कानपुर: उन्होंने उसका नाम पूछा और फिर उसे मार डाला…पहलगाम के बैसरन में 31 साल के शुभम द्विवेदी को आतंकवादियों ने गोली मार दी, जिसके बाद उनकी पत्नी ने आतंकियों से उन्हें भी मार डालने की गुहार लगाई, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
द्विवेदी की पत्नी आशन्या ने अपने परिवार के बाकी सदस्यों को घटना के बारे में बताया, जब मैंने उनसे कहा कि मुझे भी गोली मार दो, तो आतंकवादियों ने कहा, हम तुम्हें नहीं मारेंगे, तुम जाकर मोदी और सरकार को बताओ…इसलिए हम तुम्हें छोड़ रहे हैं.
गुरुवार को जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ परिवार से मिलने आए, तो आशन्या ने अपने पति की शर्ट पहनकर उनसे मुलाकात की. द्विवेदी उन 28 पर्यटकों में शामिल थे, जो कश्मीर की पहलगाम घाटी में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए थे, जो 26/11 मुंबई नरसंहार के बाद देश में इस तरह का सबसे बड़ा हमला था.
गुरुवार को द्विवेदी का पार्थिव शरीर लेकर हाथीपुर गांव में उनके पैतृक घर से लोग बाहर निकले तो पड़ोस में “पाकिस्तान मुर्दाबाद” और “खून का बदला खून से” के नारे गूंज उठे. बड़ी संख्या में लोग उनके घर के बाहर मौजूद थे, जिनमें से कुछ के हाथों में ‘Stop terrorism’ के पोस्टर थे.
द्विवेदी का पार्थिव शरीर बुधवार देर रात कश्मीर से लखनऊ लाया गया, जहां से उनके शव को उनके पैतृक गांव हाथीपुर ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. उनके घर के बाहर बड़ी संख्या में प्रादेशिक सशस्त्र बल (पीएसी) और पुलिस बल तैनात किया गया है और गुरुवार को गंगा तट पर राजकीय सम्मान के साथ उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया.
जब यह खबर द्विवेदी की करीबी दोस्त वंशिका तक पहुंची तो वह करीब दो घंटे तक सदमे में रहीं और सच्चाई को स्वीकार नहीं कर पाई. फिर उनके दोस्त का शव उनके सामने आया.
हाथीपुर स्थित अपने घर में रोते हुए उन्होंने कहा, “मुझे अभी भी यकीन नहीं हो रहा है कि मेरा सबसे अच्छा दोस्त अब नहीं रहा. वह बहुत ही शांत स्वभाव का लड़का था और सभी से बहुत अच्छी दोस्ती रखता था.”
वंशिका और द्विवेदी ने कानपुर के जागरण कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स में एक साथ बीकॉम की पढ़ाई की थी. वंशिका ने बताया, “उसे घूमना-फिरना बहुत पसंद था. वह फ्रेंड्स, फैमिली और लाइफ के बीच बैलेंस बनाए रखना बखूबी जानता था और हम सभी के लिए इंस्पीरेशन था, बहुत टैलेंटेड और अपने दोस्तों के साथ तस्वीरें खिंचवाने का शौकीन.”
जागरण कॉलेज ने फेसबुक पोस्ट के जरिए अपने पूर्व छात्र को श्रद्धांजलि दी.
पोस्ट में लिखा गया, “हम अपने प्रिय पूर्व छात्र शुभम द्विवेदी (बी.कॉम 2012-2015) की असामयिक मृत्यु पर बहुत दुखी हैं, जो कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले का शिकार हुए.”
द्विवेदी के स्कूल गुरु हर राय एकेडमी में गुरुवार को दो मिनट का मौन रखा गया.
अपने भाई को भेजे गए अपने आखिरी वीडियो में द्विवेदी पहलगाम के होटल के कमरे में अपने परिवार के साथ ताश खेलते नज़र आ रहे हैं. उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, “मैं सबको हरा दूंगा.”
द्विवेदी को 23 अप्रैल को कश्मीर से लौटना था. यात्रा पर उनके साथ आशन्या, पिता, बहन और ससुराल वाले समेत 11 परिवार के सदस्य थे. द्विवेदी और आशन्या बैसरन घाटी के ऊपरी हिस्से में गए थे, जबकि परिवार के बाकी सदस्य वहीं रुक गए. दोनों की शादी दो महीने पहले ही फरवरी में हुई थी.
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पहलगाम का एक वीडियो
वंशिका ने द्विवेदी से हनीमून पर जाने से पहले बात की थी. वह खुश था क्योंकि पूरा परिवार साथ था. उन्होंने कहा, “उनको परिवार के साथ रहना बहुत अच्छा लगता था.”
शुभम द्विवेदी के पिता संजय द्विवेदी कानपुर में सीमेंट कारोबारी हैं और अपने परिवार के साथ कानपुर के श्यामनगर में रहते हैं. शुभम उनका इकलौता बेटा था.
कानपुर के धोरी घाट स्थित श्मशान घाट पर उन्होंने कहा, “हम 11 लोग बहुत खुशी से गए थे, लेकिन अपने बेटे के बिना ही वापस आए हैं.”


शुभम द्विवेदी के मन में अपने पिता के सीमेंट कारोबार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के बड़े सपने थे. 2018 में एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह फैमिली बिजनेस में शामिल हो गए.
उनके फेसबुक प्रोफाइल में लिखा है कि वह चंदन ट्रेडर्स में निदेशक और अल्ट्राटेक सीमेंट में सेल्स प्रमोटर थे.
22 मार्च को उनके आखिरी फेसबुक पोस्ट में लिखा था, “All you need is love.” टाइमलाइन में उनकी यात्रा की फोटो हैं.
शुभम के चचेरे भाई सौरभ द्विवेदी ने कहा कि कानपुर में उनके परिवार के सदस्यों को संजय से एक वीडियो मिला. सौरभ ने कहा, “वीडियो में एक शव दिखाई दे रहा था. एक महिला पीछे चिल्ला रही थीं — मुझे बचाओ, मेरे पति को बचाओ.”
परिवार के पांच सदस्य घाटी के ऊपरी इलाकों में टहलने गए थे, उनमें से छह वहीं रुक गए थे. संजय द्विवेदी, जो पीछे रह गए समूह का हिस्सा थे, उन्हें उनकी बहू का फोन आया कि शुभम को गोली मार दी गई.
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‘आतंकवादियों को नहीं बख्शेंगे’
गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुभम द्विवेदी के परिवार से करीब 20 मिनट तक मुलाकात की. योगी के आने पर ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगे.
संजय ने कहा कि योगी ने परिवार को सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है. सीएम योगी ने कहा कि हम अपना बेटा खो चुके हैं, लेकिन ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

बुधवार को भारत ने पाकिस्तान पर पांच सख्त प्रतिबंध लगाए, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तान उच्चायोग से कर्मचारियों की संख्या में कटौती करना और अटारी सीमा को बंद करना शामिल है.
लेकिन संजय द्विवेदी को यकीन है कि पाकिस्तान बदलने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि सख्त सैन्य कार्रवाई की जानी चाहिए और सभी आतंकवादियों को मार गिराया जाना चाहिए, तभी ऐसी घटनाएं नहीं होंगी.
योगी ने कहा, “हमारी बेटियों के सिंदूर को उजाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और डबल इंजन की सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है.”
द्विवेदी ने पहलगाम में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि जिस घाटी में परिवार घूमने गया था, वहां एक भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था.
उन्होंने कहा, “हम व्यापारी सबसे ज्यादा टैक्स देते हैं, लेकिन हमारे पास कोई सुरक्षा नहीं है. यह बिल्कुल सच है कि अगर सुरक्षा होती तो मेरा बेटा नहीं मरता.”
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