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Thursday, 2 May, 2024
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शिक्षा मंत्रालय DU वीसी के खिलाफ जांच चाहता है, राष्ट्रपति कोविंद को भेजी सिफारिश

डीयू के वीसी योगेश त्यागी ने मेडिकल लीव पर होने के बावजूद इस सप्ताह के शुरू में एक रजिस्ट्रार और एक प्रो-वीसी की नियुक्ति कर दी थी.

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नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, जो कि दिल्ली विश्वविद्यालय के विजिटर भी हैं, से कथित प्रशासनिक खामियों को लेकर डीयू के वीसी योगेश त्यागी के खिलाफ जांच की मंजूरी का आग्रह किया है.

यह आग्रह 21 अक्टूबर के घटनाक्रम के संदर्भ में किया गया है जब त्यागी ने चिकित्सा अवकाश पर होने के बावजूद विश्वविद्यालय के एक रजिस्ट्रार और एक प्रो-वीसी की नियुक्ति कर दी थी.

मंत्रालय ने 22 अक्टूबर को ही त्यागी द्वारा की गई नियुक्तियां रद्द करते हुए एक आदेश पारित किया था. यह पाया गया कि त्यागी के पास ऐसा कोई निर्णय लेने का अधिकार नहीं था क्योंकि वह चिकित्सा अवकाश पर थे और उन्हें अपना कामकाज फिर शुरू करने से पहले सरकार को एक मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट पेश करना था.

मामले पर आगे की कार्रवाई की रूपरेखा तय करने के लिए मंत्रालय ने कई दौर की बैठकें कीं और फिर अधिकारियों ने त्यागी के खिलाफ जांच शुरू करने का फैसला किया.

इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी, जो केंद्रीय विश्वविद्यालयों के मामले देखते हैं, ने कहा, ‘हमने मामले से संबद्ध फाइल विश्वविद्यालय के विजिटर के विचारार्थ भेज दी है.’

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त्यागी के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें आईं

यदि राष्ट्रपति की तरफ से जांच को मंजूरी दे दी जाती हैं तो इसके पूरे होने तक त्यागी को छुट्टी पर भेजा जा सकता है. वीसी त्यागी का कार्यकाल 2021 की शुरुआत में पूरा होना है.

मंत्रालय सूत्रों के अनुसार, 22 अक्टूबर का घटना पूर्व में त्यागी के खिलाफ आई शिकायतों की ही अगली कड़ी है.

मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, ‘डीयू के शिक्षक वीसी के खिलाफ मंत्रालय से लगातार शिकायत करते रहे हैं लेकिन ये शिकायतें उनकी निष्क्रियता को लेकर होती थीं. वह पदोन्नति, खाली पद भरने और अन्य प्रशासनिक मामलों में कोई काम नहीं करते. इसलिए हमारे पास अभी तक कार्रवाई करने का कोई आधार नहीं था, लेकिन ताजा घटना के बाद हम ऐसा कर सकते हैं.’

21 अक्टूबर को उस समय डीयू में लीडरशिप का संकट उत्पन्न हो गया, जब त्यागी ने प्रो.पी.सी. झा के नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर करके उन्हें विश्वविद्यालय का रजिस्ट्रार नियुक्त कर दिया.

जबकि उसी दिन विश्वविद्यालय को एक रजिस्ट्रार और एक वित्त अधिकारी की स्थायी नियुक्ति पर फैसला लेने के लिए कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक करनी थी. परिषद की बैठक हुई और उसमें विकास गुप्ता को रजिस्ट्रार नियुक्त करने का फैसला कर लिया गया.

त्यागी को परिषद की तरफ से नियुक्ति स्वीकार नहीं थी और एक दिन बाद ही उन्होंने कार्यवाहक प्रो-वीसी जोशी की जगह लेने के लिए भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज में एसोसिएट प्रोफेसर गीता भट्ट को नियुक्त कर दिया दिया. इसके पीछे इरादा जोशी के फैसले को रद्द कराने का था.

उसी शाम मंत्रालय ने दोनों नियुक्तियों को रद्द करते हुए एक आदेश पारित किया.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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