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Sunday, 3 November, 2024
होमएजुकेशननर्सिंग की किताब में गिनाए गए दहेज के 'फायदे', 'महिला-विरोधी और अपमानजनक कंटेंट' के लिए हो रही आलोचना

नर्सिंग की किताब में गिनाए गए दहेज के ‘फायदे’, ‘महिला-विरोधी और अपमानजनक कंटेंट’ के लिए हो रही आलोचना

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने रविवार को शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर आग्रह किया कि किताब के प्रचलन को तुरंत बंद किया जाए और इसे पाठ्यक्रम से बाहर किया जाए.

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नई दिल्ली: टीके इंद्राणी की लिखी बीएससी नर्सिंग की किताब ‘टेक्स्टबुक ऑफ सोशियॉलजी फॉर नर्सेज़ ’ के कुछ हिस्सों की ‘दहेज के गुणों’ की बात करने के लिए आलोचना की जा रही है.

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने रविवार को शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर आग्रह किया कि ऐसी ‘महिला-विरोधी’ और ‘अपमानजनक सामग्री’ को प्रचलन में नहीं रहना चाहिए.

प्रधान को लिखे अपने पत्र में चतुर्वेदी ने कहा, ‘पाठ्यपुस्तक में एक तथाकथित फायदा ये बताया गया है कि ‘दहेज के बोझ के कारण बहुत से पेरेंट्स ने अपनी लड़कियों को पढ़ाना शुरू कर दिया है. जब लड़कियां पढ़ लेती हैं या नौकरी करती हैं, तो दहेज की मांग कम होगी. इसलिए, ये एक परोक्ष फायदा है’. बहुत भयावह बात है कि ऐसी अपमानजनक और समस्यात्मक सामग्री अभी भी प्रचलन में है और हमारे देश और उसके संविधान के लिए बहुत शर्म की बात है कि दहेज के गुणों का बखान करने वाली ऐसी पाठ्यपुस्तक हमारे पाठ्यक्रम में मौजूद रह सकती है’.

दिप्रिंट ने शिक्षा मंत्रालय और प्रधान के कार्यालय से पत्र के बारे में टिप्पणी लेने के लिए संपर्क किया लेकिन इस खबर के प्रकाशित होने के समय तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी.

सांसद ने ये भी अनुरोध किया कि ‘ऐसी प्रतिगामी पाठ्यपुस्तकों का सर्क्युलेशन तुरंत बंद किया जाए और उन्हें पाठ्यक्रम से बाहर किया जाए’.

उन्होंने आगे कहा, ‘मैं आपसे ये भी अनुरोध करती हूं कि मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए और सुनिश्चित किया जाए कि खासकर शैक्षणिक संस्थानों द्वारा भविष्य में ऐसी महिला-विरोधी सामग्री न तो पढ़ाई जाए न उसे बढ़ावा दिया जाए और एक पैनल द्वारा समीक्षा के बाद ही पाठ्यपुस्तकों को स्वीकृति दी जाए’.

पाठ्यपुस्तक का एक हिस्सा जिसे चतुर्वेदी और कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने उजागर किया है, उसमें कहा गया है, ‘आकर्षक दहेज के साथ बदसूरत दिखने वाली लड़कियों की शादी, अच्छे या बदसूरत लड़कों से की जा सकती है’.

पैसेज में आगे कहा गया है, ‘दहेज से एक नया घर स्थापित करने में सहायता मिलती है’.

ये किताब जेपी ब्रदर्स की ओर से प्रकाशित की गई है, जो एक निजी प्रकाशन हाउस है और मेडिकल पुस्तकों में विशेषज्ञता रखता है. पाठ्यपुस्तक के मुखपृष्ठ पर लिखा है कि पाठ्यक्रम ‘भारतीय नर्सिंग परिषद’ के मुताबिक है. लेखिका इंद्राणी ने नर्सिंग पर कई किताबें लिखी हैं, जिनमें ‘हिस्ट्री ऑफ नर्सिंग’, ‘टेक्स्ट बुक ऑफ मिडवाइफरी’ और ‘रिसर्च मेथडोलॉजी फॉर नर्सेज़’ आदि शामिल हैं.

दिप्रिंट ने ई-मेल के ज़रिए किताब के प्रकाशकों से भी विवाद पर टिप्पणी के लिए संपर्क किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. अगर प्रकाशकों की ओर से कोई प्रतिक्रिया मिलती है, तो इस खबर को अपडेट कर दिया जाएगा.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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