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Monday, 4 November, 2024
होमएजुकेशनस्कूलों को एक हफ्ते में 12वीं बोर्ड के अंक जमा करने होंगे, नहीं तो कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा: CBSE

स्कूलों को एक हफ्ते में 12वीं बोर्ड के अंक जमा करने होंगे, नहीं तो कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा: CBSE

31 जुलाई तक सीबीएसई 12वीं बोर्ड के नतीजों की घोषणा कर सकता है. उसने स्कूलों के लिए एक पोर्टल बनाया है जहां अंक जमा करने हैं और ये 22 जुलाई तक खुला रहेगा.

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नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने गुरुवार को घोषणा की कि कक्षा 12 के अंकों के मॉडरेशन के लिए पोर्टल 16 जुलाई को लॉन्च किया जाएगा और 22 जुलाई तक खुला रहेगा. पोर्टल लिंक cbse.gov.in पर उपलब्ध है.

सीबीएसई बोर्ड ने कहा कि समयसीमा तक अंक जमा करने में विफल रहने वाले स्कूलों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. इसके लिए बोर्ड ने नीति दस्तावेज बनाया है.

बोर्ड ने स्कूलों को सावधानी बरतने और उच्च स्कोर (95 प्रतिशत से ऊपर अंक पाने वाले) के समूह बनाने से बचने के लिए भी आगाह किया.

बोर्ड ने यह भी कहा, ‘उच्च श्रेणी के अंकों पर कम्पेटिबिलिटी और निष्पक्षता सुनिश्चित हो, स्कूलों को उचित नियम का पालन करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 95 और उससे अधिक अंको का (अधिक) समूह न बने.’

बोर्ड ने यह भी कहा, ‘स्कूलों को कुल अंकों के प्रत्येक स्तर पर छात्रों की संख्या को 95 और उससे अधिक नंबर पाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या को सीमित करना होगा, पिछले तीन साल के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के अनुसार यह सुनिश्चित करना होगा कि यह संख्या कुल अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या से अधिक नहीं हो.’

बोर्ड ने निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों को ‘वैध, विश्वसनीय और निष्पक्ष परिणाम’ घोषित करने का भी निर्देश दिया.


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अंकों का टैबुलेशन

सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि वो 31 जुलाई तक बोर्ड के नतीजों की घोषणा करेगी.

कोविड की दूसरी लहर के मद्देनज़र 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं 2020-21 के अकादमिक सेशन के लिए रद्द कर दी गई थीं. जून में सीबीएसई ने शीर्ष अदालत को बताया था कि उसने नतीजों के लिए 30:30:40 का फॉर्मूला तय किया है- जिसमें 30 प्रतिशत 10वीं, 30 प्रतिशत 11वीं और 40 प्रतिशत 12वीं के अंकों को मिलाकर अंतिम नतीजों की घोषणा की जाएगी.

इसका मतलब का कक्षा 10वीं के 30 प्रतिशत अंक एवरेज थ्योरी कंपोनेंट पर आधारित होंगे, यानि की मुख्य पांच विषयों में से तीन विषयों में प्राप्त किए गए शीर्ष अंकों को शामिल किया जाएगा.

11वीं के भी 30 प्रतिशत अंक थ्योरी कंपोनेंट पर आधारित होंगे वहीं 12वीं के 40 प्रतिशत अंक यूनिट टेस्ट/मिड टर्म/प्री-बोर्ड परीक्षाओं पर आधारित होंगे.

सीबीएसई के नीति दस्तावेज में कहा गया है, ‘प्रत्येक विषय के लिए स्कूल को अंकों के व्यापक वितरण का पालन करना होगा, जो उस विषय में उस स्कूल द्वारा विशिष्ट वर्ष के प्रदर्शन पर आधारित होगा.’

सीबीएसई दस्तावेज़ में यह भी बताया गया है कि स्कूल कैसे उपलब्ध कराए गए सॉफ्टवेयर का उपयोग कर सकते हैं और इसके लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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