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Wednesday, 4 December, 2024
होमशासनहरियाणा की आईएस अधिकारी ने अपने उच्च अधिकारी पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप

हरियाणा की आईएस अधिकारी ने अपने उच्च अधिकारी पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप

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हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने यह कहते हुए आरोपों से इंकार किया है कि यह महिला कुछ तनाव में है और इसलिए शिकायत कर रही थी क्योंकि इस महिला ने बैठकों में उपस्थित रहने के उनके आदेशों की जानबूझकर अवज्ञा की थी।

चंडीगढ़: 2014 बैच की एक आईएस अधिकारी ने हरियाणा के एक अतिरिक्त मुख्य सचिव पर एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से यौन उत्पीड़न और धमकी का आरोप लगाया है।

उनकी स्पष्ट अनुमति के साथ दिप्रिंट द्वारा नामित रानी नागर पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव के रूप में सेवारत हैं। 1984 बैच के अधिकारी एस.के.गुलाटी, जो कि इस मामले में कथित मुजरिम हैं, को इसी विभाग में पिछले महीने तैनात किया गया था।

गुलाटी ने यह कहते हुए आरोपों से इंकार किया है कि यह महिला ‘कुछ तनाव में है’ और इसलिए शिकायत कर रही थी क्योंकि इस महिला ने बैठकों में उपस्थित रहने के उनके आदेशों की ‘जानबूझकर अवज्ञा’ की थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव को कॉल की थी और मुद्दे के बारे में सूचित किया था और वह किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार थे।

अपनी एक विस्तृत फेसबुक पोस्ट में रविवार को नागर ने कहा कि गुलाटी ने उन्हें चंडीगढ़ में हरियाणा के नए सिविल सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में देर शाम बिठाये रखा, अनुचित रूप से उनसे बात की और कम से कम एक बार तो शारीरिक रूप से करीब आने की भी कोशिश की।

23 मई और 6 जून के बीच नागर ने गुलाटी के खिलाफ राष्ट्रपति सचिवालय में कथित तौर पर तीन शिकायतें दर्ज करायीं जो कि राष्ट्रपति भवन के जनसंपर्क अधिकारी कुमार समरेश के समक्ष दर्ज हुईं। उन्होंने दिप्रिंट को बताया कि “अब मैं अपनी शिकायत पुलिस में दर्ज करूंगी।”

नागर की फेसबुक पोस्ट, जो उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर भी शेयर की थी, पर हरियाणा सरकार की प्रतिक्रिया अभी भी आनी बाकी है।

“अनुचित वार्तालाप”

गुलाटी ने नागर के सभी आरोपों को बिंदु-दर-बिंदु खंडित करने की पेशकश की है।

अन्य चीजों के बीच नागर ने आरोप लगाया है कि गुलाटी ने “कई अवसरों पर उनसे अनुचित तरीके से बात की और उन्हें 7 बजे के बाद तक कार्यालय में बिठाये रखा।” उन्होंने “उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट को ख़राब करने, अपने विभाग से बाहर ट्रान्सफर करने और उन्हें बर्बाद करने” की कथित तौर पर धमकी दी थी।

नागर ने यह भी दावा किया कि गुलाटी ने उन्हें धमकी दी कि वह उन्हें ‘व्यवधान डालने वाले अधिकारी’ के रूप में पेश करेंगे यदि वह “ख़राब फाइल नोटिंग” करना जारी रखती हैं।

आरोपों पर बात करते हुए गुलाटी ने कहा कि नागर ने “क्षेत्र में शायद ही सेवा दी है”। उन्होंने आगे कहा, “कुछ मौकों पर मैंने उन्हें यह बताने की कोशिश की है कि उन्हें अपनी नोटिंग में निर्णयोन्मुखी होना चाहिए न कि दूसरों के लिए छोड़ देना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “हमें फाइलों पर निर्णय लेने के लिए तनख्वाह दी जाती है न कि इनमें देरी करने के लिए।”

नागर ने दावा किया है कि “एक मौके पर” गुलाटी ने उन्हें अपने कंप्यूटर पर कुछ दिखाने के लिए अपनी कुर्सी के पास बुलाया था। नागर ने गुलाटी के व्यवहार को अपने लिए “अनैतिक और मर्यादाहीन” बताते हुए आगे कहा, “फिर वह अपनी कुर्सी से उठे और मेरी कुर्सी के बिल्कुल करीब आ गए मानो वह कुछ कागज ढूंढ रहे हों। फिर उन्होंने मेरी कुर्सी को धक्का मारा। उन्होंने मेरे सामने ही फ़ोन पर भद्दे शब्दों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।”

नागर ने कहा कि वह उन्हें उनके साथ अकेला छोड़कर अपने कर्मचारियों को कार्यालय से जाने के लिए कहते। उन्होंने नागर से कहा कि क्या वह अपना काम गंभीरता से करना चाहती हैं या सिर्फ टाइम पास करना चाहती हैं। गुलाटी ने कथित तौर पर कहा, “मैं उसी हिसाब से तुम्हें काम दूंगा।”

गुलाटी ने कहा कि, “एक-दो अवसरों को छोड़कर लगभग सभी अवसरों पर जब उन्हें मेरे कमरे में बुलाया गया, तो उस समय कर्मचारी-वर्ग के अन्य सदस्य भी मौजूद थे।”

उन्होंने आगे कहा, “शायद एक या दो मौकों पर, जब मुझे उन्हें काम करने की उनकी गलत शैली के बारे में बताना पड़ा, तो मैंने सोचा कि जूनियर कर्मचारियों के सामने यह कहना अनुचित होगा, इसलिए मैंने उनसे कमरे से बाहर जाने के लिए कहा।”

उन्होंने कहा, “किसी भी प्रकार की किसी धमकी या शोषण का कोई सवाल नहीं है।”

उन्होंने दावा किया, “वह इसलिए शिकायत कर रही हैं क्योंकि मैंने उनसे पशुपालन करने वाले किसानों के साथ बैठकों में भाग लेने के लिए कहा। मैंने सोचा कि उन्हें उन लोगों का पहला अनुभव मिलेगा, जिनके बारे में हम निर्णय लेते हैं। उन्होंने रविवार को कहा, “लेकिन उन्होंने पहली बार गुड़गांव में हुई बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया और अब वह रोहतक में आज की बैठक के लिए नहीं पहुँची हैं, इसके बजाय उन्होंने जो कुछ भी उनके दिमाग में आया उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का फैसला कर लिया।”

अदालत में दर्ज उत्पीड़न और धमकी के 50 मामले

नागर के फेसबुक पोस्ट में 14 पेंज  के एक बयान के साथ साथ 10 मई के एक आवेदन पत्र  को शामिल किया गया था जिसे कोसली न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष पेश भी किया गया था। उस पत्र में उनके उपर हुए अन्य उत्पीड़नो और दी गई धमकियों के बारे में जानकारी दी गई थी।

नागर नवम्बर 2016 में कोसली के उप-मंडल मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त हुईं और एक स्थानीय व्यक्ति, जिसको नागर ने उनके साथ सार्वजनिक रूप से गलत व्यवहार करने और अश्लील इशारे करने का दोषी ठहराया था, के खिलाफ दर्ज कराई गयी उनकी शिकायत पर चल रहे एक मामले में अदालत में एक आवेदन पत्र दिया|

अदालत को दिए गए बयान में उन्होंने 50 से अधिक शिकायतों की एक सूची संलग्न की जो कि उन्होंने उन्होंने जुलाई 2015 के बाद से विभिन्न अधिकारियों के खिलाफ दायर की थी।

दर्ज शिकायतो में भिन्न मामले – गाजियाबाद में एक ऑटो चालक द्वारा कथित अपहरण का प्रयास , उनके ऊपर किये गए ड्राइवरों द्वारा यौन उत्पीड़न, अज्ञात लोग का उनके आधिकारिक निवास में अनाधिकार प्रवेश और वेतन के रोके जाने से संबधित है।

अक्टूबर 2016 की शिकायत के बाद ऑटो ड्राइवर की खोज की गई और उसे गिरफ्तार किया गया था, लेकिन नागर ने आरोप लगाया कि उनके आधिकारिक आवास में जबरन घुसे लोगो में से किसी की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है जो कि कथित रूप से उस समय हुआ था जब वह दिसंबर 2017 में दबवाली में एसडीएम के रूप में नियुक्त थीं। एफआईआर में अज्ञात लोगों को आरोपी के रूप में नामित किया गया हैं।

इस मामले को लेकर भी नागर ने अपनी कथित घटना का विवरण देते हुए एक वीडियो बनाया और फेसबुक पर उसे पोस्ट कर दिया।

उन्होंने यह भी दावा किया कि, जब वे अंबाला में 2015 के अंत में सहायक आयुक्त के पद पर नियुक्त थीं और प्रशिक्षण में थी तो उन्हें अपने कार्य के दौरान ड्राइवरों द्वारा यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा, “जब वे कार में होती थीं तो ड्राइवर उन्हें पीछे के शीशे में देखते थे और अपने शरीर के निजी हिस्सों को छूकर हस्तमैथुन करते थे।”

उन्होंने कहा कि, ”उन्होंने अंबाला डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई, जिन्होंने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन का आदेश दिया, लेकिन नागर ने कहा कि पूछताछ की स्थिति पर अनिश्चितता बनी हुई थी । “मुझे समिति ने लगभग तीन महीने बाद अपना बयान देने के लिए बुलाया था … हालांकि, उसके बाद, मुझे अभी तक यह नहीं बताया गया कि इस मामले में क्या हुआ।”

नागर ने 11 मई को राष्ट्रपति की ईमेलआईडी पर 14 पेज के बयान को भेजा था लेकिन उन्हें अभी तक कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है।

आईपीएस अधिकारी के द्वारा किया गया अश्लील इशारा

उनके द्वारा लगाये गए गंभीर आरोपों में एक आरोप यह भी है कि, अक्टूबर 2015, अंबाला में सार्वजनिक शिकायतों को ले कर हो रही बैठक में एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी द्वारा उनको अश्लील इशारे किये गए जो हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ मंच पर थे। उन्होंने कहा कि वह आगे की पंक्ति में बैठी थीं, और घटना के बाद से डर गयी थीं।

चूंकि आईपीएस अधिकारी से उनके जवाब के लिए संपर्क नहीं किया जा सका है, जिसका फ़िलहाल हम इंतज़ार कर रहे हैं|

Read in English : Haryana IAS officer accuses boss of sexual harassment

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