गुरुग्राम: हरियाणा सरकार ने केंद्र के निर्देशों के बाद राज्य का पहला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) स्थापित करने की तैयारी शुरू कर दी है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रेय ने दिप्रिंट से पुष्टि की कि हरियाणा सरकार को केंद्र से एक संदेश मिला है कि राज्य में आईआईटी स्थापित करने की योजना को मंजूरी दे दी गई है.
दिप्रिंट से बात करते हुए अत्रेय ने कहा कि सरकार ने परियोजना के लिए जमीनी कार्य शुरू कर दिया है, जिसे “जितनी जल्दी हो सके” शुरू किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी प्रस्तावित संस्थान के स्थान को अंतिम रूप नहीं दिया है और इस परियोजना के लिए 300 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की आवश्यकता होगी.
हरियाणा सरकार ने सभी उपायुक्तों को अपने-अपने जिलों में परियोजना के लिए भूमि की उपलब्धता की जांच करने के लिए पत्र लिखा है.
भारत में 23 आईआईटी हैं, और हरियाणा के निकटतम पड़ोसी राज्यों में रोपड़, पंजाब; मंडी, हिमाचल प्रदेश; जोधपुर, राजस्थान; रुड़की, उत्तराखंड; कानपुर, उत्तर प्रदेश; और दिल्ली में एक-एक आईआईटी है.
एक बार स्थापित होने के बाद, यह हरियाणा का पहला आईआईटी होगा.
यह विचार सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद नवीन जिंदल ने रखा था. उन्होंने 19 मार्च को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र कुरुक्षेत्र में आईआईटी स्थापित करने की मांग उठाई थी.
उस दिन एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, “लोकसभा के शून्यकाल में, मैंने माननीय शिक्षा मंत्री से आईआईटी कुरुक्षेत्र की स्थापना करने का आग्रह किया था—एक ऐसा कदम जो हमारे युवाओं को सशक्त बनाएगा, तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देगा और हरियाणा की समृद्ध विरासत का सम्मान करेगा। राज्य सरकार तैयार है, छात्र इंतजार कर रहे हैं—आइए इसे साकार करें!”
सीएम सैनी का विधानसभा क्षेत्र लाडवा भी कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है.
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान हरियाणा भाजपा के प्रभारी भी हैं.
बीजेपी सांसदों की आईआईटी के लिए पैरवी
इस बीच, कुछ राज्यसभा सदस्यों सहित हरियाणा भाजपा सांसदों ने यह सुनिश्चित करने के लिए पैरवी शुरू कर दी है कि उनके संसदीय क्षेत्रों में आईआईटी की स्थापना हो, राज्य भाजपा के एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया.
हरियाणा की दस लोकसभा सीटों में से पांच पर भाजपा के सांसद हैं—मनोहर लाल खट्टर (करनाल), राव इंद्रजीत सिंह (गुरुग्राम), कृष्ण पाल गुर्जर (फरीदाबाद), धर्मवीर सिंह (भिवानी-महेंद्रगढ़) और नवीन जिंदल (कुरुक्षेत्र)। पांच राज्यसभा सीटों में से चार—किरण चौधरी, रेखा शर्मा, सुभाष बराला और राम चंद्र जांगड़ा—भाजपा के पास हैं, जबकि पांचवीं सीट पर निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा हैं, जो भाजपा का समर्थन करते हैं. उनकी मां शक्ति रानी शर्मा कालका विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हैं.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: तमिलनाडु की द्रविड़ पार्टियां देश को बंधक बना रही हैं, भारत को तीन-भाषा नीति की ज़रूरत