‘तेल कीमतें रुपये में उतार-चढ़ाव पर भी निर्भर, अगर रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत होगा तो तेल के दाम में कमी आएगी.’
नई दिल्ली: पेट्रोल का दाम लगातार चार दिन बढ़ने के बाद बुधवार को थम गया लेकिन डीजल की महंगाई से राहत नहीं मिली. डीजल के दाम में लगातार पांचवें दिन वृद्धि जारी रही. देश की राजधानी दिल्ली में डीजल का दाम 24 पैसे की बढ़ोतरी के साथ 74.35 रुपये प्रति लीटर हो गया है.
कोलकाता में भी डीजल 24 पैसे महंगा हो गया. मुंबई और चेन्नई में डीजल के दाम में क्रमश: 25 और 26 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हो गया है.
हालांकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में फिर नरमी आई है, जिससे तेल की महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद है.
जानकार बताते हैं कि कच्चे तेल के दाम में नरमी से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तत्काल कमी होने की संभावना नहीं है क्योंकि नरमी का असर 15 दिन बाद ही भारतीय बाजार में देखने को मिलेगा.
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की वेबसाइट से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, डीजल बुधवार को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में क्रमश: 74.35 रुपये, 76.20 रुपये, 77.93 रुपये, 78.61 रुपये प्रति लीटर था.
चारों महानगरों में पेट्रोल का दाम स्थिर रहा. दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में बुधवार को पेट्रोल क्रमश: 82.26 रुपये, 84.09 रुपये 87.73 रुपये, 85.50 रुपये प्रति लीटर था.
ब्रेंट क्रूड 85 डॉलर प्रति बैरल से नीचे फिसला. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ की ओर से दुनिया की अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार सुस्त पड़ने का अंदेशा जताने से कच्चे तेल के दाम में तेजी बुधवार को थम गई.
इंटरकॉन्टिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर ब्रेंट क्रूड 85.03 डॉलर प्रति बैरल से 0.28 फीसदी नीचे फिसलकर 84.76 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. वहीं न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज पर नायमैक्स पर डब्ल्यूटीआई 0.49 फीसदी की नरमी के साथ 74.59 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था.
अमेरिका में तूफान ‘माइकल’ के कारण तेल का उत्पादन प्रभावित होने की आशंकाओं से पिछले सत्र में कच्चे तेल में तेजी आई थी.
एजेंल ब्रोकिंग हाउस के एनर्जी मामलों के विशेषज्ञ अनुज गुप्ता ने कहा कि आईएमएफ के अनुमान से आगे कच्चे तेल की मांग कम हो सकती है, जिससे कीमतों में नरमी देखने को मिल सकती है.
हालांकि भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों से राहत मिलने के बारे में उन्होंने कहा कि कच्चे तेल में पिछले दिनों आई तेजी का असर अभी भारतीय बाजार में नहीं दिखा है, बल्कि आगामी सप्ताहों में दिखेगा.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारत में तेल कीमतें डॉलर के मुकाबले रुपये में उतार-चढ़ाव पर भी निर्भर करती हैं. गुप्ता ने कहा कि अगर रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत होगा तो तेल के दाम में जरूर कमी आएगी.