scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमएजुकेशनमोदी सरकार के शिक्षा सर्वेक्षण में पंजाब ने मारी बाजी, पिछली बार राष्ट्रीय औसत से नीचे था

मोदी सरकार के शिक्षा सर्वेक्षण में पंजाब ने मारी बाजी, पिछली बार राष्ट्रीय औसत से नीचे था

इस सप्ताह की शुरुआत में शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण के मुताबिक पंजाब ने सभी स्तर पर राष्ट्रीय औसत से ऊपर स्कोर किया है.

Text Size:

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) 2021 में पंजाब सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में उभरा है. 2017 के पिछले सर्वेक्षण में राज्य का प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर से नीचे था. उसे देखते हुए इसे एक बड़ा सुधार माना जा सकता है.

शिक्षा मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी की गई रिपोर्ट में पंजाब ने सभी श्रेणियों में राष्ट्रीय औसत से ऊपर स्कोर किया है. छात्रों की सीखने के क्षमता को मापने के लिए छात्रों के बीच चार स्तर पर 15 विषयों के मूल्यांकन में से पंजाब 11 विषयों में सबसे आगे रहा.

शिक्षा मंत्रालय हर तीन साल में सीखने के परिणामों का आकलन करने के लिए एक राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण कराती है. इसका उद्देश्य कमियों की पहचान करने में मदद करने के लिए छात्रों में बुनियादी सीखने की क्षमता की जांच करना है. हाल ही में किए गए इस सर्वे को 2020 में किया जाना था. लेकिन महामारी के चलते इसे एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया गया.

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, केंद्रीय माध्यमिक बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा आयोजित एनएएस 2021 में देशभर के 720 जिलों के ग्रामीण और शहरी इलाकों के 1.18 लाख सरकारी स्कूलों (केंद्रीय और राज्य), सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों के लगभग 34 लाख छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया.

छात्रों का मूल्यांकन तीसरी कक्षा, पांचवी कक्षा, आठवीं कक्षा और 10वीं कक्षा के छात्रों के बीच चार स्तर पर किया गया. अलग-अलग विषयों की परीक्षा ली गई और 500 में से उन्हें स्कोर किया गया था. तीसरी और पांचवी कक्षा के छात्रों का भाषा, गणित और पर्यावरण विज्ञान (ईवीएस) विषय के लिए मूल्यांकन किया गया था. जबकि आठवीं में पढ़ने वाले बच्चों का भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान का टेस्ट लिया गया. 10 वीं के छात्रों का गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी और आधुनिक भारतीय भाषाओं के लिए उनकी क्षमताओं का मूल्यांकन किया गया था.

अन्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में से राजस्थान और चंडीगढ़ ने भी राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर बेहतर प्रदर्शन किया है.

हालांकि, सर्वे में देश भर में सीखने के परिणामों में समग्र गिरावट देखी गई – न केवल सभी स्तर पर राष्ट्रीय औसत स्कोर साल 2017 एनएएस की तुलना में कम पाया गया, बल्कि बड़ी कक्षाओं के छात्रों में सीखने की क्षमता भी कम होती नजर आई.


यह भी पढ़ें : ‘लिबरल-आर्ट्स हब’ अशोका यूनिवर्सिटी नए परिसर और IIT के साथ मिलकर साइंस पर देगा जोर


पंजाब, राजस्थान और चंडीगढ़ ने अच्छा स्कोर किया

एनएएस 2021 के आंकड़े बताते हैं कि कक्षा 3, 5 और 8 में सभी विषयों में पंजाब सबसे ऊपर रहा है.

सर्वे के मुताबिक, पंजाब के छात्रों ने तीसरी कक्षा के गणित (355), भाषा (339), ईवीएस (334), कक्षा 5 के गणित (316), भाषा (339), ईवीएस (310), कक्षा 8 के गणित (297), भाषा (338 ), विज्ञान (287), सामाजिक विज्ञान (288), और कक्षा 10 के गणित (273) में सबसे ज्यादा स्कोर किया है.

लेकिन आधुनिक भारतीय भाषाओं, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और अंग्रेजी विषय में दसवीं कक्षा में राज्य का प्रदर्शन गिरकर दूसरे स्थान पर पहुंच गया.

2017 में राज्य ने हर विषय में राष्ट्रीय औसत से नीचे स्कोर किया था.

2017 में पंजाब का कक्षा 3 के लिए भाषा विषय में स्कोर 330 और ईवीएस में 308 था. कक्षा 5 का स्कोर भाषा में 306, गणित में 293 और ईवीएस में 297 था. कक्षा 8 के लिए स्कोर भाषा में 299, गणित में 243, विज्ञान में 257 और सामाजिक विज्ञान में 258 था.

सर्वे से पता चलता है कि राजस्थान ने कक्षा 3 के गणित (325), भाषा (339), ईवीएस (3220), कक्षा 5 के गणित (306), भाषा (326), ईवीएस (304), कक्षा 8 के गणित (286), विज्ञान (276), सामाजिक विज्ञान (288) और कक्षा 10 के गणित (256), आधुनिक भारतीय भाषाओं (280), विज्ञान (238) और सामाजिक विज्ञान (261) में बेहतर प्रदर्शन किया है.

सर्वेक्षण में पाया गया कि चंडीगढ़ के 8वीं और 10वीं कक्षा के छात्रों का प्रदर्शन कक्षा 3 और 5 की तुलना में बेहतर था.

इनके अलावा केरल भी अधिकांश श्रेणियों में राष्ट्रीय औसत से ऊपर रहा. यह कक्षा 3 के भाषा (342) और ईवीएस (318) में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक था.

सीखने में गिरावट

2017 में किए गए सर्वे की तुलना में इस बार तीसरी कक्षा के बच्चों की सीखने की क्षमता के राष्ट्रीय औसत में गिरावट देखी गई. 2017 में कक्षा 3 के भाषा विषय में स्कोर 336 था जो 2021 में घटकर 323 रह गया. यही हाल गणित और ईवीएस का भी रहा. 2017 में गणित का स्कोर 321 था जो इस बार 306 रहा. ईवीएस में 321 से घटकर 307 हो गया.

कक्षा 5 के अंकों में भी इसी तरह की गिरावट देखी गई. 2021 के सर्वे में भाषा का स्कोर 309 रहा, जो 2017 में 319 के स्कोर से काफी से नीचे है. 2017 में गणित का स्कोर 310 से गिरकर 284 हो गया और वहीं ईवीएस में यह 310 से घटकर 283 पर आ गया.

कक्षा 8 के स्तर पर भाषा के अंकों में केवल मामूली गिरावट दर्ज की गई. 2017 में स्कोर 307 था जो 2021 में 302 पर आकर अटक गया. 2017 में गणित का स्कोर 269 से गिरकर 2021 में 255 हो गया. विज्ञान का स्कोर 2017 में 274 था जो 20121 में 250 रह गया. इसी तरह से सामाजिक विज्ञान का स्कोर 2017 में 278 से गिरकर 2021 में 255 हो गया.

अंग्रेजी और आधुनिक भारतीय भाषाओं को छोड़कर, कक्षा 10 के बाकी विषय के अंकों में सामान्य गिरावट देखी गई.

विज्ञान में 253 (2017) से 206 (2021), सामाजिक विज्ञान 254 (2017) से गिरकर 231 (2021) और गणित का स्कोर 254 (2017) से गिरकर 220(2021) हो गया. जहां आधुनिक भारतीय भाषाओं का स्कोर 2017 में 254 था वह 2021 में मामूली रूप से बढ़कर 260 हो गया, वहीं अंग्रेजी भाषा का स्कोर 253 (2017) से बढ़कर 277 (2021) हो गया.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें : JNU, BHU और 30 अन्य यूनिवर्सिटी में CUET से होंगे PG एडमिशन, लेकिन DU जामिया इस साल इसे नहीं अपनाएंगे


 

share & View comments