scorecardresearch
Thursday, 25 April, 2024
होमशासनकांग्रेस की सीबीआई पिंजरे का तोता थी, मोदी ने इसे राष्ट्रीय अपमान में बदला: केजरीवाल

कांग्रेस की सीबीआई पिंजरे का तोता थी, मोदी ने इसे राष्ट्रीय अपमान में बदला: केजरीवाल

Text Size:

स्वराज इंडिया ने पूछा, भ्रष्टाचार में नाम आने और सीबीआई निदेशक के विरोध के बावजूद अस्थाना को नंबर दो पोजिशन पर क्यों नियुक्त किया गया?

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किए जाने के बाद विपक्षी पार्टियों ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला तेज कर दिया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, स्वराज इंडिया और कांग्रेस सभी सत्तारूढ़ भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर हैं और सीबीआई जैसे संस्थान में भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लगा रही हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सीबीआई को राष्ट्रीय अपमान में तब्दील कर दिया है.

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘कांग्रेस के शासनकाल के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई को पिंजरे में कैद तोता करार दिया था. मोदी सरकार कांग्रेस के रिकॉर्ड से आगे बढ़ गई है और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को प्रताड़ित करने के लिए उसने एजेंसी को राष्ट्रीय अपमान में तब्दील कर दिया है.’


यह भी पढ़ें: मोदी सरकार में सीबीआई राजनीतिक बदला लेने वाला हथियार बन गई है: राहुल गांधी


सोमवार को ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कहा था कि मोदी की सरकार में सीबीआई राजनीतिक बदला लेने वाला हथियार बन गई है. राहुल ने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री के चहेते, गुजरात कैडर के अधिकारी, गोधरा पर गठित एसआईटी से प्रसिद्धि में आए और सीबीआई में नंबर दो के रूप में घुसाए गए अधिकारी को अब रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है.’ उन्होंने कहा, ‘इन प्रधानमंत्री के शासन में सीबीआई राजनीतिक बदला लेने का हथियार बन गई है. एक संस्थान जो गर्त में जा रहा है, खुद से लड़ रहा है.’

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

सीबीआई ने रविवार को अस्थाना के खिलाफ मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के मामले को निपटाने के लिए कथित रूप से रिश्वत लेने के लिए मामला दर्ज करने की घोषणा की थी. कुरैशी धन शोधन और भ्रष्टाचार के कई मामलों का सामना कर रहा है.

इससे पहले अस्थाना ने सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ भारतीय रेलवे खान-पान एवं पर्यटन निगम भ्रष्टाचार मामले में हस्तक्षेप करने के लिए शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले में राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद के परिवार के सदस्य शामिल हैं.

स्वराज इंडिया ने मोदी सरकार को घेरा

सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर स्वराज इंडिया ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला किया है. पार्टी के प्रवक्ता अनुपम ने सोमवार को जारी एक बयान में केंद्र सरकार से सवाल किया है कि संदेसरा समूह की कंपनी ‘स्टर्लिंग बॉयोटेक’ पर आयकर विभाग के छापे में जब्त हुई डायरी में नाम आने के बावजूद राकेश अस्थाना को सीबीआई में नंबर दो पोजिशन पर नियुक्त क्यों किया गया, वह भी निदेशक आलोक वर्मा के लिखित विरोध के बावजूद?

उन्होंने कहा है, ‘यह हैरान करने वाली बात है कि जिस ‘स्टर्लिंग बॉयोटेक’ मसले में भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई कर रही थी, उसी के एक आरोपी को सीबीआई का विशेष निदेशक बना दिया जाता है! ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ जैसी बड़ी-बड़ी बातें बोलने वाले मोदीजी की आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे अपने प्रिय अस्थाना को उन्होंने जबरन सीबीआई में उच्च पद पर नियुक्त कर दिया?’

मोदी-शाह के करीबी हैं अस्थाना

उल्लेखनीय है कि राकेश अस्थाना गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं, जो गुजरात सरकार द्वारा गठित उस एसआईटी का हिस्सा थे, जिसने गोधरा कांड पर मोदी को क्लीन चिट दी थी. सूरत, अहमदाबाद और बड़ोदरा में पुलिस अधिकारी के तौर पर कई बड़े पदों पर रहने वाले अस्थाना प्रधानमंत्री मोदी एवं अमित शाह के करीबी माने जाते हैं.


यह भी पढ़ें: मोदी निर्धारित करेंगे घूसकांड में सीबीआई के अधिकारी राकेश अस्थाना का भाग्य


अनुपम ने कहा है, ‘अब तक लालू प्रसाद से लेकर माल्या, नीरव मोदी, चोकसी, मोईन कुरैशी जैसे कई संवेदनशील मामलों को देखने वाले अस्थाना की आज पोल खुल गई है. ज्यादा बड़ी बात है कि इस भ्रष्ट अधिकारी को संरक्षण और प्रमोशन देने वाले मोदी जी की भी पोल खुल गई है.’

उल्लेखनी है कि सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने राकेश अस्थाना की सीबीआई में हुई नियुक्ति के खिलाफ सर्वोच्च न्यायानय में याचिका दायर की थी.

‘देश की जनता के साथ बड़ा छलावा’

अनुपम ने कहा है, ‘अब कुछ लोग मीडिया के माध्यम से इस मसले को एक नया मोड़ देने की कोशिश कर रहे हैं. इसे सीबीआई के विशेष निदेशक अस्थाना और निदेशक आलोक वर्मा के बीच का व्यक्तिगत झगड़ा बताया जा रहा है. जबकि असल में यह सारा किया धरा नरेंद्र मोदी का है, जिन्होंने नियमों को ताक पर रख कर अपने एक भ्रष्टतम पुलिस अधिकारी के माध्यम से माल्या का लुकआउट नोटिस बदलवाने जैसे न जाने कितने खेल किए हैं.’

स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा, ‘पिछले साढ़े चार सालों में यह सरकार देश के संवैधानिक संस्थानों को ध्वस्त करके नरेंद्र मोदी नामक एक व्यक्ति के चरणों में समर्पित करने में लगी हुई है. विश्वविद्यालयों से लेकर परीक्षा भर्ती आयोग से लेकर जांच एजेंसियों तक हर जगह भ्रष्ट एवं चहेते लोगों की नियुक्ति हो रही है और वह भी नियमों का उल्लंघन करके. चाहे राफेल घोटाले जैसे मामलों में प्रधानमंत्री मोदी का व्यक्तिगत भ्रष्टाचार हो या सीबीआई में किया जा रहा संस्थागत भ्रष्टाचार, ईमानदारी का चोला पहनकर आई इस सरकार ने देश की जनता के साथ बड़ा छलावा किया है. आने वाले चुनावों में देश की जनता मोदीजी से इसका हिसाब लेगी.’

(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)

share & View comments