगातार उनका अनुसरण करते हैं, और जब उनके वीडियो और तस्वीरें तुरंत ऑनलाइन हिट हो जाते हैं, तो फिर यह हो-हल्ला क्यों?
वास्तव में समस्या क्या है? क्या इस कवर गर्ल सुहाना या वोग ने अपने पाठकों को निराशा प्रदान की है?
मीडिया विशेषज्ञ और लेखक नाओमी दत्ता कहते हैं, “कवर पर का क्रोध सिर्फ सोशल मीडिया पर है। ट्विटर एक दूसरे की बुराइयों के आधार पर ही फलता फूलता है। और भाईभतीजावाद के लिए बालीवुड पर निशाना साधना एक फैशन बन गया है। यह एक स्पष्ट और चुनिंदा लक्ष्य है। लोगों को इस बात का भी बुरा मानना चाहिए कि बड़े उद्योगपतियों के बच्चे बीस वर्ष की उम्र में ही कंपनी की देखभाल करने लगते हैं। क्या एक सेलेब्रिटी की संतान द्वारा फिल्म में काम करने की अपेक्षा यह अधिक अप्रासंगिक नहीं है? इसके अतिरिक्त यह खीझ तथा उपद्रव उबाऊ है और ट्विटर के बाहर इसकी परवाह कौन करता है। लोग इंस्टाग्राम पर स्टार बच्चों को फॉलो करते हैं, धड़क एक बड़ी हिट मूवी है और तैमूर अली खान आपके वेबसाइट का ट्रैफ़िक एकदम बढ़ा देता है”
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समीक्षक, आलोचक और लेखक भारती एस प्रधान कहते हैं, “यह एक ऐसा देश है जो वंश-परंपरा की पूजा करता है। यदि राहुल गांधी, जिन्होंने स्वयं कुछ भी हासिल नहीं किया है, को हर जगह उनके वंश के आधार पर ही विशेष स्थान प्राप्त है तो एक फैशन पत्रिका के कवर पर एक युवा, ट्रेंडी (प्रचलित) सुहाना खान की तस्वीर लगाने में गलत क्या है?”
क्या वोग ने अपनी विश्वसनीयता खो दी?
क्या वोग ने अपनी विश्वसनीयता खो दी?
वोग फैशन और सुंदर महिलाओं पर आधारित चमकदार कागज पर मुद्रित एक पत्रिका है। इसकी वेबसाइट पर यह भी दिया गया है कि इसके पहले संपादक जोसेफिन रेडिंग को जानवरों को फैशन से जोड़ने के लिए जाना जाता है। सच में, कभी-कभी यह एक सनसनी पैदा करता है जब इसमें प्रमुख सामाजिक परिवर्तन होते हैं, उदाहरण के लिए इस्लामी देश में हालिया सुधारों के बाद सऊदी अरब की महिलाओं का ड्राइविंग सीट पर का कवर फोटो। लेकिन उस संस्करण में भी, सऊदी सरकार द्वारा जेल भेजे गए कार्यकर्ताओं का उल्लेख न करने के कारण वोग सऊदी अरब की आलोचना की गई थी।
असल में, वोग परवाह नहीं करता है। पत्रिका के लिए जो भी काम करता है, वह इसे अपने कवर पर लगाएगा। और वोग इंडिया के मामले में, यह हंगामा उनकी केवल मदद कर रहा है।
प्रधान ने कहा, “एक सेलिब्रिटी बच्चे का वोग कवर बनने पर लोगों के हंगामें ने पत्रिका के लिए वही किया, जो हासिल करना हर प्रकाशन का लक्ष्य है – दर्शक। तथ्य यह है कि बहुत से लोगों ने कवर देखा है, उनके साक्षात्कार को पढ़ा है और इस पर टिप्पणी की है कि उन्हे पत्रिका में प्रदर्शित करने के फैसले को सही ठहराया है। मैं किसी भी प्रकाशन के बारे में नहीं सोच सकता जो शाहरुख खान की बेटी को न लेता हो। चाहे हम इसे पसंद करते हों या नहीं, उनकी बेटी होने के नाते यह अब उनकी ‘उपलब्धि’ है। शायद, जाह्मवी कपूर की तरह, वह कुछ दिन बाद शो बिज में अपनी जगह बनाएगी। तब तक, उनके लिए इस बात का जश्न मनाएं कि उनके पिता कौन हैं।”
शाहरुख़ खान ने पत्रिका के कवर का अनावरण किया और मंगलवार को सुहाना को औपचारिक रूप से दुनिया से रूबरू करवाया और कहा अगला सितारा बच्चा चमकने का इंतजार कर रहा है। कहानी में, सुहाना ने कहा कि वह ईमानदारी से यह नहीं कह सकती कि ट्रोल उन्हें प्रभावित नहीं करते हैं, लेकिन हमें लगता है कि डैडी को वह लोकप्रियता मिल गयी जो वह अपनी प्यारी बेटी के लिए चाहते थे।
कॉलम्निस्ट भारती प्रधान ने माहरुख इनायत को बताया
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Read in English : ‘If Rahul Gandhi can be everywhere, why can’t Suhana Khan be on Vogue cover?’