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Thursday, 10 October, 2024
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MP चुनाव में हार के बाद खरगे, राहुल से मिले कमलनाथ, प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने को कहा गया 

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है.

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नई दिल्ली : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के मद्देनजर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ सकते हैं, सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात करने वाले पूर्व सीएम को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने का निर्देश दिया गया.

मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचकर, कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की.

सूत्रों ने बताया कि बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे.

मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को एक ही चरण में 230 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ और तीन अन्य राज्यों – छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना – के साथ नतीजे रविवार, 3 दिसंबर को घोषित किए गए.

रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, जब मतगणना के अंतिम चरण में भाजपा की भारी जीत संकेत सामने आया तो, कांग्रेस के राज्य प्रमुख ने कहा, “हम इस लोकतांत्रिक चुनाव में मध्य प्रदेश के मतदाताओं के जनादेश को स्वीकार करते हैं. हम विपक्ष की भूमिका निभाएंगे.”

कांग्रेस के दिग्गज नेता ने भाजपा को उनकी प्रचंड जीत के लिए बधाई भी दी, जबकि उन सर्वेक्षणकर्ताओं ने राज्य में कड़े मुकाबले और सबसे पुरानी पार्टी की जीत की भविष्यवाणी की थी.

नाथ ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मैं भारतीय जनता पार्टी को बधाई देता हूं और आशा करता हूं कि वे उन लोगों की जिम्मेदारियों को पूरा करेंगे जिन्होंने उन्हें यह जनादेश दिया है.”

भाजपा, जो करीब 20 साल की सत्ता विरोधी लहर से जूझ रही थी, ने 163 सीटों के साथ शानदार जनादेश हासिल किया, जबकि कांग्रेस 66 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही.

2018 के चुनावों में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद कमल नाथ के नेतृत्व वाली सरकार के 15 महीने के कार्यकाल को छोड़कर, पिछले 20 सालों से मध्य प्रदेश भाजपा का गढ़ रहा है.

पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी जबकि बीजेपी 109 सीटों के साथ काफी पीछे थी.

आख़िरकार कांग्रेस सत्ता में आई और कमल नाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि, इससे पहले 2020 में राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल मची थी, जब तत्कालीन कांग्रेसी ज्योतिरादित्य सिंधिया, 22 वफादार विधायकों के साथ, भगवा खेमे में चले गए थे.

कांग्रेस सरकार अल्पमत में आने के बाद गिर गई और भाजपा ने राज्य में सरकार बनाई व शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री के रूप में लौट आए.


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