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Thursday, 25 April, 2024
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मिलिए फिलॉस्फर योगी, रामदेव से- UP के विश्वविद्यालयों में दर्शनशास्त्र के पाठ्यक्रम में शामिल होंगी योग की किताबें

मेरठ में राज्य द्वारा संचालित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने पहले ही अपने पाठ्यक्रम में पुस्तकों को शामिल कर लिया है, बाकी में जल्द ही आने की संभावना है.

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नई दिल्ली: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर बनी, उत्तर प्रदेश की एक समिति ने सिफारिश की है, कि पूरे प्रांत के विश्वविद्यालयों में दर्शन शास्त्र के छात्रों को, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और योग गुरू बाबा रामदेव की लिखी किताबें पढ़ाई जाएं.

मेरठ में राज्य सरकार द्वारा संचालित, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) ने, पहले ही इन किताबों को, अपने पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया है.

आदित्यनाथ की हठयोग का स्वरूप व साधना, तथा बाबा रामदेव की योग साधना व योग चिकित्सा रहस्य, अब यूनिवर्सिटी के दूसरे सेमेस्टर के, अंडर ग्रेजुएट दर्शनशास्त्र के सिलेबस का हिस्सा होंगी.

सिफारिशों में सुझाव दिया गया है, कि सभी विश्वविद्यालयों तथा उनसे संबद्ध कॉलेजों में, दर्शन शास्त्र के पाठ्यक्रम के अंतर्गत, दोनों किताबों को पढ़ाया जाए.

ये सिफारिशें एक समिति ने दी हैं, जिसका गठन राज्य सरकार ने, नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, ‘यूपी के सभी राज्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के लिए, एक कॉमन मिनिमम सिलेबस’ पर विचार करने के लिए किया था. इस समिति ने सभी विषयों के लिए सिलेबस सुझाया है, जिसमें कला, साहित्य, मानविकी, और विज्ञान शामिल हैं.

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यूपी सरकार की समिति में उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग, जो स्टियरिंग कमेटी की अध्यक्ष हैं; लखनऊ यूनिवर्सिटी के भौतिकी विभाग से प्रो. पूनम टंडन; और सीसीएस यूनिवर्सिटी मेरठ के सांख्यिकी विभाग से प्रो. हरे कृष्णा के साथ, कुछ अन्य भी शामिल हैं.


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‘पुस्तकें शैक्षणिक तथा साहित्यिक मूल्य के लिए चुनी गईं’

पाठ्यक्रम विकास समिति के एक सदस्य ने, जो अपना नाम नहीं बताना चाहते थे, दिप्रिंट से कहा कि किताबें उनके ‘ऊंचे साहित्यिक मूल्य’ के चलते चुनी गईं हैं.

सदस्य ने कहा, ‘सभी पुस्तकें अपने ऊंचे शैक्षणिक तथा साहित्यिक मूल्य के लिए चुनी गईं. कुछ पढ़ने के लिए सुझाई गईं हैं, और कुछ क्रेडिट-आधारित कोर्स का हिस्सा हैं’.

सीसीएसयू में बोर्ड ऑफ स्टडीज़ के संयोजक डीएन सिंह ने भी, इसी तरह के विचार व्यक्त किए.

सिंह ने कहा, ‘एक्सपर्ट कमेटी द्वारा सिफारिश की गई पुस्तकों के शैक्षणिक मूल्य बहुत ऊंचे हैं. विशेष रूप से आदित्यनाथ जी की पुस्तक के; ये पुस्तक योग का व्यवहारिक पहलू सिखाती है’. उन्होंने आगे कहा, ‘योग तथा हमारे प्राचीन विज्ञान के बारे में जानने के लिए, हमें ऐसे साहित्य की आवश्यकता है. इसी प्रकार, रामदेव की पुस्तक भी दर्शनशास्त्र के छात्रों के लिए एक अच्छा इज़ाफा है, क्योंकि वो योग गुरु हैं…वो योग को जनमानस तक लेकर गए हैं’.

सिंह मेरठ कॉलेज में दर्शन शास्त्र विभाग के प्रमुख हैं.

सीसीएसयू में कला संकाय के विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहानी ने दिप्रिंट से कहा, ‘ये किताबें केवल सीसीएसयू में ही नहीं, बल्कि पूरे प्रांत के सभी विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों में पढ़ाई जाएंगी. इन्हें पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है, जिससे छात्रों को प्राचीन सांस्कृतिक विरासत तथा दर्शन पढ़ाया जा सके’.


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