नई दिल्ली: जनवरी में आयोजित इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम जेईई मेन 2025 की फाइनल आन्सर की (उत्तर कुंजी) से त्रुटियों के कारण रिकॉर्ड 12 सवाल हटाए जाने के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) आलोचनाओं के घेरे में है.
सवाल हटाए जाने के बावजूद जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) में एरर रेट (त्रुटि) अपनी सीमा को पार कर गया, जो 0.6 प्रतिशत से बढ़कर 1.6 प्रतिशत हो गया. स्टूडेंट्स और टीचर्स ने हटाए गए सवालों, कोर्स से बाहर के कंटेंट और ट्रांसलेटेड एरर्स का हवाला देते हुए एजेंसी की पारदर्शिता पर चिंता जताई.
जनवरी में परीक्षा देने वाली श्रुति शाह ने कहा, “एनटीए नीट, नेट और जेईई जैसे एग्जाम करवाता है. क्वेश्चन पेपर बनाते वक्त उन्हें अधिक जिम्मेदार होना चाहिए.” उन्होंने कहा, “मेरे जैसे स्टूडेंट्स तैयारी में सालों लगाते हैं और हर सवाल मायने रखता है. ऐसी गलतियों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.”
यह पहली बार नहीं है जब एग्जाम में त्रुटियां पाई गई हैं, लेकिन इस बार फाइनल आन्सर की से हटाए गए सवालों की संख्या सबसे अधिक है, जिससे एनटीए की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं.
डेटा से पता चलता है कि जेईई मेन 2025 सेशन 1 की फाइनल आन्सर की से कुल 12 सवाल हटा दिए गए, जिससे सवालों की कुल संख्या 90 से घटकर 75 हो गई. इसकी तुलना में जेईई मेन 2024 सेशन 1 से छह सवाल और सेशन 2 से चार सवाल हटाए गए.
जेईई मेन 2023 और 2024 सेशन 1 में छह सवाल हटाए गए. 2023 के सेशन 1 में पांच सवाल हटाए गए, जबकि 2022 के सेशन 1 और 2 में क्रमशः चार और छह सवाल हटाए गए थे.
जेईई मेन 2021 सेशन 1 और सेशन 2 एग्जाम में कोई सवाल नहीं हटाया गया.
गलतियां बढ़ने के बावजूद, एजेंसी ने अपना बचाव करते हुए कहा कि इस साल का रिकॉर्ड-लॉ चैलेंज रेट और कम से कम गलतियां देश भर में इंजीनियरिंग एस्पिरेंट्स के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और एरर-लैस एग्जाम करवाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है.
दिप्रिंट ने एनटीए से संपर्क करने के लिए ईमेल भेजा है. उनकी प्रतिक्रिया के बाद कॉपी को अपडेट किया जाएगा.
आन्सर की में गलतियां
विशेषज्ञों ने कहा कि भाषा अनुवाद में विसंगतियों ने परीक्षा प्रक्रिया में विश्वास को और कम कर दिया.
JEE Main 2025 सेशन 1 की फाइनल आन्सर की में कम से कम दो अनुवाद त्रुटियां पाई गईं, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई. गलत जवाबों को बाद में सही दिखाया गया, जिससे अतिरिक्त विसंगतियां पैदा हुईं.
हिंदी और गुजराती में जवाब देने वाले स्टूडेंट्स के पास जवाब के दो विकल्प थे, जबकि अन्य के पास केवल एक था, जिससे निष्पक्षता को लेकर चिंताएं बढ़ गईं.
दिल्ली में JEE और NEET के स्टूडेंट्स को फिजिक्स पढ़ाने वाले जितेंद्र आहूजा ने कहा, “कई त्रुटियां थीं. NTA ने इस पर कोई जिम्मेदारी नहीं ली या कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया. वह कोई समाधान भी नहीं दे रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “बतौर एजेंसी यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह बिना किसी त्रुटि के परीक्षा आयोजित करें, ऐसा लगता है कि उन्होंने अपनी पिछली गलतियों से कुछ भी नहीं सीखा है.”
कोर्स के बाहर के सवालों को शामिल करने से NTA में यकीन और कम हो गया.
जितेन्द्र के अनुसार, पिछले दो साल से कोर्स से हटाए गए न्यूटन के कूलिंग लॉ को सेशन 1 के एग्जाम में शामिल किया गया.
उन्होंने कहा कि सालों पहले कोर्स से हटाए गए कार्नोट साइकल अचानक से पूछ लिए गए, जबकि न्यूटन के कूलिंग लॉ से जुड़े 22 सवाल थे.
स्टूडेंट्स ने कहा कि फिजिक्स के सवालों में गलतियां थीं, जिससे परीक्षा की सटीकता पर चिंताएं बढ़ गईं.
कोर्स और एग्जाम के सिलेबस के नहीं मिलने से उनकी मुश्किलें बढ़ा दीं. उन्होंने गलत तरीके से तैयार किए गए सवालों पर वक्त गंवा दिया, कुछ ने अस्पष्ट समस्याओं से जूझते हुए 10-15 मिनट बिताए, जिससे परफॉर्मेंस और रैंकिंग पर असर पड़ा.
जितेन्द्र ने कहा, “कोर्स और एग्जाम सिलेबस के बीच इस बेमेल ने स्टूडेंट्स की परेशानी को और बढ़ा दिया.”
उन्होंने कहा, “स्टूडेंट्स ने दिन-रात तैयारी की और ऐसी घटनाओं ने उन्हें मूर्ख जैसा महसूस कराया. एनटीए के लिए कुछ जवाबदेही होनी चाहिए. अगर कोई स्टूडेंट जवाहों की दोबारा जांच करना चाहता है तो उसे हर सवाल पर 200 रुपये देने होंगे. यह स्टूडेंट्स का उत्पीड़न है.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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