नई दिल्ली: अमेरिका स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंटरनेशनल एजुकेशन के एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि लगभग 200,000 भारतीय छात्रों ने 2021-22 के शैक्षणिक वर्ष में संयुक्त राज्य अमेरिका को अपने उच्च शिक्षा के गंतव्य के रूप में चुना, जो पिछले शैक्षणिक वर्ष के 1,67,582 की संख्या की तुलना में 19 प्रतिशत अधिक है.
अमेरिकी दूतावास में पब्लिक डिप्लोमेसी की मिनिस्टर ग्लोरिया बर्बेना ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘यह स्पष्ट है कि भारतीय छात्र और उनके माता-पिता अमेरिकी शिक्षा के महत्त्व को पहचानते हैं, जो उन्हें अपने नए प्राप्त ज्ञान का लाभ उठाने के लिए तैयार करता है और उन्हें दुनियाभर की चुनौतियों का सामना करने तथा भविष्य के अवसरों के लिए तैयार करता है, चाहे वह आर्टफिशल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) हो, उभरती प्रौद्योगिकियों हो या फिर उद्यमिता और नवाचार के क्षेत्र में.’
अमेरिका में अध्ययनरत अधिकांश भारतीय छात्र इंजीनियरिंग, गणित और प्रबंधन (मैनेजमेंट) संबंधी पाठ्यक्रमों पर ध्यान देने वाले मास्टर्स प्रोग्राम के लिए पंजीकृत हैं.
संयुक्त राज्य अमेरिका में वर्तमान में पढ़ रहे दस लाख से अधिक विदेशी छात्रों में से लगभग 21 प्रतिशत भारतीय हैं. रिपोर्ट में दिखाया गया है कि अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की कुल संख्या शैक्षणिक सत्र 2020-21 के 9.14 लाख से बढ़कर शैक्षणिक सत्र 2021-22 में 9.48 लाख हो गई.
अमेरिका में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय छात्र अभी चीन से आते हैं. हालांकि, पिछले वर्ष के 3,17,299 की संख्या से शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में 2,90,086 चीनी छात्रों के साथ इन संख्या में लगभग 8 प्रतिशत की गिरावट आई है.
साल 2021 में, अमेरिका ने महामारी की वजह से यहां आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में 15 प्रतिशत की गिरावट देखी.
इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन (आईआईई) ने साल 1919 में अपनी स्थापना के बाद से हरेक साल अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर एक वार्षिक सांख्यिकीय सर्वेक्षण के माध्यम से ओपन डोर्स रिपोर्ट प्रकाशित की है. साल 1972 के बाद से यह सर्वेक्षण अमेरिकी विदेश विभाग के शैक्षिक और सांस्कृतिक मामलों के ब्यूरो के साथ मिलकर आयोजित किया जाता है. ओपन डोर्स रिपोर्ट अमेरिकी विश्वविद्यालयों में अंतर्राष्ट्रीय शोध छात्रों (स्कॉलर्स) की संख्या और पूर्व-शैक्षणिक इंटेंसिव इंग्लिश प्रोग्राम में नामांकित अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या के बारे में भी बताता है.
चीन के आंकड़े को पीछे छोड़ सकता है भारत
अमेरिका में पढ़ रहे भारतीय छात्रों की संख्या शैक्षणिक सत्र 2012-13 के 97,000 से बढ़कर शैक्षणिक सत्र 2021-22 में 2,00,000 के करीब पहुंच गई है.
हालांकि, चीन ने शैक्षणिक सत्र 2012-13 के 235,597 छात्रों की तुलना में शैक्षणिक सत्र 2021-22 में केवल 2,90,086 को छात्रों को अमेरिका भेजा है, जो साल-दर-साल इस देश के छात्रों की संख्या में धीमी वृद्धि को दर्शाता है. साल 2012 में ही अमेरिका में पढ़ने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की चीन की हिस्सेदारी 29 प्रतिशत तक पहुंच चुकी थी.
अमेरिका जाने वाले भारतीय छात्रों की वृद्धि दर के शैक्षणिक सत्र 2022-23 में चीन से आगे निकल जाने की संभावना है. इस साल जून और अगस्त के बीच भारतीय छात्रों के लिए 82,000 अमेरिकी वीजा जारी किए गए जो अन्य सभी देशों की तुलना में में सबसे अधिक संख्या थी.
ओपन डोर्स ने इस सर्वेक्षण में 3,000 शैक्षणिक संस्थानों का शामिल किया था और पाया कि इस देश में 210 देशों के अंतर्राष्ट्रीय छात्र थे.
अनुवाद: रामलाल खन्ना
संपादन ऋषभ राज
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