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Saturday, 20 April, 2024
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यूपीएससी में फिर लड़कियों ने मारी बाजी, टॉप 3 में तीनों लड़कियां

UPSC की परीक्षा में 685 उम्मीदवार पास हुए हैं. इनमें 244 जेनरल, 73 ईडब्ल्यूएस, 203 ओबीसी, 105 एससी और 60 एसटी वर्ग के उम्मीदवार शामिल हैं.

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नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सर्विसेज एक्जामिशेन 2021 का रिजल्ट घोषित कर दिया है..और इस रिजल्ट में पहले पांच में 3 लड़कियों ने बाजी मारी है. इस परीक्षा में टॉपर श्रुति शर्मा, दूसरे स्थान पर अंकिता अग्रवाल और तीसरे स्थान पर गामिनी सिंगला हैं.

पीएम मोदी ने भी यूपीएससी उत्तीर्ण करने वाले सभी उम्मीदवारों को बधाई दी है. पीएम ने कहा, ‘उन सभी को बधाई जिन्होंने सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा, 2021 को पास किया है. इन युवाओं को मेरी शुभकामनाएं जो भारत की विकास यात्रा के एक महत्वपूर्ण समय में अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत कर रहे हैं, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं.’

इस परीक्षा में 685 उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए हैं. इनमें 244 जेनरल, 73 ईडब्ल्यूएस, 203 ओबीसी, 105 एससी और 60 एसटी वर्ग के उम्मीदवार शामिल हैं.

उत्तर प्रदेश बिजनौर से ताल्लुक रखने वाली श्रुति शर्मा ने अपनी पढ़ाई दिल्ली में पूरी की.शर्मा ने अपनी सफलता के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, ‘मैं परीक्षा पास करने वाली हूं यह तो पता था लेकिन मैं मेरिट लिस्ट में पहले नंबर पर हूंगी यह देखकर मैं चकित हूं.’

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श्रुति शर्मा ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से ग्रैजुएशन किया है और पोस्ट ग्रैजुएशन की पढ़ाई जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से की और पिछले चार वर्षों से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही थीं. श्रुति ने अपनी सिविल सर्विसेज की तैयारी जामिया मिल्लिया इसलामिया रेसीडेंसियल कोचिंग एकेडमी से की है.

श्रुति ने कहा कि ‘अत्यंत सहायक’ माता-पिता और दोस्तों ने उनकी इस यात्रा में मदद की.

उन्होंने कहा, ‘इसका श्रेय उन सभी को जाता है जो मेरी यात्रा में शामिल थे, खासकर मेरे माता-पिता और वे दोस्त जिन्होंने मेरी सहायता की और मार्गदर्शन किया.

आरसीए को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक जैसे वर्गों से संबंधित छात्रों को मुफ्त कोचिंग और आवासीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की तरफ से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है.

जामिया के एक अधिकारी ने बताया कि कोचिंग अकादमी के 23 छात्रों ने परीक्षा पास की है.

वहीं अंकिता अग्रवाल ने दूसरा स्थान जबकि पंजाब की गामिनी सिंगला ने तीसरा रैंक हासिल किया है.

‘कड़ी मेहनत और समर्पण से कुछ भी कर सकते हैं हासिल’

सिविल सेवा परीक्षा में अपने चयन से उत्साहित गामिनी सिंगला ने सोमवार को कहा कि महिलाएं अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से कुछ भी हासिल करने में सक्षम हैं.

पंजाब के आनंदपुर साहिब में रहने वालीं सिंगला ने कहा ‘मैं बहुत ख़ुश हूं. यह सपना सच होने जैसा है. मैंने आईएएस को चुना है और देश के विकास और लोगों के कल्याण के लिए काम करना चाहूंगी.’

अपने दूसरे प्रयास में परीक्षा पास करने वाली सिंगला ने कहा कि उन्होंने मुख्य रूप से सेल्फ स्टडी की है . उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को दिया.

उन्होंने कहा ‘मैं दिन में नौ से दस घंटे पढ़ाई करती थी. मैंने पटियाला में विनोद सर से कोचिंग ली. परीक्षा की तैयारी के लिए मैंने अधिकतर समय खुद ही पढ़ाई की और आखिर में मैं पास हो गयी. मेरे पिता ने परीक्षा की तैयारी में मेरी मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.’

सिंगला के माता-पिता हिमाचल प्रदेश सरकार में बतौर चिकित्सा अधिकारी कार्यरत हैं.

परीक्षा में शीर्ष तीन रैंक महिलाओं के हासिल करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा ‘इससे पता चलता है कि महिलाएं अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से कुछ भी हासिल करने में सक्षम हैं.’

कंप्यूटर विज्ञान में बीटेक की डिग्री रखने वाली सिंगला ने समाजशास्त्र को वैकल्पिक विषय रखा था.

आयोग ने बताया कि परीक्षा में 508 पुरुष और 177 महिलाओं समेत कुल 685 परीक्षार्थी पास हुए और आयोग ने विभिन्न केंद्रीय सेवाओं में नियुक्ति के लिये उनके नामों की अनुशंसा की है.

हर साल सिविल सेवा परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है. यह परीक्षा तीन चरणों में होती है, जिसके तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों का चयन किया जाता है.


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