नई दिल्ली: अडानी समूह भारतीय प्राचीन ज्ञान को पुनर्जीवित और उसका उत्सव मनाने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधीन भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) प्रभाग के सहयोग से एक वैश्विक सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है.
यह कार्यक्रम दुनिया भर के विद्वानों, इनोवेटर्स और कलाकारों को एक साथ लाएगा. विशेषज्ञ सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, प्रतियोगिताओं और स्टार्टअप चुनौतियों के माध्यम से भारत की सभ्यतागत विरासत का अन्वेषण और पुनः व्याख्या करेंगे. समसामयिक समय में भारतीय अध्ययन की प्रासंगिकता पर बहस और चर्चा भी इस आयोजन का मुख्य आकर्षण होगी.
यह कार्यक्रम “अडानी ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव: एकजुट विश्व के लिए परंपरा का पुनर्जीवन” नाम से 20 से 22 नवंबर तक अहमदाबाद के अदाणी शांतिग्राम टाउनशिप में आयोजित होगा.
आईकेएस प्रभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह पहली बार है जब किसी कॉरपोरेट समूह ने इस तरह की पहल के लिए उनके साथ ज्ञान सहयोगी के रूप में साझेदारी की है.
आईकेएस डिवीजन के राष्ट्रीय समन्वयक गांति एस. मूर्ति ने दिप्रिंट से कहा, “अडानी समूह ने इस स्तर पर सम्मेलन आयोजित करने की गहरी रुचि दिखाई थी. हम ज्ञान सहयोगी के रूप में जुड़कर खुश हैं. यह पूरी तरह समूह की पहल है और हम प्रतियोगिताओं व कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने में मदद कर रहे हैं. यह एक अच्छा प्रयास है क्योंकि वे वास्तव में इंडोलॉजी के क्षेत्र में योगदान देना चाहते हैं.”
अदाणी समूह के प्रवक्ता ने दिप्रिंट को बताया, “अडानी समूह इंडोलॉजी पर एक वैश्विक सम्मेलन आयोजित करने की योजना बना रहा है ताकि इस विषय के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और इसके गहन अध्ययन को प्रोत्साहन मिल सके, जो न केवल हमारे देश बल्कि वैश्विक समझ के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.”
प्रवक्ता ने कहा, “हमारा उद्देश्य भारत की सभ्यतागत ज्ञान प्रणालियों की व्यापक समझ और सराहना को बढ़ावा देना है और यह दिखाना है कि वे आज भी कितनी प्रासंगिक हैं.”
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब अडानी समूह ने इंडोलॉजी के क्षेत्र में किसी पहल का समर्थन किया हो. पिछले वर्ष जनवरी में, समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर घोषणा की थी कि अडानी समूह इंडोलॉजी में पीएचडी कर रहे 14 छात्रों को प्रायोजित करेगा. समूह इस सम्मेलन में इसका औपचारिक ऐलान करने की संभावना है.
5 प्रतियोगिताएं, 16 विषय: अडानी यात्रा लागत वहन करेंगे
शिक्षा मंत्रालय के आईकेएस प्रभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस कॉन्क्लेव में पांच प्रतियोगिताएं होंगी जिनका उद्देश्य विद्वानों, छात्रों, नवाचारकर्ताओं और उत्साही प्रतिभागियों को भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) की खोज और पुनः व्याख्या में शामिल करना है.
प्रतिभागी अपने विचार 16 अलग-अलग विषयों में दे सकते हैं. इनमें वैदिक दर्शन और मन के विज्ञान, भाषा और भाषाविज्ञान, इतिहास और सभ्यता से जुड़े अध्ययन, कानून और शासन, गणित और खगोल विज्ञान, स्वास्थ्य और चिकित्सा, प्रदर्शन और कला, वास्तुकला और खेती-बाड़ी से जुड़े विषय शामिल हैं.
इन प्रतियोगिताओं में से एक, इंडोलॉजी क्विज, 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के प्रतिभागियों के लिए होगी। इसमें भारत की बौद्धिक परंपराओं पर आधारित दो महत्वपूर्ण ग्रंथों—संवादसंग्रहः और इंडियन कॉन्ट्रिब्यूशंस टू साइंस—से प्रश्न पूछे जाएंगे.
आईकेएस पोस्टर प्रस्तुति प्रतियोगिता “प्राचीन प्रथाओं से आधुनिक समाधान तक” में प्रतिभागियों को आईकेएस के 16 विषयों में से किसी एक को चित्रों और पोस्टर के ज़रिए दिखाना होगा. इसमें पारंपरिक ज्ञान, जैसे आयुर्वेद की चरक संहिता या गणित के शुल्ब सूत्रों से मिले ज्ञान को आज की चुनौतियों, जैसे पर्यावरण की रक्षा और स्वास्थ्य में नए प्रयोगों से जोड़ना होगा.
डॉक्यूमेंट्री प्रतियोगिता के अंतर्गत, प्रतिभागियों को ऐसी डॉक्यूमेंट्री बनानी होंगी जो आईकेएस विषयों को वैश्विक ओटीटी मानकों तक ले जाएं और भारतीय दृष्टिकोण से पवित्र परंपराओं और संस्कृति को प्रदर्शित करें.
वहीं, आईकेएस डीप टेक स्टार्टअप चैलेंज के तहत किसी भी आयु या आकार की टीमों और व्यक्तियों को ऐसे डीप टेक स्टार्टअप विचार प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया है, जो भारतीय सांस्कृतिक और ज्ञान विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करें. प्रतिभागियों को एआई, रोबोटिक्स, बायोटेक्नोलॉजी और इमर्सिव मीडिया जैसी नई तकनीकों का उपयोग करके सभ्यतागत पुनर्निर्माण के लिए नवाचारी और व्यापक समाधान विकसित करने होंगे.
अंत में, ट्रेडिशनल प्रोफेशनल आर्ट्स चैलेंज में भारतीय कला और परंपराओं के प्रति उत्साही कलाकार एआर, वीआर और 3डी तकनीकों का उपयोग कर अपनी प्रस्तुतियों को नया रूप देंगे, जिससे भारत की समृद्ध विरासत को जीवंत डिजिटल अनुभवों में बदला जा सके.
पुरस्कार इस तरह दिए जाएंगे: पहला पुरस्कार 1,00,000 रुपये का होगा, दूसरा 50,000 रुपये का, तीसरा 30,000 रुपये का और जूरी पुरस्कार 20,000 रुपये का होगा.
मूर्ति ने बताया कि चयनित उम्मीदवारों के आवास और यात्रा खर्च का वहन अदाणी समूह करेगा.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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