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Thursday, 25 April, 2024
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कैसे पाकिस्तान में एक व्हाट्सएप पोस्ट मौत की सजा दिला सकती है

अदालत में अपनी याचिका में महिला ने कहा कि उसके पुरुष मित्र और आरोप पत्र के याचिकाकर्ता द्वारा उसे जानबूझकर एक धार्मिक विवाद में खींच लिया गया है.

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नई दिल्ली: पाकिस्तान की एक अदालत ने एक महिला को कथित तौर पर व्हाट्सएप और फेसबुक पर ईशनिंदा वाले संदेश भेजने के लिए मौत की सजा सुनाई है. 26 वर्षीय अनीका अतीक को मई 2020 में व्हाट्सएप स्टेटस के रूप में ‘ईशनिंदा सामग्री’ पोस्ट करने और उसे एक दोस्त को फॉरवर्ड करने के आरोप के तहत गिरफ्तार किया गया था. उन पर पैगंबर मोहम्मद के कैरिकेचर पोस्ट करने का आरोप लगाया गया था.

पाकिस्तान में ईशनिंदा करने वालों के लिए मौत की सजा निर्धारित है. रावलपिंडी की अदालत ने महिला को धारा 295-सी (ईशनिंदा) के तहत मौत की सजा सुनाई और उस पर 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया. आरोपी को धार्मिक भावनाओं को आहत करने और मुस्लिम होने का ढोंग करने के लिए पाकिस्तानी दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत कुल 2,00,000 रुपए के जुर्माने के साथ 20 साल की जेल की सजा भी दी गई है.

न्यायाधीश ने अपने फैसले में लिखा, ‘महिला आरोपी द्वारा उसकी स्टेटस पर ईशनिंदा करने वाली सामग्री पोस्ट करना और शिकायतकर्ता को कैरिकेचर भेजना ठीक नहीं है और एक मुस्लिम के लिए सहनीय नहीं है.’

हालांकि, अदालत में अपनी याचिका में महिला ने कहा कि उसके पुरुष मित्र और आरोप पत्र के याचिकाकर्ता द्वारा उसे जानबूझकर एक धार्मिक विवाद में खींच लिया गया है क्योंकि उसने उसके प्रति ‘दोस्ताना’ होने से इनकार कर दिया था.  दोनों ऑनलाइन मिले थे और व्हाट्सएप पर बात किया करते थे.

प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने कहा: ‘ईशनिंदा के प्रति उन्माद बेरोकटोक जारी है. वो इन मामलों को भगवान के न्याय के लिए क्यों नहीं छोड़ते, न कि भ्रष्ट पुरुषों पर?’

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लेखक असीम यूसुफजई ने कहा कि ‘एक व्हाट्सएप पोस्ट आपको पाकिस्तान में मौत की सजा दिला सकता है .. जबकि 144 आर्मी पब्लिक स्कूल के बच्चों के हत्यारे को एक सुरक्षित तरीके से देश से बाहर जाने दिया गया था.’

कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने आरोपी महिला के साथ सहानुभूति दिखाई.

ह्यूमन राइट्स विदाउट फ्रंटियर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में 1987 और 2021 के बीच ईशनिंदा के लिए 1,865 लोगों पर आरोप लगाया गया था. 2020 में इसमें उछाल दिखाई दिया जब विवादास्पद कानून के तहत 200 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे. 1990 के बाद से ईशनिंदा के आरोप में 70 लोगों की हत्या या लिंचिंग की जा चुकी है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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