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Monday, 17 November, 2025
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US में इंटरनेशनल दाखिले 17 प्रतिशत घटे, लेकिन भारतीय छात्रों की हिस्सेदारी फिर भी सबसे ज़्यादा

इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन की रिपोर्ट के अनुसार 2024-25 में 3,63,019 भारतीय छात्र दाखिल हुए, जो पिछले साल के 3,31,602 से अधिक हैं. इंटरनेशनल छात्रों में भारतीयों की हिस्सेदारी 30.8% रही.

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नई दिल्ली: अमेरिका में वीज़ा को लेकर चल रही अनिश्चितताओं के बीच, ओपन डोर्स 2025 रिपोर्ट—जो 2025-26 शैक्षणिक साल के शुरुआती रुझान दिखाती है—के मुताबिक फॉल 2025 में नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के दाखिलों में 17% की बड़ी गिरावट आई है. यह कमी फॉल 2024 में हुई 7% गिरावट के बाद दर्ज की गई है.

इस साल कुल गिरावट के बावजूद, भारत ने 2024-25 शैक्षणिक वर्ष में लगातार दूसरे साल इंटरनेशनल छात्रों के सबसे बड़े स्रोत (टॉप सोर्स) के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी और चीन को पीछे छोड़ दिया. यह रिपोर्ट हर साल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन (IIE) द्वारा जारी की जाती है, जो अमेरिका में इंटरनेशनल छात्रों और विदेश में पढ़ने वाले अमेरिकी छात्रों पर सबसे भरोसेमंद डेटा स्रोत है.

सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 में 3,63,019 भारतीय छात्र अमेरिका में दाखिल हुए, जो पिछले साल के 3,31,602 से 10 प्रतिशत अधिक है. कुल 11,77,766 इंटरनेशनल छात्रों में भारतीय छात्रों की हिस्सेदारी 30.8 प्रतिशत रही.

चीन दूसरे नंबर पर रहा, जहां से 2,65,919 छात्र आए—जो 2023-24 से 4 प्रतिशत कम है. यह पिछले कम-से-कम आठ सालों में अमेरिका में चीनी छात्रों की सबसे कम संख्या है.

2023-24 में भारत ने 15 साल बाद पहली बार चीन को पीछे छोड़ते हुए अमेरिका में इंटरनेशनल छात्रों का सबसे बड़ा स्रोत बनने का रिकॉर्ड बनाया था.

भारत और चीन मिलकर 2024-25 में अमेरिका के सभी इंटरनेशनल छात्रों का 53.4 प्रतिशत हिस्सा बने. अन्य शीर्ष देश थे दक्षिण कोरिया (42,293), कनाडा (29,903), ताइवान (25,584) और नेपाल (24,890).

रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका में कुल इंटरनेशनल छात्रों की संख्या 2024-25 में 4 प्रतिशत बढ़कर 11,77,766 हो गई, जो 2023-24 में 11,26,690 थी.

लेकिन नए इंटरनेशनल छात्रों—यानी जो फॉल 2024 में पहली बार किसी अमेरिकी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में दाखिला ले रहे थे—की संख्या 7 प्रतिशत घटकर 2,77,118 रह गई, जबकि पिछले साल यह 2,98,705 थी.

रिपोर्ट में कहा गया: “यह गिरावट अलग-अलग अकादमिक स्तरों पर अलग रही — नए अंडरग्रेजुएट छात्रों की संख्या 5% बढ़ी, जबकि नए ग्रेजुएट छात्रों की संख्या 15% घटी.”

रिपोर्ट फॉल 2025 के लिए इंटरनेशनल छात्र दाखिलों की एक “स्नैपशॉट” झलक भी देती है, जो 2025-26 शैक्षणिक वर्ष के शुरुआती रुझान दिखाती है. इसमें 825 से अधिक अमेरिकी उच्च शिक्षा संस्थानों ने भाग लिया.

रिपोर्ट के अनुसार: “नए इंटरनेशनल छात्र दाखिले—यानी जो पहली बार अमेरिका में पढ़ने आए—17 प्रतिशत घटे. कई संस्थान इंटरनेशनल छात्रों की भर्ती पर ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि वे कैंपस में विचारों की विविधता और आर्थिक योगदान दोनों लाते हैं.”

रिपोर्ट में बताया गया कि 81 प्रतिशत संस्थानों ने छात्रों के ‘पर्सपेक्टिव’ को और 60 प्रतिशत ने उनके आर्थिक योगदान को महत्वपूर्ण बताया.

डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन के दौरान कड़े वीज़ा नियम और सोशल मीडिया स्क्रीनिंग नीतियों ने इंटरनेशनल छात्रों के लिए वीज़ा को लेकर अनिश्चितता बढ़ा दी है.

सभी अकादमिक स्तरों में, 2024-25 में 57 प्रतिशत इंटरनेशनल छात्रों ने STEM फील्ड चुनी—जो विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स की पढ़ाई की लगातार बढ़ती मांग को दिखाता है.

कुल मिलाकर, 2024-25 में इंटरनेशनल छात्र अमेरिका की 1,92,47,640 छात्रों वाली उच्च शिक्षा आबादी का 6.1 प्रतिशत थे.

अमेरिका में भारतीयों को मिल रहे वीज़ा में गिरावट

रिपोर्ट में वीज़ा जारी होने में आए बड़े बदलावों को भी उजागर किया गया है, जहां अमेरिकी यूनिवर्सिटीज़ में भारतीय छात्रों की संख्या बढ़ी है, वहीं रिपोर्ट बताती है कि फिस्कल ईयर 2024 में भारतीय छात्रों को जारी किए गए एफ वीज़ा — जो कि अमेरिका में फुल-टाइम पढ़ाई करने वाले छात्रों को दिया जाने वाला नॉन-इमिग्रेंट वीज़ा है — फिस्कल ईयर 2023 की तुलना में 33.2% कम हो गए.

अमेरिका का फिस्कल ईयर 1 अक्टूबर से शुरू होकर अगले साल 30 सितंबर तक चलता है. यानी यहां तुलना 1 अक्टूबर 2022–30 सितंबर 2023 और 1 अक्टूबर 2023–30 सितंबर 2024 के बीच की है. इसमें 2024-25 सेशन के शुरुआती आंकड़े भी शामिल हैं, जो अगस्त-सितंबर के बीच शुरू होता है.

इसी तरह, एम वीज़ा — जो कि व्यावसायिक या नॉन-अकादमिक कार्यक्रमों के लिए दिया जाता है — 18.2% घटा, जबकि जे वीज़ा — जो सांस्कृतिक और शैक्षणिक एक्सचेंज कार्यक्रमों के लिए दिया जाता है — उसी अवधि में 1.7% कम हुआ.

चीनी छात्रों के लिए एफ वीज़ा जारी होना 3.6% घटा, जबकि एम वीज़ा 33.6% बढ़ा और जे वीज़ा 10.9% बढ़ गया.

दक्षिण कोरिया के छात्रों के लिए एफ वीज़ा 8.9% घटा, एम वीज़ा 5.7% कम हुआ, जबकि जे वीज़ा 2024-25 में 5.6% बढ़ा.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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