नई दिल्ली: पहली बार, भारत में 12वीं कक्षा में साइंस स्ट्रीम से पास होने वाली लड़कियों का प्रतिशत आर्ट्स स्ट्रीम से पास होने वाली लड़कियों से ज्यादा हो गया है. यह जानकारी देश भर के 66 शिक्षा बोर्डों के पिछले साल के नतीजों के विश्लेषण में सामने आई है, जिसे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को जारी किया.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में 28.1 लाख लड़कियां 12वीं कक्षा साइंस स्ट्रीम से पास हुईं, जबकि 27.2 लाख ने आर्ट्स स्ट्रीम से पास किया.
2022 में 28.2 लाख लड़कियां आर्ट्स स्ट्रीम से पास हुई थीं, जबकि साइंस स्ट्रीम से 23.3 लाख पास हुई थीं. 2023 में 29.6 लाख लड़कियां आर्ट्स और 25.6 लाख साइंस स्ट्रीम से पास हुई थीं.
मंत्रालय के विश्लेषण में 2013 से 2024 तक के 11 वर्षों में 12वीं कक्षा में साइंस स्ट्रीम से पास होने वाले छात्रों की संख्या में लगातार वृद्धि को रेखांकित किया गया है. 2013 में 36.3 लाख छात्रों ने साइंस स्ट्रीम से पास किया था, जबकि 2024 में यह संख्या 61 लाख हो गई.
लड़कियों के मामले में भी साइंस स्ट्रीम से पास होने वाली संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है — 2013 में यह संख्या 13.4 लाख थी, जो 2024 में 28.1 लाख तक पहुंच गई.
मंत्रालय इस वृद्धि का श्रेय स्कूलों में विषय-विशेष प्रयोगशालाओं, योग्य शिक्षकों, अटल टिंकरिंग लैब्स (ATLs) और स्मार्ट क्लासरूम जैसी सुविधाओं की बेहतर उपलब्धता को देता है. इसके अलावा, यह सरकार की समग्र शिक्षा योजना की सफलता को भी दर्शाता है और यह ज़ोर देता है कि STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स) क्षेत्रों में उच्च शिक्षा की सीटों को बढ़ाया जाए ताकि बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके.
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इन आंकड़ों के पीछे एक वजह यह है कि वंचित तबकों से आने वाली लड़कियां अब पहले से ज़्यादा संख्या में साइंस स्ट्रीम का विकल्प चुन रही हैं.
2013 में ऐसे तबकों से आने वाली 1.7 लाख लड़कियां 12वीं में साइंस स्ट्रीम से पास हुई थीं, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 4.1 लाख हो गई. इसी तरह, अनुसूचित जनजाति (ST) की 60,000 लड़कियां 2013 में साइंस से पास हुई थीं, जो 2024 में बढ़कर 1.4 लाख हो गईं.
बुधवार को मीडिया से बात करते हुए स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने कहा कि छात्रों में साइंस स्ट्रीम के प्रति रुचि तेज़ी से बढ़ रही है.
उन्होंने कहा, “देश भर में लड़कों और लड़कियों दोनों के बीच साइंस स्ट्रीम को प्राथमिकता दी जा रही है, और लड़कियों के बीच यह रुझान और तेज़ है. हमने उच्च शिक्षा विभाग से कहा है कि वे राज्यों के साथ मिलकर काम करें ताकि छात्रों को उनकी पसंद के विषय में आगे की पढ़ाई करने में कोई परेशानी न हो और पर्याप्त सीटें उपलब्ध कराई जा सकें.”
हालांकि, इसी दौरान आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि कॉमर्स स्ट्रीम से 12वीं पास करने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट आई है. 2022 में 18 लाख छात्रों ने कॉमर्स से पास किया था, जो 2024 में घटकर 16.8 लाख रह गई.
मंत्रालय के विश्लेषण से यह भी सामने आया है कि उन राज्यों में जहां कक्षा 10 और 12 के बीच शिक्षा बोर्ड बदलता है, वहां पास प्रतिशत में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. मंत्रालय ने सभी राज्यों से अनुरोध किया है कि एक ही शिक्षा बोर्ड से सभी कक्षाएं संचालित की जाएं.
मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 10 वर्षों में देश के लगभग सभी राज्यों में कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में पास प्रतिशत बेहतर हुआ है, सिवाय कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर के.
मध्य प्रदेश और मेघालय में पास प्रतिशत में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है.
वहीं, कक्षा 12 के स्तर पर 2013 की तुलना में 2024 में सभी राज्यों में पास प्रतिशत में सुधार हुआ है, सिवाय मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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