नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश भर में कोविड-19 महामारी के बढ़ते मामलों के मद्देनजर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं की परीक्षा रद्द कर दी है जबकि 12वीं की परीक्षा स्थगित करने का फैसला किया है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय शिक्षा सचिव तथा अन्य शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में बुधवार को हुई एक बैठक में यह फैसला लिया गया.
बैठक के बाद एक बयान जारी कर परीक्षाओं के संबंध में लिए गए निर्णयों की जानकारी साझा की गई.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई नेताओं ने कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते खतरों के मद्देनजर सीबीएसई परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की थी.
शिक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि दसवीं का परिणाम बोर्ड द्वारा बनाए गए मानदंड के आधार पर तैयार किए जाएंगे.
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि 12 वीं की परीक्षाएं बाद में आयोजित की जाएंगी. मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि 15 दिन का नोटिस दिया जाएगा और उसके बाद परीक्षा आयोजित की जाएगी.
Board Exams for Class 10th cancelled & 12th postponed. Results of Class 10th will be prepared on the basis of an objective criterion to be developed by the Board. Class 12th exams will be held later, the situation will be reviewed on 1st June by the Board: Ministry of Education pic.twitter.com/ljVuUkEChB
— ANI (@ANI) April 14, 2021
बोर्ड इस बाबत 1 जून को समीझा बैठक करेगी.
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि कक्षा 10 के छात्रों के आतंकरिक मूल्यांकन के आधार पर पदोन्नत किया जाएगा.
उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई छात्र मूल्यांकन से संतुष्ट नहीं है, तो वह परीक्षा के लिए उपस्थित हो सकता है, लेकिन कोविड से स्थिति सामान्य होने के बाद.
जिद छोड़कर सीबीएसई परीक्षाओं को रद्द करे सरकार: प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने बुधवार को सरकार से आग्रह किया था कि देश में कोरोनावायरस संक्रमण की स्थिति को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं को रद्द कर देना चाहिए.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैंने पिछले दिनों से सीबीएसई के कई छात्र-छात्राओं की बात सुनी है. कोरोना की दूसरी लहर की भयावह स्थिति में कोई चर्चा बच्चों के स्वास्थ्य व सुरक्षा पर चर्चा के बिना अधूरी है. प्रधानमंत्री जी, शिक्षामंत्री जी, छात्र-छात्राओं के मन की बात सुनो. जिद्द छोड़ो और परीक्षाओं को रद्द करो.’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिन्होंने मंगलवार को अपने कांफ्रेंस में कहा था कि लाखों की संख्या में बच्चे इस परीक्षा में शामिल होंगे और ये परीक्षाएं कोरोना बम की तरह साबित हो सकती हैं..उन्होंने इस बाबत प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक को एक खत भी लिखा था..
केजरीवाल ने परीक्षा रद्द और स्थगित किए जाने का स्वागत करते हुए ट्वीट किया कि ‘मैं खुश हूं की परीक्षाएं स्थगित और रद्द कर दी गईं है इससे लाखों छात्रों और परिवार वाले राहत की सांस लेंगे.’
वहीं दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने भी परीक्षा रद्द किए जाने का स्वागत किया है. उन्होंने कहा, ‘छात्रों को परीक्षा रद्द होने के बाद घूमने फिरने की इजाजत नहीं दी गई है बल्कि उन्हें प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करनी चाहिए.’
सिसोदिया ने कहा, ‘हमें खुशी है कि छात्रों की हित में फैसला लिया गया है.’
ये परीक्षाएं चार मई से प्रस्तावित हैं.