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Thursday, 4 September, 2025
होमएजुकेशनNIRF रैंकिंग: लगातार सातवें साल आईआईटी मद्रास ने मारी बाज़ी, डीयू के कॉलेजों का दबदबा

NIRF रैंकिंग: लगातार सातवें साल आईआईटी मद्रास ने मारी बाज़ी, डीयू के कॉलेजों का दबदबा

कुल श्रेणी में आईआईटी मद्रास के बाद आईआईएससी, आईआईटी बॉम्बे, दिल्ली, कानपुर, खड़गपुर, रुड़की, एम्स दिल्ली, जेएनयू और बीएचयू रहे शामिल. कुल 14,163 संस्थानों ने रैंकिंग में हिस्सा लिया.

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नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास ने लगातार सातवें साल राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2025 में देश के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में पहला स्थान हासिल किया है. यह रैंकिंग्स गुरुवार को घोषित की गईं.

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एनआईआरएफ का नौवां संस्करण जारी किया. इसमें उच्च शिक्षा संस्थानों की 17 श्रेणियों में रैंकिंग की गई, 2024 की 16 श्रेणियों से एक अधिक, क्योंकि इस बार ‘सस्टेनेबिलिटी डेवलपमेंट गोल्स’ (एसडीजी) को जोड़ा गया है. इस साल कुल 14,163 संस्थानों ने इसमें भाग लिया, जबकि पिछले साल यह संख्या 10,885 थी.

‘ओवरऑल कैटेगरी’ में आईआईटी मद्रास पहले स्थान पर रहा. इसके बाद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) बेंगलुरु, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी कानपुर, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी रुड़की, एम्स दिल्ली, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) टॉप 10 में शामिल हुए.

आईआईटी मद्रास के निदेशक वी. कमकोटी ने कहा कि इस साल जो एसडीजी श्रेणी जोड़ी गई है, उसमें भी आईआईटी मद्रास ने पहला स्थान पाया. उन्होंने कहा, “लगातार टॉपर बने रहना सामूहिक, संगठित और केंद्रित टीम प्रयास का नतीजा है. ईश्वर का आभार कि हमें इतनी शानदार टीम मिली. हम सब मिलकर विकसित भारत@2047 की दिशा में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने का संकल्प लेते हैं.”

‘यूनिवर्सिटी’ श्रेणी में आईआईएससी ने लगातार 10वें साल टॉप स्थान बनाए रखा. इसके बाद जेएनयू, मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (मणिपाल), जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का स्थान रहा.

खास बात यह रही कि बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स) पिलानी ने यूनिवर्सिटी श्रेणी में बड़ी छलांग लगाई और 19वें से 7वें स्थान पर पहुंच गया.

‘कॉलेज’ श्रेणी में दिल्ली विश्वविद्यालय का हिंदू कॉलेज लगातार दूसरे साल पहले स्थान पर रहा. इसके बाद मिरांडा हाउस, हंसराज कॉलेज, किरोड़ीमल कॉलेज और सेंट स्टीफंस कॉलेज का नाम रहा. कुल मिलाकर, टॉप 10 में दिल्ली विश्वविद्यालय के छह कॉलेज शामिल हुए.

IIM अहमदाबाद मैनेजमेंट में नंबर-1, एम्स दिल्ली मेडिकल में टॉप

कई अन्य संस्थानों ने भी अपनी-अपनी श्रेणियों जैसे ‘इंजीनियरिंग’, ‘मैनेजमेंट’, ‘फार्मेसी’, ‘लॉ’, ‘मेडिकल’, ‘आर्किटेक्चर’, ‘डेंटल’, ‘रिसर्च’ और ‘एग्रीकल्चर’ में शीर्ष स्थान बरकरार रखा.

उदाहरण के तौर पर आईआईएम अहमदाबाद ने लगातार छठे साल मैनेजमेंट श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया. संस्थान के निदेशक प्रोफेसर भरत भास्कर ने कहा कि यह उपलब्धि हमारे फैकल्टी, छात्रों और पूर्व छात्रों की शैक्षणिक उत्कृष्टता, प्रभावी शोध और समाज के लिए सार्थक योगदान की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

उन्होंने कहा, “शोध और नवाचार पर हमारा मजबूत फोकस लगातार नए विचारों और समाधान को आकार देता है, जो न केवल अकादमिक जगत बल्कि उद्योग जगत को भी प्रभावित करते हैं और प्रबंधन शिक्षा में आईआईएमए की थॉट लीडर की भूमिका को मजबूत करते हैं.”

इंजीनियरिंग श्रेणी में, आईआईटी मद्रास लगातार 10वें साल पहले स्थान पर रहा. फार्मेसी में जामिया हमदर्द दिल्ली ने अपनी स्थिति बरकरार रखी और रिसर्च श्रेणी में आईआईएससी बेंगलुरु सबसे आगे रहा.

वहीं, इनोवेशन श्रेणी में आईआईटी मद्रास ने आईआईटी बॉम्बे को पीछे छोड़कर पहला स्थान हासिल किया. एक बयान में संस्थान ने हाल ही में शुरू किए गए स्कूल ऑफ इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप का ज़िक्र किया, जिसका उद्देश्य डीप-टेक स्टार्टअप्स के लिए वर्ल्ड-क्लास इकोसिस्टम तैयार करना है. संस्थान ने कहा, “हमारा लक्ष्य इस संस्थान को दुनिया के प्रमुख एंटरप्रेन्योरियल यूनिवर्सिटीज़ की सूची में शामिल करना है.”

मूल्यांकन प्रणाली

इस साल एनआईआरएफ ने ओवरऑल, इंजीनियरिंग, यूनिवर्सिटी और रिसर्च इंस्टीट्यूट श्रेणियों की रैंकिंग के लिए रिट्रैक्टेड पब्लिकेशंस (वापस ली गई शोध सामग्री) की संख्या के आधार पर नेगेटिव मार्किंग सिस्टम लागू किया.

2024 में सभी श्रेणियों और विषय क्षेत्रों में संस्थागत स्तर पर सेल्फ-साइटेशन (स्वयं का हवाला) को खत्म करने का जो प्रावधान लाया गया था, उसे 2025 की इंडिया रैंकिंग्स में भी जारी रखा गया.

कुल मिलाकर, शैक्षणिक संस्थानों को ‘ओवरऑल कैटेगरी’ में रैंक करने के लिए पांच मानकों पर अंक दिए गए, शिक्षण, अधिगम और संसाधन, शोध और प्रोफेशनल प्रैक्टिस, स्नातक परिणाम, आउटरीच और समावेशिता, धारणा, हर पैरामीटर को बराबर वेटेज दिया गया.

शिक्षण, अधिगम और संसाधन पैरामीटर के तहत छात्रों की संख्या, फैकल्टी-स्टूडेंट अनुपात, पीएचडी धारक फैकल्टी, वित्तीय संसाधन और उसका उपयोग, ऑनलाइन शिक्षा, मल्टीपल एंट्री/एग्जिट विकल्प, भारतीय ज्ञान प्रणाली और क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल किया गया.

शोध और प्रोफेशनल प्रैक्टिस में प्रकाशन, साइटेशन, पेटेंट और शोध परियोजनाओं पर ध्यान दिया गया. ग्रेजुएशन परिणाम में विश्वविद्यालय परीक्षा परिणाम, ग्रेजुएट्स का औसत वेतन और पीएचडी छात्रों को शामिल किया गया.

आउटरीच और समावेशिता पैरामीटर में क्षेत्रीय विविधता, महिलाओं की भागीदारी, आर्थिक व सामाजिक रूप से वंचित छात्रों और शारीरिक रूप से दिव्यांग छात्रों को शामिल किया गया. आखिर में, धारणा में अकादमिक साथियों और नियोक्ताओं के विचारों का मूल्यांकन किया गया.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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