अयोध्या मामले की सुनवाई सोमवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने की.
नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय में सोमवार को अयोध्या जमीन विवाद मामले में सुनवाई टल गई. अब मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2019 में एक उचित पीठ के समक्ष होगी. हालांकि, अदालत ने सुनवाई के लिए कोई विशेष तारीख निर्धारित करने से इनकार किया. अयोध्या मामले की सुनवाई सोमवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने की.
Supreme Court adjourns the matter till January to fix the date of hearing in #Ayodhya title suit pic.twitter.com/2ArhDMMjum
— ANI (@ANI) October 29, 2018
आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर की पीठ ने आदेश दिया था कि विवादित भूमि के मालिकाना हक वाले दीवानी मामले की सुनवाई तीन जजों की पीठ 29 अक्टूबर से करेगी.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के दिए फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होनी थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 के दिए अपने फैसले में विवादित भूमि को तीन हिस्सों में बांट दिया था. लेकिन तीनों पक्षों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला में से किसी भी पक्ष ने फैसले को नहीं माना और उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2011 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले पर रोक लगा दी थी.
इससे पहले अयोध्या मामले से ही जुड़े एक दूसरे मामले की 27 सितंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 1994 के अपने फैसले पर पुनर्विचार से इनकार करते हुए मस्जिद को इस्लाम का आंतरिक हिस्सा मानने से इनकार कर दिया था. मामले की सुनवाई मौजूदा चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट ने अपने 1 के मुकाबले 2 जजों के बहुमत फैसले में कहा था कि मामले की सुनवाई सबूतों के आधार पर होगी.
(समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)