नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को घोषणा की कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन अगले साल से और ज्यादा क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं में आयोजित की जाएगी. अभी यह परीक्षा केवल हिंदी, अंग्रेजी और गुजराती में होती है.
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) 2021 से शुरू होने वाली परीक्षाओं के लिए अब इस सूची में और भाषाओं को शामिल करेगी. हालांकि, मंत्रालय ने यह नहीं बताया है कि कौन-सी भाषाएं शामिल की जाएंगी.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक के बाद एक कई ट्वीट करके इस फैसले की जानकारी दी.
?Announcement?
In line with the vision of #NEP2020, the Joint Admission Board (JAB) of #JEE (Main) has decided to conduct the JEE (Main) examination in more regional languages of India. @DG_NTA
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) October 22, 2020
मंत्री ने यह भी कहा, ‘जेएबी (जेईई मेन आयोजित करने वाला संयुक्त प्रवेश बोर्ड) का यह फैसला छात्रों को सवाल अच्छी तरह से समझने और अच्छे अंक हासिल करने में मददगार साबित होगा.’
अभी तक केवल राष्ट्रीय पात्रता और प्रवेश परीक्षा (नीट) का आयोजन ही क्षेत्रीय भाषाओं में होता है. नीट हिंदी व अंग्रेजी के अलावा असमिया, बांग्ला, गुजराती, कन्नड़, मराठी, ओडिया, तमिल, तेलुगु और उर्दू में भी आयोजित होती है.
यह भी पढ़ें: देश में जुलाई-सितंबर में बिके पांच करोड़ स्मार्टफोन, चीनी कंपनियों की हिस्सेदारी 76% रही
‘फैसले का असर दूरगामी होगा’
मंत्रालय की घोषणा में यह भी कहा गया है कि जेईई मेन का आयोजन वहां ‘क्षेत्रीय भाषाओं में किया जाएगा जहां राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश क्षेत्रीय भाषा में आयोजित परीक्षा के आधार पर तय होता है.’
असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा और गुजरात जैसे राज्यों में राज्य की क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग परीक्षा आयोजित की जाती है. अब ऐसे राज्यों में क्षेत्रीय भाषाओं में जेईई मेन के आयोजन का विचार है.
निशंक ने यह भी कहा कि फैसले के दूरगामी नतीजे होंगे क्योंकि पीसा (प्रोग्राम फॉर इंटरनेशनल स्टूडेंट असेसमेंट) परीक्षा में टॉप स्कोर करने वाले देश शिक्षण माध्यम में मातृभाषा का इस्तेमाल करते हैं.
पीसा दुनियाभर के स्कूली छात्रों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय योग्यता परीक्षा है. भारत करीब एक दशक बाद अगले साल फिर इस टेस्ट में हिस्सा लेने वाला है. आखिरी बार 2009 में इसमें हिस्सा लेने वाला भारत टेस्ट में शामिल 73 देशों के बीच 72वें स्थान पर रहा था, केवल किर्गिस्तान ही उससे पीछे था.
एनटीए अधिकारियों के अनुसार, जेईई मेन के लिए सूची में और क्षेत्रीय भाषाएं शामिल करने का फैसला राज्यों के अनुरोध पर लिया गया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले महीने यह मुद्दा उठाया था.
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: दिल्ली दंगे ‘विभाजन के बाद सबसे भयानक दंगे’ थे, राष्ट्र की अंतरात्मा में एक ‘घाव’ था : दिल्ली की सत्र अदालत