नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में दाखिले के लिए पेश की जा रही 70,000 सीटों पर छह लाख से अधिक छात्र आपस में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं.
इन वरिष्ठ शिक्षाविद ने कहा कि विश्वविद्यालय की कक्षाएं नवंबर के पहले सप्ताह से शुरू होने की संभावना है.
हाई कट-ऑफ की समस्या से बचने और सभी छात्रों को बराबरी का मौका देने के लिए इस साल दिल्ली विश्वविद्यालय समेत सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के जरिए ही दाखिले हो रहे हैं.
सीयूईटी के लिए पंजीकरण करवाने वाले कुल 6 लाख 14 हजार छात्रों ने दिल्ली विश्वविद्यालय को अपने पसंदीदा उच्च शिक्षा संस्थान के रूप में चुना है, जो पिछले साल की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक है. इस केंद्रीय विश्वविद्यालय में इस वर्ष 67 कॉलेजों में 79 स्नातक कार्यक्रम और 206 कला स्नातक के संयोजन पेश किये जा रहे हैं.
सोमवार को विश्वविद्यालय ने अपना कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (सीएसएएस) पोर्टल लॉन्च किया, जहां छात्र 3 अक्टूबर तक स्नातक की कक्षाओं में प्रवेश के लिए अपना पंजीकरण करवा सकते हैं.
पहले चरण में आवेदन पत्र भरने का काम शामिल होगा. उसके बाद दूसरे चरण में छात्र अपने पसंद के प्रोग्राम्स का चयन करेंगे और अपनी प्राथमिकताएं भरेंगे. दूसरा चरण सीयूईटी (यूजी) के परिणाम घोषित होने के बाद ही शुरू होगा.
आवेदन पत्र भरने की प्रक्रिया
सीएसएएस 2022 प्रवेश प्रक्रिया छह चरणों में आयोजित की जाएगी. आवेदन पत्र के लिए छात्र को अपने सीयूईटी पंजीकरण संख्या की आवश्यकता होगी और पंजीकरण संख्या प्रदान करने के बाद उनका व्यक्तिगत विवरण सीएसएएस पोर्टल में स्वतः एकीकृत हो जाएगा. इसके बाद छात्रों को कक्षा 12 में पास किए गए विषयों के अंक भरने होंगे, जिसके बाद वे सभी जरूरी दस्तावेज जमा करेंगे और फिर पंजीकरण शुल्क का भुगतान करेंगे.
अनारक्षित/ओबीसी/एनसीएल/ईडब्ल्यूएस वर्गों उम्मीदवारों के लिए सीएसएएस आवेदन शुल्क 250 रुपये है, जबकि एससी/एसटी/विकलांग उम्मीदवारों श्रेणी को 100 रुपये का भुगतान करना होगा. वाइस चांसलर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ईसीए/स्पोर्ट्स सुपरन्यूमरी कोटा में आवेदन करने के लिए 100 रुपये का अतिरिक्त शुल्क देना होगा.
छात्र जितने भी प्रोग्राम्स में प्रवेश लेना चाहते हैं, उनका चयन कर सकते हैं. हालांकि, उन्हें अपने सीयूईटी यूजी 2022 मेरिट स्कोर के आधार पर अपने लिए विशिष्ट कार्यक्रम की पुष्टि करनी होगी.
विश्वविद्यालय के अधिकारी इस बात पर जोर देते हैं कि छात्रों को अपने दाखिले की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए प्रोग्राम्स और कॉलेज के चयन के लिए अधिक से अधिक वरीयताएं भरनी चाहिए. प्रवेश प्रक्रिया उन्हें अपने लिए आवंटित सीट को ‘अपग्रेड’ करने का विकल्प भी देगी, जिसके माध्यम से वे उन्हें आवंटित संस्थान की तुलना में अधिक प्रसिद्ध कॉलेज चुन सकते हैं.
विश्वविद्यालय के पास ‘मिड-एंट्री’ का विकल्प भी होगा – यह एक ऐसा अंतराल होगा जिसके माध्यम से निर्धारित समय के भीतर सीएसएएस के लिए आवेदन करने में विफल रहने वाले छात्र 10,000 रुपये का शुल्क देकर ऐसा कर सकते हैं.
खाली सीटों को भरने के लिए दूसरे दौर के सीट आवंटन के बाद विश्वविद्यालय में ‘स्पॉट एडमिशन’ का दौर भी होगा. जिन छात्रों को किसी भी कॉलेज में दाखिला नहीं मिल सका होगा, वे इसके लिए आवेदन कर सकेंगें.
शैक्षणिक सत्र
प्रवेश का पहला दौर 10 अक्टूबर से शुरू होने की उम्मीद है.
दिल्ली विश्वविद्यालय को 1 नवंबर तक अपना नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने की उम्मीद है, और इसे 180-दिवसीय शिक्षण अवधि के अंत में प्रथम सत्र की परीक्षा आयोजित करने की भी उम्मीद है. वाइस चांसलर ने कहा, ‘हम प्रवेश प्रक्रिया के सुचारू और पारदर्शी होने की उम्मीद कर रहे हैं. हम पहले दौर में अधिक से अधिक छात्रों को दाखिला देने का प्रयास करेंगे. शैक्षणिक सत्र को संभावित रूप से 1 नवंबर से शुरू हो जाना चाहिए.’
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