नई दिल्ली: पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज़ में दाख़िला जल्द ही कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के ज़रिए किया जाएगा- ये ख़ुलासा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने, दिप्रिंट के साथ एक ख़ास इंटरव्यू में किया है.
कुमार ने कहा कि यूजीसी सीयूईटी को साल में दो बार कराने पर भी विचार कर रही है.
सीयूईटी का ऐलान इस साल मार्च में, देश भर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अंडरग्रेजुएट कार्यक्रमों में दाख़िले के लिए, एक सिंगल विण्डो के रूप में किया गया था. उसके बाद से बहुत सारे ग़ैर-केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने भी, इस टेस्ट को अपनाने का फैसला किया है.
कुमार ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों की ‘ज़बर्दस्त प्रतिक्रिया’ को देखते हुए, यूजीसी अब सीयूईटी को विस्तार देकर केंद्रीय विश्वविद्यालयों द्वारा पेश किए जा रहे पोस्ट-ग्रेजुएट कार्यक्रमों को भी, इसके दायरे में लाने पर काम कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘सीयूईटी को विस्तार देकर पोस्टग्रेजुएट कार्यक्रमों पर भी लागू करने की दिशा में काम कर रहे हैं. हम शीघ्र ही इसकी घोषणा करने जा रहे हैं’.
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फिलहाल, पोस्टग्रेजुएट दाख़िलों के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों की अपनी अलग प्रक्रिया है. बहुतों की अपनी अलग दाख़िला परीक्षाएं हैं, जबकि कुछ अन्य ग्रेजुएशन के अंकों को ही प्रवेश का मापदंड बना लेते हैं. सीयूईटी को लाने से दाख़िला प्रक्रिया में एकरूपता आएगी, और छात्र एक ही पोर्टल के माध्यम से विभिन्न विश्वविद्यालयों के लिए आवेदन कर पाएंगे.
साल में दो बार CUET
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एक पूर्व वाइस-चांसलर कुमार ने ये भी कहा, कि यूजीसी सीयूईटी को साल में दो बार कराने की संभावनाएं भी तलाश रही है. ‘हम अंदरूनी रूप से सीयूईटी को साल में दो बार कराने पर चर्चा कर रहे हैं, ताकि जो छात्र पहली बार में इसमें नहीं बैठ पाए, वो दूसरे अवसर में ऐसा कर पाएं’.
उन्होंने आगे कहा, ‘हमें सीयूईटी पर छात्रों और संस्थानों से ज़बर्दस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली है, और हमें उम्मीद है कि भविष्य में जब कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दाख़िले की बात आएगी, तो सीयूईटी ही उसका रास्ता बनेगी’.
यूजीसी अध्यक्ष ने ये भी कहा कि सीयूईटी के पीछे विचार ये है, कि छात्रों के ऊपर से 12वीं कक्षा में अच्छे लाने का दबाव हट जाए, जिससे कि वो सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान लगा सकें. उन्होंने आगे कहा कि ये एक और कारण है, कि आयोग छात्रों को इस परीक्षा को पास करने के दो अवसर देना चाहता है.
ये पूछने पर कि क्या सीयूईटी से कोचिंग कल्चर को बढ़ावा मिलेगा, कुमार ने कहा, ‘मुझसे बहुत बार पूछा गया है कि क्या सीयूईटी कोचिंग केंद्रों को बढ़ावा देगी…इससे कोचिंग कल्चर नहीं बढ़ेगी, क्योंकि अधिकतर मामलों में कोचिंग कल्चर तब पैदा होती है, जब बहुत भारी प्रतिस्पर्धा होती है, जैसा कि जेईई में होता है, जहां क़रीब 12 लाख छात्र 16,000 सीटों के लिए मुक़ाबला करते हैं- इस प्रतियोगिता का अनुपात क़रीब 1:75 का होता है’.
उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन अगर आप सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों को देखें, तो हमारे पास 1.2 सीटें हैं, और कुछ सबसे अच्छे राज्य और मानित विश्वविद्यालय भी हमारे साथ आ रहे हैं, जिससे सीटों की संख्या बढ़कर 3 लाख हो जाएगी. उस स्थिति में प्रतियोगिता का अनुपात 1:5 हो जाएगा’.
2 अप्रैल से 13 अप्रैल 2022 के बीच एक लाख से अधिक छात्र, पहले ही सीयूईटी के लिए पंजीकरण करा चुके हैं.
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