नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने वार्षिक ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के आठवें संस्करण के दौरान परीक्षा के तनाव को प्रबंधित करने और साथियों के दबाव से निपटने से लेकर पर्यावरण की देखभाल और नेतृत्व के पाठों तक, विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 36 छात्रों से बात की.
हर साल बोर्ड परीक्षाओं से पहले आयोजित होने वाले ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में इस साल अपने पारंपरिक टाउन हॉल फॉर्मेट के बजाय, प्रधानमंत्री ने दिल्ली के सुंदर नर्सरी में छात्रों के साथ बातचीत की और यह कार्यक्रम अधिक अनौपचारिक सेटिंग में चला गया. कार्यक्रम को विभिन्न प्लेटफार्मों पर लाइव स्ट्रीम किया गया.
छात्रों के साथ बातचीत करते हुए, मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि “ज्ञान” और परीक्षाएं जीवन का एक हिस्सा हैं, उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वह अपने ग्रेड को सफलता का अंतिम पैमाना न समझें.
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, यह धारणा है कि अगर कोई छात्र 10वीं या 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है, तो उसकी ज़िंदगी बर्बाद हो जाती है. हमारा समाज अक्सर कम ग्रेड के कारण घर पर तनावपूर्ण माहौल बनाता है. आप दबाव महसूस कर सकते हैं, लेकिन इसे अपने ऊपर हावी होने दिए बिना तैयारी पर ध्यान केंद्रित करें. खुद को बेहतर बनाने के लिए खुद को चुनौती देते रहें.”
क्रिकेट मैच के दौरान बल्लेबाज का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा कि उन्हें सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. “जैसे शोरगुल वाले स्टेडियम में बल्लेबाज अगली गेंद पर ध्यान केंद्रित करता है और भीड़ की बाउंड्री की मांग को अनदेखा करता है, वैसे ही आपको अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और परीक्षा के दबाव से अभिभूत नहीं होना चाहिए.”
उन्होंने उन्हें खुद को चुनौती देने के लिए भी प्रोत्साहित किया. पीएम ने कहा, “हमेशा अपने पिछले परिणामों से बेहतर करने का प्रयास करें. उन्होंने आत्म-सुधार के महत्व पर जोर दिया.”
उन्होंने माता-पिता से भी आग्रह किया कि वह अपने बच्चों के परिणामों को “दिखावा” करने के लिए मानक के रूप में न लें, इस बात पर जोर देते हुए कि उन्हें दूसरों के साथ तुलना करने से बचना चाहिए और इसके बजाय अपना समर्थन देना चाहिए.
पीएम मोदी ने कहा, “हर बच्चे में अनूठी प्रतिभा होती है. सामाजिक रुझानों का अनुसरण करने के बजाय, अपने बच्चे को उसकी ताकत खोजने में सहायता करें.”
उन्होंने शिक्षकों को ऐसा माहौल बनाने की सलाह दी, जहां छात्र मूल्यवान महसूस करें और अवास्तविक अपेक्षाओं के बिना अपनी क्षमताओं का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित हों.
पीएम मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के दौरान कहा, “माता-पिता अक्सर सामाजिक दबाव के कारण अपेक्षाएं रखते हैं. मैं सभी माता-पिता से आग्रह करता हूं कि वह अपने बच्चे को एक मॉडल के रूप में पेश न करें. उनकी विशिष्टता को अपनाएं और उनके व्यक्तिगत कौशल पर ध्यान केंद्रित करें.”
प्रेस सूचना ब्यूरो के एक बयान के अनुसार, इस वर्ष ‘परीक्षा पे चर्चा’ के लिए छात्रों का चयन विभिन्न राज्य शिक्षा बोर्डों, सरकारी स्कूलों, केंद्रीय विद्यालयों, सैनिक स्कूलों, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों, सीबीएसई और नवोदय विद्यालयों से किया गया था.
इसमें कहा गया है कि इनमें से कुछ छात्र केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के तहत प्रेरणा स्कूल कार्यक्रम के पूर्व छात्र, कला उत्सव के विजेता और वीर गाथा पुरस्कार के प्राप्तकर्ता थे.
नेतृत्व के पाठ और पर्यावरण की देखभाल
नेतृत्व के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सच्चे नेता सिर्फ भाषणों से नहीं, बल्कि अपने कामों से बनते हैं. “नेतृत्व थोपा नहीं जाता; लोग आपको आपके आचरण के आधार पर स्वीकार करते हैं. नेता बनने के लिए, आपको खुद को बदलना होगा. टीमवर्क सीखना, धैर्य रखना और विश्वास अर्जित करना बहुत ज़रूरी है.”
नेतृत्व को परिभाषित करने के लिए पूछे जाने पर, प्रधानमंत्री ने हंसते हुए कहा, “नेता सिर्फ ‘कुर्ता-पायजामा’ और जैकेट पहनकर अलग-अलग मंचों पर भाषण देने वाला व्यक्ति नहीं होता. नेतृत्व सिर्फ इतना ही नहीं होता. नेता की भूमिका दूसरों की गलतियों को सुधारना नहीं है; बल्कि उदाहरण पेश करके नेतृत्व करना है.”
क्लास मॉनिटर का उदाहरण देते हुए, मोदी ने समझाया, “अगर सभी से समय पर आने की उम्मीद की जाती है, लेकिन क्लास मॉनिटर नियमों का पालन नहीं करता, तो क्या कोई उसकी बात सुनेगा? नहीं, लेकिन अगर मॉनिटर पहले अपना होमवर्क पूरा करता है और दूसरों की मदद करता है, तो वह सच्चा लीडर होता है.”
‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के दौरान, मोदी ने अच्छी नींद के महत्व पर भी जोर दिया और छात्रों को आश्वस्त किया कि वह हाई स्कोर को अपने पूरे भविष्य के साथ न जोड़ें. उन्होंने छात्रों से संतुलित दृष्टिकोण बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा, “अगर आप टॉप स्कोर नहीं लाते हैं तो आपकी ज़िंदगी बर्बाद नहीं होगी.”
उन्होंने समग्र स्वास्थ्य के लिए उचित पोषण और ध्यान के महत्व के साथ-साथ बाजरा खाने के महत्व पर भी प्रकाश डाला.
पीएम मोदी ने जलवायु और प्रकृति दोनों की रक्षा करने वाली जीवनशैली अपनाने के महत्व पर चर्चा की. उन्होंने कहा, “हमारी संस्कृति में, हम पेड़ों का सम्मान करते हैं और नदियों को मां मानते हैं. हमें इस विरासत पर गर्व होना चाहिए.”
उन्होंने आगे ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के बारे में बताया, जो अपनी मां के सम्मान में पेड़ लगाने को प्रोत्साहित करता है. उन्होंने कहा, “यह पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने और वृक्षारोपण की संस्कृति को बढ़ावा देने का एक सुंदर तरीका है.”
परीक्षा पे चर्चा 2025 आठ एपिसोड में प्रसारित होगी, जिसमें ओलंपिक मुक्केबाज एम.सी. मैरी कॉम और अभिनेता दीपिका पादुकोण, विक्रांत मैसी और भूमि पेडनेकर जैसे उल्लेखनीय अतिथि शामिल होंगे.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: गुंटूर यूनिवर्सिटी रिश्वत मामले ने बढ़ाई चिंता, NAAC की रेटिंग सिस्टम पर उठे सवाल