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Thursday, 26 December, 2024
होमएजुकेशन'बच्चों में मानवता कम होगी'- केरल सरकार ने NCERT के हटाए हिस्सों को शामिल कर अपनी किताबें जारी कीं

‘बच्चों में मानवता कम होगी’- केरल सरकार ने NCERT के हटाए हिस्सों को शामिल कर अपनी किताबें जारी कीं

केरल सरकार ने कहा है एनसीईआरटी ने गलत तरीके से पठ्यपुस्तकों से जरूरी हिस्से हटा दिए हैं, जिसका छात्रों पर बुरा असर पड़ेगा. उनका इतिहास और समाज को देखने का नजरिया बदल जाएगा, उनमें मानवता की भावना कम होगी.

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तिरुवनंतपुरम (केरल) : केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बुधवार को एससीईआरटी (स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंंग) की अतिरिक्त पाठ्यपुस्तकें जारी कीं. इसमें उन विषयों को शामिल किया है, जिन्हें हाल ही में एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों से हटा दिया गया था.

केरल सरकार ने कहा है एनसीईआरटी ने गलत तरीके से पठ्यपुस्तकों से जरूरी हिस्से हटा दिए हैं, जिसका छात्रों पर बुरा असर पड़ेगा. उनका इतिहास और समाज को देखने का नजरिया बदल जाएगा, उनमें मानवात की भावना कम होगी.

मुख्यमंत्री ने कहा, “इससे क्या खतरा है? इससे बच्चों का समाज और इतिहास को देखने का नजरिया बदल जाएगा. एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण होगा जो पूर्वाग्रहों से भरी होगी और जिसमें मानवता की भावना का अभाव होगा. यह हमारी धर्मनिरपेक्ष सोच और भाईचारे वाले समाज को खतरे में डाल देगा. इसी अहसास के साथ राज्य सरकार इस तरह के वैकल्पिक दृष्टिकोण के साथ आगे आई है. पाठ्यपुस्तकों में बदलाव करने का एनसीईआरटी ने जो कारण दिया है वह यह कि पाठ्यपुस्तकों के बोझ को कम करना है और उन्हें तर्कसंगत बनाना है. उनका कहना है कि विशेषज्ञों ने ये राय रखी है. लेकिन, ये विशेषज्ञ कौन हैं, जिनका खुलासा नहीं किया गया है.”

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि उनकी सरकार का रुख यह है कि एनसीईआरटी को युक्तिकरण (तर्क देकर) के नाम पर उन अध्यायों को बाहर नहीं करना चाहिए था.

पिनाराई विजयन ने कहा, “वर्ष 2023-24 के लिए, युक्तिकरण के नाम पर, एनसीईआरटी द्वारा तैयार पुस्तकों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए थे. परिवर्तन के नाम पर कुछ अध्यायों को पूरी तरह से बाहर कर दिया गया है. हमारा राज्य और सरकार इसे बहुत गंभीरता से लेती है, क्योंकि हमारा मानना ​​​​है कि जिन अध्यायों को बाहर रखा गया है, वह ऐसे अध्याय हैं जिन्हें कभी भी बाहर नहीं किया जाना चाहिए था.”

मुख्यमंत्री ने कहा कि कक्षा 11 और 12 में 12 विषयों की 44 पाठ्यपुस्तकें एनसीईआरटी की हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि स्वाभाविक रूप से, 11वीं और 12वीं के छात्रों को लेकर निहित स्वार्थों के कारण एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकें तैयार करा रहा है.

अब दो बार होंगी बोर्ड परीक्षाएं, विषय चुनने की होगी आजादी

बोर्ड परीक्षाएं अब साल में दो बार आयोजित की जाएंगी और छात्रों को अपना सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाए रखने में मदद मिलेगी, बुधवार को शिक्षा मंत्रालय द्वारा लांच किए नये पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क में ये बात कही गई है.

सरकार ने इसे एनसीईआरटी को दे दिया है, जिसने इसकी जांच करने और उसके मुताबिक पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए दो समितियां बनाई हैं.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था, “कस्तूरी नंदन के मार्गदर्शन में, संचालन समिति ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया है. उसने इसे सरकार को सौंप दिया. सरकार ने इसे एनसीईआरटी को दे दिया है. एनसीईआरटी ने दो समितियां बनाई हैं, राष्ट्रीय निरीक्षण समिति और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम व पाठ्यपुस्तक समिति (एनएसटीसी).”

मंत्रालय ने कहा, “बोर्ड परीक्षाएं साल में कम से कम दो बार आयोजित की जाएंगी, ताकि छात्रों को समय और अवसर मिल सके जिससे वे अपना अच्छा परफॉर्म दे सकें. इसके बाद छात्र उन विषयों की बोर्ड परीक्षा दे सकते हैं, जिन्हें वे पूरा कर लिए हों और जिनके लिए वे खुद को तैयार महसूस करते हों.”


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