श्रुति,वरिष्ठ आईएएस अधिकारी केशनी आनंद अरोड़ा की बेटी हैं, जो हरियाणा के मुख्य सचिव बनने के लिए अगली पंक्ति में है। इस नियुक्ति में केशनी के पूर्वाधिकारियों में उनकी बहनें – मीनाक्षी आनंद चौधरी और उर्वशी गुलाटी शामिल हैं।
चंडीगढ़ः जब चंडीगढ़ से 25 वर्षीय इंजीनियर श्रुति अरोड़ा,संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में 118 वीं रैंक प्राप्त करके,अपनी पारिवारिक विरासत को आगे बढ़ाने वाली एकलौती बेटी बन गईं।
श्रुति,1983-बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी केशनी आनंद अरोरा की बेटी हैं, जो हरियाणा के मुख्य सचिव बनने के लिए अगली पंक्ति में है। इस नियुक्ति में केशनी के पूर्वाधिकारियों में, उनकी बहनें मीनाक्षी आनंद चौधरी और उर्वशी गुलाटी शामिल हैं।
केशनी ने कहा कि “आज हम जो भी कुछ हैं उसका श्रेय हमारे माता-पिता को जाता है, उन्होंने आगे कहा कि उनकी बेटी लोक सेवा आयोग के लिए भी अच्छी तरह से तैयार है,उसके लिए वह बहुत उत्साहित हैं। उन्होंने कहा “श्रुति भारतीय पुलिस में सेवा के लिए प्रवेश कर रही है, जो उनके लिए गर्व की बात है।“
केशनी के पिता डॉ. जगदीश चंदर आनंद पंजाब विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के एक बहुत ही सम्मानित प्रोफेसर थे। वह और उनकी पत्नी शिक्षा के मामले में चैंपियन थीं तथा उन्होंने अपनी बेटियों को अध्ययन करने एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित किया।
केशनी ने कहा, “मेरे मम्मी और पापा, हमें शिक्षित करने तथा स्नातक की पढ़ाई करके शादी करने के बजाय आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित किया।”
आनंद ने अपनी तीन बेटियों को घर पर स्वयं ही पढ़ाया। “चूंकि राजनीतिक विज्ञान उनका मुख्य विषय था, जैसा कि यह सिविल सेवा परीक्षा के विषयों में से एक है, हम सभी ने उनसे राजनीति विज्ञान का ज्ञान प्राप्त किया। केशनी जो वर्तमान में हरियाणा के अपर मुख्य सचिव और राजस्व विभाग की प्रमुख हैं, ने कहा कि उन्होंने हमें अन्य विषयों के बारे में भी शिक्षा दी थी।
आनंद विश्वविद्यालय के कई छात्रों ने अपने कैरियर को सिविल सेवाओं के लिए निखारा है और ये छात्र यूपीएससी परीक्षा का भी हिस्सा हैं।
पहले शिक्षा
विभाजन के बाद,मूल रूप से पूर्व-स्वतंत्र पाकिस्तान से संबंधित परिवार ने खुद को बहुत ही तनहा महसूस किया और एकमात्र अच्छी शिक्षा की बदौलत इस परिवार ने अपने आप को एक बार फिर से निखार लिया।
“हमारे माता-पिता पाकिस्तान से आए थे। वे वहाँ एक अच्छे परिवार से संबंधित थे। जब भारत का विभाजन हुआथा,उस समय वे मसूरी में छुट्टियां बिता रहे थे, इसलिए वे वापस पाकिस्तान नहीं जा सके। मेरी माँ एक गृहिणी हैं,उनका मानना है कि शिक्षा सशक्ति करण है और शिक्षा ही है जो आपको कहीं भी बेहतर बना सकती है।”
“हमारे घर का माहौल शिक्षामय था। हमारे माता-पिता ने अपने मनोरंजन के लिए कभी टेलीविजन नहीं खरीदा। केशनी ने कहा, “हम कभी भी ट्यूशन पढ़ने के लिए किसी भी अकादमी में नहीं गए।” केशनी ने कहा,”मुझे लगता है कि बच्चों के अध्ययन के लिए घर का उचित माहौल सबसे आवश्यक पहलू है। केशनी ने कहा, इसी माहौल से श्रुति को काफी मदद मिली।”
तीन लड़कियों ने पहले राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री (परास्नातक) प्राप्त की और विश्वविद्यालय में शीर्ष स्थान पर रहीं।
1969-बैच की आईएएस अधिकारी मीनाक्षी और 1975-बैच की आईएएस अधिकारी उर्वशी, यूपीएससी परीक्षा में देश के पहले 20 रैंकरों में से एक थीं। 1983 में, केशनी दूसरे स्थान पर रहीं।
जब मीनाक्षी ने हरियाणा के मुख्य सचिव के रूप में पदभार संभाला, तो वह ऐसा करने वाली पहली महिला थीं। उसने अपनी बहनों के रास्ते पर चलकर,सबसे खराब लिंग अनुपात और स्थानिक लिंग भेदभाव के लिए माने-जाने वाले राज्य में,उन्होंने एक मिशाल पेश की। 2009 में उर्वशी ने मुख्य सचिव के रूप में पदभार संभाला। मीनाक्षी और केशनी ने डॉक्टरों से शादी की थी, जबकि उर्वशी ने हरियाणा-कैडर के आईएएस अधिकारी से विवाह किया था। उनकी दो बेटियां प्राइवेट-सेक्टर में नौकरियां कर रहीं हैं, जबकि मीनाक्षी के बेटे मनीष चौधरी हरियाणा में आईपीएस अधिकारी हैं।
श्रुति ने चंडीगढ़ में सेक्रेड हार्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में अध्ययन करके इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान (यूआईईटी) में इंजीनियरिंग का कोर्स किया।एक राष्ट्रीय स्तरीय की योद्धा पर, वह एक पेशेवर स्नूकर खिलाडी के रूप में खेलती हैं।
केशनी ने कहा, “जब मैं 27 वर्ष की थी तब मैंने अपनी माँ को खो दिया था। मेरे पिता भी 2014 में हमें छोड़कर चले गए थे। वे श्रुति को सिविल सेवाओं में शामिल होते हुए देखकर बहुत खुश होते। उन्होंने कहा, “लेकिन मेरा विश्वास है कि उनका आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ है।“