नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों से पता चला है देश में 34 परसेंट स्कूलों में ही इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है. 50 परसेंट से अधिक स्कूल में फंक्शनल कंप्यूटर्स नहीं हैं.
यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (यूडीआईएसई) 2021-22 के मुताबिक भारत में 14,89,115 स्कूलों में से 5,04,989 स्कूलों के पास ही इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है. जो केवल 33.9 परसेंट है. सिर्फ 24.2 परसेंट सरकारी स्कूल, 53.1 परसेंट सरकारी सहायता प्राप्त और 59.6 परसेंट निजी स्कूल में ही इंटरनेट की सुविधा है.
अगर बात फंक्शनल कंप्यूटर की करें तो 45.8 प्रतिशत स्कूलों में ही फंक्शनल कंप्यूटर हैं. फंक्शनल कंप्यूटर वाले स्कूलों की बात करें तो 35.8 प्रतिशत सरकारी, 67.5 प्रतिशत सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल और 71.9 प्रतिशत निजी स्कूलों में फंक्शनल स्कूल हैं.
यह आंकड़ा ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार शिक्षा में डिजिटल साधनों, स्मार्ट-बोर्ड्स और ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है.
हालांकि, इंटरनेट सुविधा और फंक्शनल कंप्यूटर वाले स्कूल की संख्या 2018-19 के बाद बढ़ी है. पिछले यूडीआईएसई के आंकडों के अनुसार फंक्शनल कंप्यूटर वाले स्कूलों की संख्या 2018-19 के 33.49 प्रतिशत के मुकाबले 2021-22 में बढ़कर 45.8 प्रतिशत हो गई है.
इंटरनेट सुविधा वाले स्कूलों की संख्या भी बढ़कर 2018-19 के मुकाबले 2021-22 में 33.9 प्रतिशत हो गई है.
शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, ‘सरकार इस तथ्य से अच्छी तरह वाकिफ है और इसलिए हम राज्यों में अपने बुनियादी ढांचों को लगातार सुधारने पर जोर दे रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि पिछले कुछ वर्षों में इसमें काफी सुधार हुआ है और हमें उम्मीद है कि यह भविष्य में और बेहतर होगा.’
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दिल्ली के स्कूलों में 100 परसेंट इंटरनेट और फंक्शनल कंप्यूटर
अगर फंक्शनल कंप्यूटर वाले राज्यों की बात करें तो दिल्ली और लक्षद्वीप को शीर्ष पर रखा गया है. यहां के 100 परसेंट स्कूलों में फंक्शनल कंप्यूटर हैं.
पंजाब और चंडीगढ़ ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है जहां 99 परसेंट से अधिक स्कूलों में फंक्शनल कंप्यूटर हैं.
2021-22 में इंटरनेट सुविधा उपलब्ध करवाने के मामले में दिल्ली शीर्ष पर है. दिल्ली के सभी सरकारी स्कूल, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल और निजी स्कूल में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है.
चंडीगढ़ और पुडुचेरी ने भी सूचकांक में अच्छा प्रदर्शन किया है जहां के 98 प्रतिशत स्कूल में इंटरनेट की सुविधा है.
अधिकारी ने कहा कि, ‘राज्यों को बुनियादी ढांचे के विकास के लिए स्कूलों को बजट आवंटित करना चाहिए, खासकर सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के लिए. यह जिम्मेदारी सिर्फ केन्द्र सरकार की ही नहीं है बल्कि राज्यों की भी है.’
गुरुवार को जारी यूडीआईएसई के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि 2021-22 में 13.4 प्रतिशत स्कूलों में बिजली कनेक्शन भी नहीं थे.
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