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Tuesday, 24 December, 2024
होमएजुकेशनकेंद्रीय विश्वविद्यालयों के बाद, UGC राज्य विवि और डीम्ड इंस्टीट्यूट को भी CUET के तहत लाना चाहता है

केंद्रीय विश्वविद्यालयों के बाद, UGC राज्य विवि और डीम्ड इंस्टीट्यूट को भी CUET के तहत लाना चाहता है

नियामक संस्था ने कहा कि सीयूईटी के तहत दाखिला लेने से छात्रों को अलग-अलग प्रवेश परीक्षा देने की ज़रूरत नहीं होगी. साथ ही, इससे आरक्षण की प्रक्रिया पर 'कोई असर नहीं' होगा.

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नई दिल्ली: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के तहत दाखिला लेने वाले विश्वविद्यालयों की संख्या को बढ़ाना चाहता है. इनमें राज्य के विश्वविद्यालय और डीम्ड इंस्टीट्यूट भी शामिल हैं. नियामक संस्था ने कहा है कि दाखिला प्रक्रिया को व्यवस्थित बनाने और छात्रों को कई प्रवेश परीक्षाओं में लगने वाले समय को बचाने के लिए यह ज़रूरी है.

एक सप्ताह पहले यूजीसी ने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अंडर ग्रेजुएट कोर्स में छात्रों का दाखिला 12वीं के अंक की बजाय सीयूईटी के आधार पर करने की घोषणा की थी. यह नियम अगले एकेडमिक वर्ष (2022-23) से लागू होगा.

दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार को यूजीसी प्रमुख एम जगदीश कुमार ने देशभर के कई डीम्ड यूनिवर्सिटी के प्रमुखों से वर्चुअल मीटिंग की और उनसे सीयूईटी का हिस्सा बनने का आग्रह किया. इस मामले में सभी यूनिवर्सिटी ने दिलचस्पी दिखाई है.

बैठक के दौरान, अध्यक्ष ने संस्थानों के प्रमुख को परीक्षा के बारे में समझाया और जोर देकर कहा कि यह किसी भी तरह से आरक्षण प्रक्रिया में बाधा नहीं बनेगा.

इस बैठक में, मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस), नई दिल्ली के जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय, डिंडीगुल स्थित गांधीग्राम ग्रामीण संस्थान, आगरा स्थित दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, हरिद्वार का गुरुकुल कांगड़ी, अहमदाबाद स्थित गुजरात विद्यापीठ, कोयंबटूर स्थित अविनाशीलिंगम इंस्टीट्यूट फॉर होम साइंस एंड हायर एजुकेशन फॉर वुमेन, और कोलकाता स्थित रामकृष्ण विवेकानंद शैक्षिक और अनुसंधान संस्थान के प्रमुख शामिल हुए.

सीयूईटी के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 2 अप्रैल से शुरू होगी और परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से किया जाएगा.

‘अलग-अलग बोर्ड के सभी छात्र-छात्राओं को समान अवसर’

सभी विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर और कालेज के प्रिंसिपल को रविवार को एक पत्र भेजा गया है, जिसमें दाखिले के लिए सीयूईटी के अंक का इस्तेमाल करने की अपील की गई है, ताकि अलग-अलग टेस्ट को अपनाने की बजाय, दाखिले के लिए सभी संस्थानों में एक ही प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल हो.

यूजीसी सेक्रेटरी रजनीश जैन की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है, ‘छात्र-छात्राओं को कई बार परीक्षा में बैठने से बचाने के लिए, जो कि अलग-अलग तारीख पर होते हैं, और कभी-कभी ये एक ही तारीख पर होते हैं, और अलग-अलग बोर्ड के सभी छात्र-छात्राओं को समान अवसर देने के लिए, यूजीसी सभी विश्वविद्यालयों, डीम्ड यूनिवर्सिटी, निजी विश्वविद्यालयों और दूसरे हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट (एचईआई) को अपने यूजी प्रोग्राम में दाखिले के लिए 2022-23 से सीयूईटी के अंकों को अपनाने का न्यौता और प्रोत्साहन देता है.’

एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को इसकी प्रक्रिया के बारे में बताया कि यूजीसी, विश्वविद्यालयों से चाहता है कि ‘वे इस पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करें और अपनी वेबसाइट पर प्रमुखता से डिसप्ले करें कि छात्र-छात्राओं का एडमिशन सीयूईटी स्कोर के आधार पर किया जाएगा.’

उन्होंने कहा, ‘हम इसे इसलिए लागू करना चाहते हैं, क्योंकि मौजूदा समय में कई प्रवेश परिक्षाएं विश्वविद्यालयों की ओर से आयोजित की जा रही हैं. प्रवेश के लिए एक ही परीक्षा से पूरी प्रक्रिया व्यवस्थित हो जाएगी.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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