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Friday, 20 December, 2024
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तेज प्रताप यादव ‘लालू पाठशाला’ की करेंगे शुरूआत, कहा- न जाने कितने सोनू शिक्षा से वंचित है

कुछ दिन पहले सोनू एक कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिला था. जहां उसने सीएम से अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाई करने की इच्छा जाहिर की थी.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पूर्व नेता तेज प्रताप यादव ने बुधवार को लालू पाठशाला की शुरुआत करने की घोषणा की. तेज प्रताप ने यह कदम बिहार के नालंदा के रहने वाले 11 साल के सोनू का वीडियो इंटरनेट पर वायरल होने के बाद उठाया है.

तेज प्रताप ने ट्वीट करके यह जानकारी साझा की है. उन्होंने लिखा, ‘सोनू जिसने पूरे बिहार के भ्रष्ट सिस्टम की पोल खोल दी, न जाने ऐसे कितने सोनू शिक्षा से वंचित हैं बिहार का कोई गरीब इस भ्रष्ट सिस्टम के कारण शिक्षा से वंचित न रहे इसके लिए लालू पाठशाला की शुरुआत करने जा रहा हूं.’

जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले सोनू एक कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिला था. जहां उसने सीएम से अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाई करने की इच्छा जाहिर की थी. वायरल वीडियो में वो सीएम से कई तरह की शिकायतें भी करता नजर आया.

इसके बाद तेज प्रताप यादव ने भी सोनू से फोन पर बात की थी. इस बातचीत का वीडियो क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

इस दौरान तेज ने सोनू को पटना के एक अच्छे स्कूल में दाखिला दिलाने का वादा किया था. तेज प्रताप ने यह भी पूछा था कि वो डॉक्टर बनना चाहता है या इंजीनियर जिसपर सोनू ने कहा था कि वह आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखता है.

इसके बाद ही तेज प्रताप ने लालू पाठशाला की शुरुआत करने की घोषणा की है.

दरअसल, सीएम नीतीश कुमार शनिवार को अपने पुश्तैनी गांव कल्याण बीघा गए थे. जैसे ही कुमार ने लोगों से बातचीत की, सोनू ने हाथ जोड़कर उनसे कहा, ‘सर हमको पढ़ने के लिए हिम्मत दीजिए. कृपया मेरी शिक्षा में मेरी मदद करें. मेरे पिता मेरा साथ नहीं दे रहे हैं.’

वायरल वीडियो में सोनू कहता दिख रहा है कि ‘मैं पढ़ना चाहता हूं. कृपया मेरी सहायता करें. शिक्षक नीमा कौल के सरकारी स्कूल में अच्छी शिक्षा देना नहीं जानते हैं.’

सोनू ने साथ ही सीएम से निजी स्कूल में दाखिला दिलाने की गुहार लगाई.

इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को सोनू की शिकायतों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. बाद में सोनू ने मीडिया से बात करते हुए बिहार की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलते हुए राज्य में शराब बंदी की असफलता को भी उजागर कर दिया था.

पत्रकारों से बात करते हुए उसने बताया था कि उसके पिता ने शराब पर अपनी कमाई को बर्बाद कर दिया और उसके परिवार वाले उसकी शिक्षा का खर्च नहीं उठा सकते हैं. जानकारी के लिए बता दें कि बिहार में शराब बंदी के खिलाफ कड़े कानून लागू हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अप्रैल 2016 में राज्य में शराबबंदी लागू कर दी थी. इस रोक के बाद से कई लोग सिर्फ शराब पीने के आरोप में जेलों में बंद हैं.


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