नई दिल्ली: दिल्ली में महामारी के चलते 19 महीने बाद एक नवंबर से दोबारा सभी कक्षाओं के लिए स्कूल खोले जाने के डीडीएमए के फैसले का स्कूल संगठनों और प्रधानाचार्यों ने स्वागत किया है. हालांकि, कुछ ने इसे ‘सही समय’ पर लिया गया निर्णय तो कई ने ‘देरी’ से उठाया गया कदम करार दिया.
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने शहर में एक नवंबर से सभी शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने का निर्णय लिया. हालांकि, स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कक्षाएं ‘हाइब्रिड’ तरीके से संचालित हों, जिसका अर्थ है कि ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी रहेंगी.
रोहिणी के एमआरजी स्कूल की प्रधानाचार्य अंशू मित्तल ने कहा कि यह फैसला बिल्कुल सही समय पर आया है क्योंकि सभी कक्षाओं की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं.
उन्होंने कहा, ‘काफी हद तक स्कूल के कर्मचारियों का टीकाकरण हो चुका है और थोड़े ही ऐसे कर्मचारी हैं जिन्हें टीके की एक खुराक लगी है. चूंकि, केवल 50 फीसदी छात्रों को उपस्थित रहने की अनुमति रहेगी, ऐसे में प्रबंधन करना आसान रहेगा. स्कूल भी सेनेटाइजर की उपलब्धता के साथ तैयार हैं और स्कूल में कई स्थानों पर सेनेटाइजर की सुविधा उपलब्ध रहेगी. हम भारत में ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से शिक्षा के भविष्य की उम्मीद कर रहे हैं. एक बार फिर से छात्र कैंपस में लौट सकेंगे, यह स्वागत योग्य कदम है.’
‘दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन’ के अध्यक्ष आर सी जैन ने डीडीएमए के फैसले का स्वागत किया. हालांकि, उन्होंने इसे देरी से उठाया गया कदम करार दिया.
उन्होंने कहा, ‘ये देरी से लिया गया फैसला है, जो कि बेहद जरूरी था. हम इस कदम का स्वागत करते हैं. स्कूल इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि कोविड बचाव नियमों का सख्ती से अनुपालन हो. शिक्षकों को भी पिछले करीब डेढ़ साल से अधिक समय से छात्रों की पढ़ाई को लेकर हुए नुकसान की भरपायी के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी.’
गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों की कार्यकारी समिति के महासचिव भारत अरोड़ा ने कहा कि सभी स्कूल इस फैसले को सुनकर खुश हैं.
शालीमार बाग स्थित मॉडर्न पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य अल्का कपूर ने कहा कि स्कूल को जल्द से जल्द खोले जाने की आवश्यकता थी.
उन्होंने कहा, ‘हमने स्कूल के संरचना ढांचे को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तय दिशा-निर्देशों के अनुसार बदला है. हम छात्रों का दोबारा स्कूल में स्वागत करने को तैयार हैं. हालांकि, मुझे लगता है कि आगामी त्योहारी सीजन के मद्देनजर स्कूलो को तैयारी दुरुस्त करने के लिए कुछ समय की जरूरत है.’
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