जयपुर: जब नीरज उधवानी और उनकी पत्नी आयुषी शिमला में एक दोस्त की शादी के लिए भारत आए, तो उनका अपने घर जयपुर आने का कोई प्लान नहीं था. इसके बजाय, शादी में शामिल होने के बाद, दंपति — जिनकी महज़ दो साल पहले शादी हुई है दुबई में रह रहे हैं — उन्होंने कश्मीर के पहलगाम जाने का फैसला किया.
नीरज के चाचा ने कहा, 33 साल के नीरज को नई जगहों पर घूमना काफी पसंद था. बुधवार की शाम को, नीरज एक ताबूत में जयपुर लौटे. वह 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों में से एक थे, जिनमें से ज़्यादातर पर्यटक थे, जब लश्कर-ए-तैयबा के एक संगठन से जुड़े आतंकवादियों ने एक-एक करके सभी को गोली मार दी थी.
नीरज के चाचा दिनेश उधवानी ने कहा, “उसे घूमना-फिरना बहुत पसंद था, वह बहुत खुशमिज़ाज था.” उन्होंने आगे बताया कि उनका भतीजा हाल ही में जॉर्जिया और अन्य जगहों पर गया था, जिसके बारे में उन्हें याद नहीं है. “उसका स्वभाव बहुत अच्छा था और उसे घूमना-फिरना बहुत पसंद था. इसलिए वह पहलगाम जाना चाहता था.”
नीरज और आयुषी शुक्रवार को जयपुर से चंडीगढ़ जाने वाले थे, जहां से उन्हें दुबई वापस जाना था — जहां वह यूके स्थित एजुकेशन मैनेजमेंट फर्म कॉग्निटा स्कूल्स में फाइनेंस मैनेजर थे.
नीरज की भाभी शुभी ने दुखी मन से कहा, “वहां (दुबई में) लोग उसे नीरज के नाम से जानते थे, लेकिन हम उसे ‘मोनू’ कहते थे. मैं बस इतना ही कह सकती हूं कि उसने अपनी पूरी ज़िंदगी दिल से जी और वह बहुत जल्दी चला गया.”

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अंतिम संस्कार में दोस्त, परिवार और राजनेता
गुरुवार को सुबह 9:30 बजे, नीरज का शव मॉडल टाउन में उनकी मां के घर से शोक संतप्त परिवार और दोस्तों के साथ एक सुनहरे रंग के ट्रक में झालाना श्मशान घाट ले जाया गया.
श्मशान घाट के बाहर, पुलिस अधिकारियों का एक बड़ा समूह पहरा दे रहा था, जिसमें मीडियाकर्मी, स्थानीय अधिकारी और जयपुर के लोग थे. जयपुर नगर निगम (ग्रेटर) की मेयर सौम्या गुर्जर एक अस्थायी टेंट के नीचे इंतज़ार कर रही थीं.

जैसे ही ट्रक पास आया, इलाके में सन्नाटा छा गया. मौन शव यात्रा धीरे-धीरे श्मशान घाट के गेट की ओर बढ़ रही थी. पत्रकार पार्क की बेंचों और सड़क के डिवाइडर पर चढ़कर सही शॉट ले रहे थे.
जब ट्रक गेट पर पहुंचा, तो भीड़ में से किसी ने आखिरकार चुप्पी तोड़ी. “नीरज उधवानी अमर रहें” का नारा एक मिनट तक गूंजता रहा, जब तक कि व्यक्ति की आवाज़ लड़खड़ाने नहीं लगी.
नीरज के पार्थिव शरीर पर माला चढ़ाने के बाद, परिवार के सदस्य उन्हें अंतिम विदाई के लिए ले गए. उनकी पत्नी आयुषी और मां ज्योति गमगीन थीं, वह पास के रिश्तेदारों के कंधों पर सिर रखकर रो रही थीं, जबकि नीरज के भाई किशोर ने चिता को अग्नि दी. आग की चिंगारी के बीच दर्शक चुपचाप देखते रहे. जो व्यक्ति पहले नारा लगा रहा था, उसने फिर से नारा लगाना चाहा, लेकिन परिवार के एक सदस्य ने उन्हें चुप रहने के लिए कहा.
अंतिम संस्कार के बाद, परिवार मॉडल टाउन लौट आया. उनके घर के बाहर, दरी बिछी है, जो जगह पहले लोगों से भरी थी, वहां अब सब खाली था. अंतिम संस्कार से लौटे कुछ लोग छोटे-छोटे, फुसफुसाते हुए समूहों में आए.
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पार्टी की जान, बहुत जल्दी चला गया
शुभी को याद है कि नीरज लोगों से घुलने-मिलने वाला इंसान थे, रिश्ते बनाने में माहिर थे और हमेशा अपने दोस्तों के लिए मौजूद रहते थे. वह शादियों में पार्टी की जान हुआ करते थे. आयुषी से उनकी शादी फरवरी 2023 में राजस्थान के पुष्कर में हुई थी.
नीरज के चाचा ने बताया कि उन्होंने अपनी ज़्यादातर ज़िंदगी दुबई में बिताई है. हालांकि, उनका जन्म जयपुर में हुआ था, लेकिन वह जल्दी ही संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) चले गए, जहां उनके पिता कपड़े का बिजनेस चलाते थे.
उन्होंने दुबई के इंडियन हाई स्कूल से पढ़ाई की, फिर कुछ वक्त के लिए जयपुर लौटकर राजस्थान यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की.
नीरज के बचपन में अपने भतीजे को अपनी गोद में पालने को याद करते हुए उनके चाचा ने कहा, “कॉलेज के बाद, वह दुबई वापस चला गया. उसने दुबई में अपनी चार्टर्ड अकाउंटेंसी की डिग्री भी पूरी की.”
नीरज की लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, दुबई में विभिन्न फाइनेंशियल भूमिकाएं निभाने से पहले उन्होंने एसोसिएशन ऑफ चार्टर्ड सर्टिफाइड अकाउंटेंट्स (ACCA) के तहत अकाउंटेंट की योग्यता हासिल की. उनकी सबसे हालिया नौकरी कॉग्निटा स्कूल्स में फाइनेंस मैनेजर के पद पर थी.
नीरज के पिता प्रदीप का 10 साल पहले निधन हो गया था. उनकी मां ज्योति उसके बाद अपने बड़े बेटे किशोर के साथ मॉडल टाउन में रहने के लिए भारत लौट आईं. दाह संस्कार के दिन, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा अन्य राजनीतिक नेताओं के साथ उनके घर आए.
एक दोस्त ने ट्रफल नामक सफेद माल्टीज़ का ज़िक्र करते हुए कहा, “उनके कोई बच्चे नहीं थे, लेकिन हाल ही में उन्होंने एक कुत्ता पाला है”. नीरज के ज़्यादातर दोस्त, आयुषी को सांत्वना देते हुए रो पड़े. “वह दुबई में अपनी लाइफ बनाने में खुश था. उसका इंडिया वापिस जाने का कोई इरादा नहीं था — कम से कम, उसने मुझे यही बताया.”
अपार्टमेंट बिल्डिंग के नीचे, पास के एक ऑफिस से एक दर्शक ने दिनेश से हमले के बारे में पूछा और फिर पूछा कि क्या आयुषी ने इसे देखा था, जिससे परिवार के अन्य सदस्यों की नज़रें निराशा में पड़ गईं.
दिनेश ने स्पष्ट रूप से व्याकुल होकर जवाब दिया, “वह पुरुषों को अलग-अलग कर रहे थे और उन्हें अंधाधुंध मार रहे थे. उन्होंने उसे सिर में गोली मारी.”
शोक संतप्त लोग ज्योति के घर से छोटे-छोटे समूहों में जाने लगे, वह इतने दुखी थे कि नीरज की ज़िंदगी के बारे में कुछ भी नहीं कह पाए. दिनेश ने कहा, नीरज के कई दोस्त दुबई से दाह संस्कार में शामिल होने आए थे, जिससे पता चलता है कि वह उनके लिए कितना मायने रखता था.
बिल्डिंग में उनकी अनुपस्थिति का भारी बोझ था. उनके कुछ दोस्त, हाथ में सूटकेस लिए, दुबई लौटने की तैयारी कर रहे थे.
दिनेश, हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हुए, ज्योति के पास वापस ऊपर चले गए, जो लोग उन्हें प्यार करते थे, उनका ‘मोनू’ बहुत जल्दी चला गया.
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