नई दिल्ली: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) एस्पिरेंट्स का विरोध प्रदर्शन जारी है. वह इस महीने की शुरुआत में आयोजित बिहार संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (CCE) की प्रीलिम्स परीक्षा को कथित गड़बड़ियों के कारण रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
पटना के गांधी मैदान में एकत्र छात्रों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा पानी की बौछारों और लाठियों का इस्तेमाल करने के अगले दिन, प्रदर्शनकारी एस्पिरेंट्स के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा से मुलाकात की, जहां उन्होंने दोबारा परीक्षा कराने से लेकर छात्रों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर हटाने तक की कई मांगें रखीं.
एस्पिरेंट्स में से एक शुभम स्नेहिल ने कहा, “हमने मुख्य सचिव के सामने दोबारा परीक्षा कराने की अपनी मांग रखी है. उचित कार्रवाई की जाएगी, जब तक फिर से परीक्षा की घोषणा नहीं हो जाती, हमारा विरोध जारी रहेगा. छात्र गुस्से में हैं. अगर वो हमारी मांगों को पूरा नहीं करते हैं, तो हम तब तक विरोध करते रहेंगे जब तक आयोग उनका अनुपालन नहीं करता.”
एस्पिरेंट्स पटना के गर्दनीबाग में लगभग दो हफ्ते से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस विवाद ने राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ा दी है और कुछ नेता छात्रों के समर्थन में आगे आए हैं. हालांकि, छात्रों का आरोप है कि राजनीतिक दल उनके विरोध को हाईजैक करने की कोशिश कर रहे हैं.
एक एस्पिरेंट आशुतोष कुमार ने कहा, “अब सभी को पता है कि परीक्षा रद्द होने वाली है और सभी राजनीतिक दल इसका श्रेय लेना चाहते हैं.”
आरा और दरभंगा में वामपंथी दलों और राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ताओं ने ट्रेनें रोक दीं, छात्र संगठनों के सदस्य ट्रेन के इंजन पर चढ़ गए और सरकार के खिलाफ नारे लगाए. प्रदर्शन के कारण दरभंगा में एक घंटे और आरा में दस मिनट तक रेल परिचालन बाधित रहा, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटा दिया.
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) और इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) जैसे छात्र संगठनों ने भी आरा, बेतिया, सीवान, बेगूसराय, बक्सर और समस्तीपुर में सड़क जाम कर प्रदर्शन किया.
विरोध प्रदर्शन ‘हाईजैक’
रविवार को मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया. उसी दिन गांधी मैदान में ‘छात्र संसद’ आयोजित की गई. रविवार के विरोध प्रदर्शन के बाद जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर और मनोज भारती, पूर्व भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी आनंद मिश्रा, कोचिंग संचालक रहमानशु मिश्रा और 21 अन्य नामजद व्यक्तियों के साथ ही 600 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.
रविवार देर रात किशोर बीपीएससी एस्पिरेंट्स से मिलने गर्दनीबाग भी गए. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में किशोर को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “आप हमसे कंबल मांगते हैं और हमारे साथ राजनीति करते हैं. इस टिप्पणी से एस्पिरेंट्स भड़क गए और उन्होंने कहा, आप यहां से चले जाइए. पिटने के बाद क्यों आए हैं?”
कुछ छात्रों ने यह भी बताया कि विरोध स्थल पर मौजूद सभी लोग एस्पिरेंट्स नहीं थे. “प्रशांत किशोर ने छात्रों से उनके एडमिट कार्ड मांगे, क्योंकि विरोध प्रदर्शन में कई राजनीतिक नेता शामिल हुए हैं, जो बीपीएससी के छात्र नहीं हैं. किशोर भी गुस्से में आ गए और हताशा में कुछ भी कह दिया, लेकिन उन्होंने ही मुख्य सचिव को पत्र लिखा है.”
किशोर ने शनिवार को कहा था, “अगर पुलिस लाठीचार्ज करती है तो सबसे पहले मैं लाठी खाऊंगा.” हालांकि, रविवार को पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किए जाने से पहले ही वे वहां से चले गए. इस दौरान एस्पिरेंट्स ने “पीके वापस जाओ” के नारे लगाए और किशोर तथा प्रदर्शनकारी एस्पिरेंट्स के बीच तीखी नोकझोंक हुई.
सोमवार को किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना रुख स्पष्ट किया. उन्होंने कहा, “हम पटना पुलिस के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराएंगे. हम उन्हें कोर्ट भी ले जाएंगे. मानवाधिकार भी पुलिस के खिलाफ हस्तक्षेप करेगा. पटना पुलिस में कुछ ऐसे अधिकारी हैं, जिन्हें हीरो बनने का शौक है.”
उन्होंने कहा, “अगर 2 जनवरी तक यह मामला नहीं सुलझा तो मैं धरने पर बैठा रहूंगा. बच्चे जो भी कहें, उससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. मुझे किसी बात का बुरा नहीं लगा.”
पुलिस ने कोचिंग संचालक रहमानशु समेत 12 एस्पिरेंट्स को हिरासत में भी लिया है. इस बीच, एक एस्पिरेंट की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया.
रविवार रात लाठीचार्ज में घायल प्रदर्शनकारियों से निर्दलीय लोकसभा सांसद पप्पू यादव ने भी अस्पताल में मुलाकात की और उन्हें किशोर से जुड़ने से आगाह करते हुए कहा, “मैंने कितनी बार समझाया है कि हमें राजनीति नहीं करनी चाहिए?”
उन्होंने छात्रों से कहा, “मैंने आपको मना किया था और संदेश दिया था कि इसमें शामिल न हों. किशोर आंदोलन खत्म कर देंगे. अगर आप लंबी लड़ाई लड़ेंगे, तो जीतेंगे. अगर लड़ाई छोटी करेंगे, तो हारेंगे. आपको गर्दनीबाग नहीं छोड़ना चाहिए था.”
करीब दो हफ्ते से विरोध प्रदर्शन और कई बार लाठीचार्ज का सामना करने के बावजूद छात्रों को उम्मीद है कि बीपीएससी जल्द ही परीक्षा रद्द करने की घोषणा करेगा.
शुभम ने कहा, “उन्होंने फैसले लेने के लिए 24 घंटे का समय मांगा है और कल वह अपना फैसला बताएंगे. हमें उम्मीद है कि दोबारा परीक्षा होगी और नई तिथियों की घोषणा की जाएगी.”
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