हाईकोर्ट ने नजीब की मां की याचिका खारिज करते हुए कहा कि वे ट्रायल कोर्ट में अपनी बात रख सकती हैं.
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को क्लोज़र रिपोर्ट सौंपने की अनुमति दे दी है.
नजीब की गुमशुदगी को लेकर उनकी मां फातिमा नफीस ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. लेकिन आज की सुनवाई में हाईकोर्ट ने याचिका को यह कहते हुए खत्म कर दिया कि वे केस की विस्तृत जानकारी ट्रायल कोर्ट से ले सकती हैं और अपनी चिंताएं वहां ज़ाहिर कर सकती हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जस्टिस एस. मुरलीधर और जस्टिस विनोद गोयल की पीठ ने नजीब की मां की याचिका खारिज करते हुए कहा कि निचली अदालत में क्लोज़र रिपोर्ट दायर की गई है. नफीसा अहमद अपनी बात वहां रख सकती हैं.
JNU student Najeeb Ahmad missing case: Delhi High Court court disposes off the petition filed by Fatima Nafis (mother of Najeeb Ahmad), court also allows CBI to file closure report in the case. Court says his mother can raise grievances before trial court where report is filed.
— ANI (@ANI) October 8, 2018
अहमद की मां ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके अपील की थी कि अदालत पुलिस को आदेश दे कि मामले में क्लोज़र रिपोर्ट न लगाकर नजीब को खोजा जाए.
इस फैसले के बाद नजीब की मां ने मीडिया से कहा, ‘दो साल हो गए हैं. हमें अदालत से बहुत उम्मीद थी लेकिन हम एक इंच भी आगे नहीं बढ़ पाए. सुरक्षा एजेंसियों ने अदालत को गुमराह किया. पिछले दो सालों से जो भी हो रहा है वह उनके दबाव में हो रहा है जो सत्ता में बैठे हैं.’
It's been 2 yrs. I had high hopes from Court but we didn't move even an inch. Security agencies misguided Court. We'll go to the Supreme Court. All that is happening since last 2 yrs is being done under the pressure by those sitting in power: Fatima Nafees, mother of Najeeb Ahmad pic.twitter.com/FYRorvRCDF
— ANI (@ANI) October 8, 2018
गौरतलब है कि अक्टूबर, 2016 में जेएनयू के कुछ छात्रों से नजीब अहमद का झगड़ा हुआ था, इसके बाद से ही नजीब अहमद गुमशुदा है. नजीब की तलाश करने को लेकर जेएनयू के छात्रों ने कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया था जिसके बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. सीबीआई ने इस मामले की जांच बंद करने का निर्णय लिया जिसको नजीब की मां ने चुनौती दी थी.
सीबीआई से पहले दिल्ली पुलिस ने इस मामले की जांच की थी. लेकिन दिल्ली पुलिस और सीबीआई दोनों मिलकर भी यह पता नहीं लगा सकीं कि नजीब कहां है. इस बीच दो सालों में नजीब के विदेश चले जाने या उसकी हत्या कर दिए जाने की अटकलें लगाई जाती रहीं, लेकिन अब तक किसी को नहीं पता कि नजीब कहां है. कोर्ट के इस निर्णय के बाद सीबीआई निचली अदालत में क्लोज़र रिपोर्ट फाइल कर सकेगी.